June 29, 2025

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कौशांबी 6 अप्रैल*एयरपोर्ट से कौशांबी तक फोरलेन सड़क निर्माण में मुआवजा देने के बाद हो सड़क का निर्माण*

कौशांबी 6 अप्रैल*एयरपोर्ट से कौशांबी तक फोरलेन सड़क निर्माण में मुआवजा देने के बाद हो सड़क का निर्माण*

कौशांबी 6 अप्रैल*एयरपोर्ट से कौशांबी तक फोरलेन सड़क निर्माण में मुआवजा देने के बाद हो सड़क का निर्माण*

*किसानों की जमीन में जबरिया सड़क निर्माण कराए जाने पर न्यायालय जाने को मजबूर होंगे किसान*

*कौशाम्बी।* एयरपोर्ट प्रयागराज से कौशांबी तक फोरलेन सड़क के निर्माण में मुआवजा न मिलने से आक्रोशित किसानों ने अधिकारियों से वार्ता कर स्पष्ट किया है कि उनकी जमीन का मुआवजा दिए जाने के बाद फोरलेन सड़क का निर्माण कराया जाए किसानों ने साफ शब्दों में कहा है कि उनकी जमीन का मुआवजा दिए बिना सड़क का निर्माण शुरू किया गया तो किसान सड़क पर उतर जाए विरोध प्रकट करेंगे

प्रयागराज एअरपोर्ट से कौशांबी तक फोरलेन रोड का कार्य मुख्यमंत्री योगी के घोषणा के अनुसार हो रहा है जिसमे विजिया चौराहा हनुमान मंदिर के पास से कौशाम्बी थाना तक रोड भूलेख के नक्शे मे नहीं है जिसमे कोसम इनाम परगना करारी तहसील मंझनपुर कौशाम्बी के गाटा 1604,1603,1601,1669, 1670,1074, 1073,1071,1069,1068,1067,1066, 1065,1042,1043, 1037,1036, 1035, 1031, 1032, 1029, 1030,992,905,996,99 7,998,1000, 1001, 1002,975,906,978,976,1007, 1008, 1009,1010,1011 3 गाटा किसानो की जमीन पड़ रही है आक्रोशित किसानों ने कहा कि मुआवजे की फाइल लेखपाल के पास बनी है सभी किसान सरकार के कार्य में बाधा नहीं उत्पन्न करना चाहते है सरकार ने किसानो के मुआवजे की धनराशि इस कार्य के लिए अवमुक्त किया है इसलिए सभी किसानों की मांग है कि उपरोक्त कार्य मे हम लोगों की जितनी जमीन जा रही है उसका मुआवजा हम लोगों को दे दिया जाय तभी फोरलेन सड़क निर्माण कार्य कराया जाय बिना सहमति पत्र के कार्य न कराया जाय

सड़क निर्माण में लगे अधिकारियों से किसानों ने साफ-साफ कहा कि यह विधि संगत नहीं है। अन्यथा हम सभी किसान न्यायालय की शरण मे जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे जिसके जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग व राजस्व अधिकारी कर्मचारी होंगे | किसानों ने कहा कि मुआवजा न मिलने से कई किसान बहुत सदमे में है यदि किसी किसान को कुछ हो जाता है तो उसके जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग के अधिकारी होंगे अधिकारियों से वार्ता के दौरान किसानों ने कहा कि जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता है तब तक हम किसानो कि भूमिधारी जमीन पर किसी तरह का कोई कार्य न कराया जाय। यदि किसानो को मुआवजा दिये बगैर कार्य प्रारम्भ किया गया तो किसान मजबूरन न्यायालय की शरण मे जाने के लिए बाध्य होगा।

 

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