August 17, 2025

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कानपूर देहात 19मई25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कानपुर देहात की कुछ महत्वपूर्ण खबरें---

कानपूर देहात 19मई25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कानपुर देहात की कुछ महत्वपूर्ण खबरें—

कानपूर देहात 19मई25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कानपुर देहात की कुछ महत्वपूर्ण खबरें—

*जनपद में संचालित 108 102 एंबुलेंस सेवा के संचालन में किए जा रहे फर्जीवाड़ा के खेल में नोडल अधिकारी की पहल पर सी.एम.ओ ने लगाई लगाम*

 

*अब मासिक बिलों के सत्यापन में उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के जिम्मेदारों को करनी पड़ेगी लंबी कवायद*

 

*उपरोक्त व्यवस्था लागू होने से अब नहीं लग पाएंगे उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के फर्जी फेरे*

 

*मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने आदेश में अब जनपद के प्राथमिक स्वास्थ्य / सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो के प्रभारियो के साथ साथ उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का जनपद में संचालन का काम देख रहे लोगों की भी शामिल कर दी है जवाबदेही*

 

कानपुर देहात… जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार सिंह ने जनपद में संचालित 108 एवं 102 एंबुलेंस सेवा तथा एलएस एंबुलेंस सेवा के मासिक बिलों के सत्यापन किए जाने की व्यवस्था में तब्दीली करके जनपद में उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के हो रहे दुरुपयोग पर कड़ी लगाम लगाने की व्यवस्था लागू करके उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के जिम्मेदारों के दांत खट्टे कर दिए है…
अभी हाल में 108 एवं 102 तथा एलएस एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी/ डिप्टी सीएमओ डॉक्टर आदित्य सचान द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुखरायां का निरीक्षण करने के दौरान यहां 102 एवं 108 एंबुलेंस सेवा के एक वाहन को जहां फर्जी फेर लगाते हुए पकड़ा था वही उपरोक्त एंबुलेंस वाहनों पर निरीक्षण के दौरान तमाम खामियां मिली थी… नोडल अधिकारी की पहल पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उपरोक्त व्यवस्था लागू करके उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन का कार्य देख रहे लोगों की हालत पतली कर दी है…. अब उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के जिम्मेदारों को मासिक बिलों का सत्यापन कराने के लिए लंबी कवायद करनी पड़ेगी… साथ ही उन्हें स्वयं उपरोक्त बिलों को स्वयं स्वप्रमाणित करना पड़ेगा…
प्राप्त जानकारी के आधार पर इन दिनों जनपद कानपुर देहात में 108 एवं 102 एंबुलेंस सेवा के संचालन में चल रहे फर्जीवाड़ा के खेल की वास्तविक भनक मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक पहुंचने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने बीते दिनों एक पत्र जारी करते हुए उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के प्रतिमाह सत्यापित किए जाने वाले बिलों की सत्यापन किए जाने की व्यवस्था में तब्दीली कर दी है सूत्र बताते हैं कि अब उपरोक्त मासिक बिलों का सत्यापन कराने के पहले उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के जिम्मेदारों को पहले जनपद के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो/ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो के प्रभारियो से उपरोक्त बिलों को सत्यापित करवाने के बाद ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर से उपरोक्त मासिक बिलों का सत्यापन किया जाएगा साथ ही उपरोक्त बिलों को उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के जिम्मेदार के द्वारा भी स्वप्रमाणित करना होगा… मुख्य चिकित्सा अधिकारी का उपरोक्त आदेश जारी होते ही उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के जिम्मेदारों की हालत पतली हो गई है वहीं माना जा रहा है कि उपरोक्त व्यवस्था लागू होने से उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के फर्जी फेरो पर लगाम लगने की उम्मीद बढ़ गई है वहीं उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के जिम्मेदारों के बीच उपरोक्त व्यवस्था लागू होने के बाद हलचल मची हुई है कि अब कैसे उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली कंपनी के द्वारा दिए गए प्रतिदिन के निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति होगी… क्योंकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के उपरोक्त आदेश के तहत अब उपरोक्त बिलों का सत्यापन कराने वाले उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का जनपद स्तर पर संचालन का कार्य देख रहे जीवीके कंपनी के जिम्मेदार लोगों की भूमिका भी शामिल कर ली गई है… 108 102 एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी/ डिप्टी सीएमओ डॉक्टर आदित्य सचान ने बताया है कि जनपद में संचालित उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन में अभी और सुधार होगा… उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का संचालन शासन की मंशा के अनुरूप ही चल सकेगा किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा एक सवाल के जवाब में नोडल अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि वह आकस्मिक रूप से उपरोक्त एंबुलेंस सेवा की संचालन व्यवस्था का निरीक्षण करने का अभियान निरंतर जारी रखेंगे किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी….
[5/19, 4:57 AM] +91 96283 30454: *बच्चों के समक्ष भावुक होने से बचता है एक पिता, क्योंकि वह अपने बच्चों को उदास और कमजोर नहीं देखना चाहता*

