December 12, 2024

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कौशाम्बी09दिसम्बर24*धान केंद्र में किसान परेशान व्यापारियों की हो रही तौल*

कौशाम्बी09दिसम्बर24*धान केंद्र में किसान परेशान व्यापारियों की हो रही तौल*

कौशाम्बी09दिसम्बर24*धान केंद्र में किसान परेशान व्यापारियों की हो रही तौल*

*धान खरीद केंद्र मंडी समिति ओसा में किसान बनकर एक दर्जन व्यापारी माफिया रहते हैं पूरे दिन मौजूद*

*कौशाम्बी* धान खरीद केंद्र मंडी समिति ओसा व्यापारी से माफिया बन चुके किसानों के हवाले हो गया है जिससे किसानों की धान की तौल नहीं हो रही हैं मजबूर हो कर किसान औने पौने दाम पर धान की उपज को बेचने के लिए परेशान दिखाई पड़ रहा है धान खरीद केंद्र ओसा में किसानों से तमाम नियम कायदे कानून बताकर उसके धान की तौल नहीं कराई जाती है और जिन किसानों ने खरीद केंद्र में धान का भंडारण कर दिया है उनके एक सप्ताह 10 दिन बीत जाने के बाद भी उपज की तौल का नंबर नहीं आता है जबकि किसान के रूप में यह माफिया बने व्यापारी पूरे दिन धान खरीद केंद्र में मौजूद रहते हैं और उनके धान की तौल गांव घर से होकर के केंद्र में उतर रहा है इतना ही नहीं मंझनपुर विकासखंड क्षेत्र के किसानों की धान तौल करने के बजाय सरसवां विकासखंड क्षेत्र कड़ा विकासखंड क्षेत्र और सिराथू विकासखंड क्षेत्र के गांव के माफियाओं का धान सीधा गांव से तौल कर ट्रैक्टर और ट्रक में लोड करके खरीद केंद्र ओसा के चट्टे पर उतरे जा रहे हैं जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है किसानों की तौल में उनकी उपज को आधा किलो ज्यादा तौल किया जा रहा है किसानों से पल्लेदारी के नाम पर 35 रुपए कुंतल की वसूली होती है इसके अलावा भी सैकड़ो रुपए प्रति कुंतल की वसूली केंद्र प्रभारी के गुर्गों द्वारा खुलेआम धान खरीद केंद्र में होती है किसानों के हो रहे शोषण के बाबत अधिकारी गंभीर नहीं है इस संबंध में जिला बिपरण अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि ट्रक से मील को धान भेजा गया था लेकिन मिल मालिक ने धान लेने से इनकार कर दिया है उनका कहना है धान की क्वालिटी खराब थी जिससे मिल से धान वापस आया है जबकि मौके पर किसी भी प्रकार के अभिलेख धान मिल भेजने का और धान मिल से धान वापस आने का मार्केटिंग इंस्पेक्टर नहीं दिखा सके हैं घण्टो बाद धान भेजने का जो प्रपत्र दिखाया गया है वह 7 दिसंबर का है अब सवाल उठता है कि 7 दिसंबर के प्रपत्र पर यदि धान भेजा गया था तो वह 9 दिसंबर तक ट्रक कहां खड़े थे उनका कहना है कि हमने अपना पक्ष बता दिया है सच्चाई क्या है वह आप लिखो हम उसके बाद जांच करेंगे लेकिन अधिकारियों के इन कारनामों से किसानों का शोषण लगातार जारी है जिससे किसान परेशान है

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