November 17, 2025

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कौशाम्बी06मार्च24*डिप्टी सीएम पर भारी पड़े पूर्व विधायक घोटाले बाज पंचायत सचिव को फिर मिला चार्ज*

कौशाम्बी06मार्च24*डिप्टी सीएम पर भारी पड़े पूर्व विधायक घोटाले बाज पंचायत सचिव को फिर मिला चार्ज*

कौशाम्बी06मार्च24*डिप्टी सीएम पर भारी पड़े पूर्व विधायक घोटाले बाज पंचायत सचिव को फिर मिला चार्ज*

*3 साल से अधिक समय से तैनात पंचायत सचिव को हटाने के निर्देश के बाद फिर पुराने ब्लाक पर दे दी गई तैनाती*

*सरकारी रकम में लूट के चलते बार-बार निलंबन गिरफ्तारी जेल जाने के अभ्यस्त पंचायत सचिव पर मेहरबान है पंचायत विभाग के अफसर*

*कौशाम्बी* सरकारी खजाना लूटो मौज करो कार्यवाही और जांच के नाम पर सब लीपा पोती करके लुटेरों को बचाने की रणनीति में विभागीय अधिकारी पूरी तरह से संलिप्त रहते हैं पंचायत विभाग के अधिकारियों द्वारा योगी सरकार को तो झूठी रिपोर्ट देकर के गुमराह करना ही है इस अभियान पर कौशांबी जिले के पंचायत विभाग के अफसर का खेल बेखौफ तरीके से चल रहा है जिससे विकास योजनाओं की 40 प्रतिशत रकम भी ग्राम क्षेत्र में खर्च नहीं हो रही है बार-बार घोटाला बार-बार मुकदमा बार-बार जांच बार-बार निलंबन गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने के बाद जांच के नाम पर लीपा पोती कर फिर बहाल कर दिए जाते हैं सरकारी खजाना लूटने वाले पंचायत सचिव से पंचायत विभाग के अफसर की नजदीकी कम नहीं हुई है आखिर सरकारी खजाना लूटने वाले पंचायत सचिव से अफसर के क्या रिश्ते हैं यह बड़ी जांच का विषय है लेकिन उसके बाद भी ना तो सरकारी खजाना लूटने वाले पंचायत सचिव के कारनामे की निष्पक्ष हो पाती है और ना ही सरकारी खजाना लूटने वाले पंचायत सचिव से रिश्ते रखने वाले पंचायत विभाग के अधिकारियों के कारनामों की जांच नही हो पाती है बार-बार खजाना लूटने वाले पंचायत सचिव को विभाग बर्खास्त नहीं कर सका है जिससे पंचायत विभाग का सरकारी खजाना लूटने में लगे कर्मचारी अधिकारी मालामाल हो रहे हैं

बताया जाता है कि पंचायत विभाग का खजाना बार-बार लूटने वाले एक पंचायत सचिव को सिराथू बिकास खण्ड क्षेत्र के गांव में बार बार चार्ज देने के मामले में एक पूर्व विधायक का लगातार दबाव रहता है जबकि डिप्टी सीएम ने तीन वर्ष से अधिक समय से तैनात पंचायत सचिव को स्थानांतरित किए जाने के निर्देश दिया डिप्टी सीएम के निर्देश का पालन पंचायत विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे हैं पूर्व विधायक के दबाव में डिप्टी सीएम के निर्देश की धज्जियां भी विभागीय अधिकारी उड़ा रहे हैं सिराथू तहसील के कई ग्राम पंचायत से पंचायत सचिव घोटाले के आरोप में निलंबित हो चुका है तैनाती मिलने के बाद इस पर बार-बार घोटाले का आरोप लगा है पहली जांच के दौरान घोटाले की पुष्टि भी हुई है मुकदमा भी दर्ज हुआ कई बार निलंबित भी किया जा चुका है गिरफ्तारी भी हुई जेल भी भेजा गया लेकिन अभी तक घोटाले की रकम की वसूली नहीं हुई है बर्खास्त की कार्यवाही भी नहीं हुई जिला विकास अधिकारी का कहना है कि थोड़ी-थोड़ी रकम वेतन से रिकवरी की जा रही है सरकारी खजाने को लूटने वाले सरकारी कर्मचारियों के भवन को नीलम करके क्यों सरकारी रकम को वसूली नहीं कराई जाती है घोटालेबाजी ग्राम विकास अधिकारियों की जांच के नाम पर पत्रावली लंबित है जांच में लीपा पोती कर विभाग के अधिकारी घोटाले बाज पंचायत सचिव को बचाने की पूरी योजना बना चुके हैं बताया जाता है कि सिराथू तहसील क्षेत्र के एक दर्जन गांव में उसे तैनाती दी गयी है जिससे पंचायत विभाग के अफसर के कार्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं

*सरकारी खजाना लूटने में लगे रैकेट के सदस्य अधिकारी कर्मचारी पर कब होगी कार्रवाई*

*कौशाम्बी* सरकारी खजाना लूटने वाले लोगों पर आरोप लगने के बाद उन्हें निलंबित किया जाता है लेकिन जांच के दौरान फर्जी तरीके से लीपा पोती कर उन्हें बहाल कर दिया जाता है जिससे वह घोटाले के आरोप से मुक्त हो जाते हैं इस मामले में विभागीय अधिकारियों की भी पूरी तरह से निष्ठा सवालों के घेरे में खड़ी है जिला विकास अधिकारी विजय कुमार के कार्यकाल में कई ग्राम विकास अधिकारियों पर घोटाले का आरोप लगा लेकिन जांच के दौरान पत्रावली को लीपा पोती कर निस्तारित कर दिया गया है जिससे फिर उन्हें चार्ज दे दिया गया और वह फिर सरकारी खजाना को लूटने में लगे हुए हैं योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन में आखिर सरकारी खजाना कैसे सुरक्षित होगा यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है ग्राम विकास अधिकारी सतीश चौधरी के बाबत जब जिला विकास अधिकारी से बात किया गया तो तमाम मामलों की उन्हें जानकारी नहीं है जिससे वह उत्तर नहीं दे सके जिला पंचायत राज अधिकारी रवि शंकर द्विवेदी से बात की गई तो उनका कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी को दंडित किया जाएगा उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव की तैनाती जिला अधिकारी देते हैं और गलत तरीके से तैनाती हुई है तो आप जिलाधिकारी से बात कर ले सरकारी खजाना लूटने वाले पंचायत सचिव को तैनाती दिए जाने के मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी से भी बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन ना उठाने से उनके पक्ष की जानकारी नहीं हो सकी है

*विकास योजनाओं को तरस रही जनता*

*कौशांबी* योगी सरकार ग्राम पंचायत के विकास को लेकर के बड़े नियम बना रही है विभिन्न योजनाओं में ग्राम पंचायत को करोड़ों का धन उपलब्ध कराए जा रहे हैं लेकिन पंचायत विभाग में बड़ी कमीशन खोरी के चलते ग्राम पंचायत के विकास नहीं हो रहे हैं योजना में घोटाला करने में पूरा रैकेट सक्रिय है 40 प्रतिशत की रकम ग्राम पंचायत की योजनाओं में खर्च नहीं हो रहे हैं घोटाले में लगे ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारियों को वरीयता दी जा रही है घोटाले में शामिल रैकेट को बेनकाब करने की जरूरत है यदि ग्राम पंचायत के विकास के घोटाले की प्रदेश स्तर से अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई गई तो ब्लॉक तहसील जिला स्तरीय कई अधिकारी जांच की आंच में झूलस सकते हैं।

Taza Khabar