कानपुर देहात। अमूमन भारतीय समाज में पिता का बच्चों के साथ भावुक होना असहज करता है। जब कोई पिता अपने बच्चे को गले लगाता है, आंखें भर आती हैं या खुलकर प्यार जताता है तो समाज चुप हो जाता है जैसे किसी तयशुदा किरदार ने मंच पर गलत संवाद बोल दिया हो। पिता को यहां केवल आदेश देने वाला, खर्चा उठाने वाला, कठोर चेहरा माना जाता है जिसमें भावनाओं की कोई जगह नहीं होती। शायद समाज इस डर में जी रहा है कि अगर पिता ने अपनी भावनाएं व्यक्त करनी शुरू कर दीं तो पीढ़ियों से चली आ रही मर्दानगी की परिभाषा टूट जाएगी। यह वही परिभाषा है जिसने पिता को इंसान नहीं एक कठोरता की मूर्ति बना दिया। सच्चाई यह है कि हमने एक मजबूत पिता की कल्पना की पर मानवीय पिता की इजाजत नहीं दी। भावुकता को कमजोरी और दूरी को गरिमा समझ लिया जबकि पिता भी इंसान है वह भी हँसना चाहता है, रोना चाहता है, खुलकर कुछ कहना चाहता है। जिस दिन हम पिता की भावनाओं को सहर्ष स्वीकार करना सीख लेंगे उस दिन परिवार भीतर से और मजबूत हो जाएगा क्योंकि एक पिता की असली ताकत उसकी बगैर कहे झलकती भावनाओं में छिपी होती है।
पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है

पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है
पिता कभी कुछ खट्टा, कभी खारा है

पिता पालन है, पोषण है, पारिवार का अनुशासन है
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है

पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है
पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है

पिता अपदर्शित अनन्त प्यार है
पिता है तो बच्चों को इंतजार है

पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं
पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं

पिता से परिवार में प्रतिपल राग है
पिता से ही माँ का बिंदी और सुहाग है

पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है
पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है

पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है
पिता रक्त में दिये हुए संस्कारों की मूर्ति है

पिता एक जीवन को जीवन का दान है
पिता दुनिया दिखाने का अहसान है

पिता सुरक्षा है, सिर पर हाथ है
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है

तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो
पिता का अपमान नहीं, उन पर अभिमान करो

क्योंकि मां­ बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता
और ईश्वर भी इनके आशीषों को काट नहीं सकता
विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है
मां ­बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है…विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राएं व्यर्थ हैं
यदि बेटे के होते मां ­बाप असमर्थ हैं…वह खुशनसीब हैं मां­ बाप जिनके साथ होते हैं
क्योंकि मां ­बाप की आशीषों के हजारों हाथ होते हैं
[5/19, 4:57 AM] +91 96283 30454: *स्कूलों के ऊपर से गुजर रहे बिजली के तार फिर भी अधिकारियों के दिमाग की बिजली गुल*

*उप शिक्षा निदेशक ने बीएसए को लगाई फटकार, ऐसे विद्यालयों की मांगी सूचना*

 

कलमकार

कानपुर देहात। जनपद के परिषदीय स्कूलों के ऊपर या परिसर से गुजर रहे तार, पोल सैकड़ो आदेशों के बाद भी अभी तक नहीं हट सके हैं। दो विभागों के चक्कर में विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों ने करीब दो सैकड़ा स्कूल चिन्हित कर बिजली विभाग को सूची तो सौंप दी पर आगे की प्रक्रिया में रुचि नहीं दिखाई। बिजली विभाग ने सर्वे कराया और तार हटाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को स्टीमेट बनाकर प्रस्तुत कर दिया लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने निदेशालय को इस संबंध में अवगत नहीं कराया जिस कारण से इस कार्य की ग्रांट कानपुर देहात जनपद को नहीं मिल सकी। अब एक बार फिर से उप शिक्षा निदेशक संजय कुमार उपाध्याय ने कानपुर देहात समेत कई जनपदों क्रमश: आगरा, अयोध्या, आजमगढ़, बस्ती, बुलन्दशहर, देवरिया, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हरदोई, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, मऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर, संभल, सीतापुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, उन्नाव के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को विद्युत विभाग द्वारा प्राप्त आगणन को तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जहां एक ओर बेसिक शिक्षा विभाग में धन मिलने का इंतजार हो रहा है। वहीं दूसरी ओर बच्चे हर रोज जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। जनपद के सैकड़ो परिषदीय विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन बिजली के तार गुजरे हुए हैं। जो बच्चों के लिए खतरनाक है। कई स्कूल ऐसे हैं जहां परिसर में ही पोल लगा हुआ है। कहीं-कहीं विभाग ने परिसर से सटे ट्रांसफार्मर भी लगा रखे हैं। पूर्व में हुई दुर्घटनाओं का संज्ञान लेते हुए शासन ने सभी विद्यालयों के ऊपर से गुजर रहे तार को हटाने का निर्देश दिया था लेकिन जिले में आज तक ऐसा नहीं हो सका है। बिजली विभाग के जिम्मेदार और बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार शासन से धन मिलने का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं बच्चे और शिक्षक हर रोज जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते हैं।
[5/19, 4:57 AM] +91 96283 30454: *सिकंदरा एवं राजपुर लोकेशनो पर मौजूद रहने वाले एंबुलेंस वाहनों में मिली खामियां, जिम्मेदारों को लगाई फटकार*

 

*नोडल अधिकारी / डिप्टी सीएमओ डॉक्टर आदित्य सचान ने रविवार को अवकाश होने के बावजूद उपरोक्त लोकेशनों का किया निरीक्षण*

 

*एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी/ डिप्टी सीएमओ डॉक्टर आदित्य सचान कि उपरोक्त मुहिम से एंबुलेंस सेवा के संचालन में फर्जवाड़ा करने वाले उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक एवं एमरजैंसी मैनेजमेंट एजुकेटिव स्तर के दोनों जिम्मेदार कर्मचारियों के माथे पर खींची चिंता की लकीरें*

 

*नोडल अधिकारी के एक्शन मोड में आते ही रविवार को जनपद में फर्जी आईडी के सहारे सड़कों पर नहीं दौड़े 102 एंबुलेंस सेवा के वाहन*

 

कलमकार

 

कानपुर देहात…. जनपद कानपुर देहात की बेपटरी 108 एवं 102 एंबुलेंस सेवा को शासन की मंशा के अनुरूप संचालित कराने के लिए इन दिनों मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार सिंह के निर्देशन पर 108 102 एंबुलेंस सेवा के जनपद कानपुर देहात के नोडल अधिकारी/ डिप्टी सीएमओ डॉ आदित्य सचान ने एक जोरदार अभियान चला रखा है इस अभियान के तहत उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी जनपद कानपुर देहात का भ्रमण करके उपरोक्त एंबुलेंस वाहनों के संचालन की व्यवस्था का बड़ी ही बारीकी के साथ निरीक्षण ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उपरोक्त एंबुलेंस वाहनों पर मौजूद रहने वाली विभिन्न प्रकार की दवाइयो के किटो, अन्य प्रकार के चिकित्सीय उपकरणों की मौजूदगी भी देख रहे हैं… नोडल अधिकारी की इस कार्यवाही से अभी तक फर्जीवाड़ा करने में मशगूल रहे उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक एवं दोनों एमरजैंसी मैनेजमेंट एजुकेटिव स्तर जिम्मेदार कर्मचारियों के माथे पर अब चिंता की लकीरें खिंच गई है…. अभी तक उपरोक्त अधिकारियों को विश्वास में लेकर उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के जनपद कानपुर देहात के प्रोग्राम प्रबंधक एवं एमरजैंसी मैनेजमेंट एजुकेटिव स्तर के दोनों कर्मचारियों द्वारा जमकर फर्जी वाड़ा किए जाने की भनक लगते ही पूरे एक्शन के मूड में आए उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी ने भीषण गर्मी होने के बाद भी जनपद का भ्रमण करके उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन की व्यवस्था की हकीकत परखने की जैसे ही आकस्मिक मुहिम चलानी शुरू की वैसे ही सारी हकीकत निकलकर सामने आ गई…..
इसी क्रम में रविवार को अवकाश होने के बाद भी तपती धूप में उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी/ डिप्टी सीएमओ डॉक्टर आदित्य सचान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर जा पहुंचे और उन्होंने यहां मौजूद एंबुलेंस वाहनों का आकस्मिक रूप से निरीक्षण करना शुरू कर दिया निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी को हीट वेव बचाव के लिए जरूरत पड़ने वाली किट उपरोक्त एंबुलेंस वाहनों पर मौजूद नहीं मिली तथा आइस पैक भी पिघले हुए मिले… उपरोक्त खामियां मिलते ही नोडल अधिकारी का पारा एकदम गरम हो गया… और उन्होंने तत्काल उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक सुनील कुमार एवं इमरजेंसी मैनेजमेंट एजुकेटिव स्तर के जिम्मेदारों को फोन मिलाकर पहले तो जमकर फटकार लगाई बाद में उनसे कई सवाल पूछे उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के उपरोक्त जिम्मेदार लोग नोडल अधिकारी के सवालों का जवाब नहीं दे सके…. उपरोक्त संबंध में डिप्टी सीएमओ/ उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ आदित्य सचान ने दूरभाष पर बताया है कि रविवार को उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरा एवं राजपुर पहुंचकर यहां मौजूद एंबुलेंस वाहनों में मौजूद रहने वाली दवाइयो की किटो को देखा तथा आइस बॉक्स में रखी हुई आइस को भी देखा … लेकिन उपरोक्त एंबुलेंस वाहनों में हीट वेव से पीड़ित मरीज को प्राथमिक उपचार देने के लिए मौजूद रहने वाली किट नहीं मिली और आइस पैक भी पिघले हुए मिले… एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया है कि इस दौरान उन्होंने उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का लाभ लेने वाले कई लोगों से उनके मोबाइल नंबरों पर वार्ता करके एंबुलेंस सेवा का लाभ लिए जाने की जानकारी भी की है उपरोक्त जानकारी के दौरान किसी भी कालर ने उपरोक्त एंबुलेंस की सेवा का लाभ लेने से मना नहीं किया है।….. श्री सचान ने आगे बताया है कि वह उपरोक्त संबंध में अपनी रिपोर्ट सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कानपुर देहात को सौंप देंगे … नोडल अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जनपद कानपुर देहात में संचालित 108 ,,102 एंबुलेंस सेवा का संचालन शासन की मनसा के अनुरूप कराया जाएगा एंबुलेंस सेवा के संचालन में किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा किसी भी कीमत में नहीं होने दिया जाएगा.,. नोडल अधिकारी ने जनपद वासियों से अपील करते हुए आग्रह किया है कि अगर जनपद में कहीं भी उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का दुरुपयोग हो रहा है तो वह बिना किसी संकोच के उपरोक्त संबंध में उन्हें सूचना दे सकता है सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा…. वही नोडल अधिकारी ने यह भी बताया है कि जनपद में संचालित उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन में निरीक्षण के दौरान मिल रही खामियों को सुधारने के लिए उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन का कार्य देख रहे जीवीके कंपनी के प्रोग्राम प्रबंधक सुनील कुमार को भी कड़े निर्देश दिए गए हैं अब निरीक्षण का अभियान दिन में ही नहीं बल्कि रात्रि में भी चलेगा….
[5/19, 4:57 AM] +91 96283 30454: *अब समर कैंप के विरोध में उतरे अनुदेशक, आयोजन को बताया अव्यावहारिक, स्थगित करने की मांग*

 

कलमकार राजेश कटियार

कानपुर देहात। जनपद के कुछ चुनिंदा स्कूलों में 21 मई से लेकर 15 जून तक समर कैंप लगाए जाएंगे। इन कैंप में पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को स्पोर्ट्स, स्किल और नई-नई गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। इस दौरान बच्चों के समग्र विकास के लिए आनंददायक और रचनात्मक गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा। शिक्षामित्र, अनुदेशक की देखरेख में कैंप का संचालन होगा जिसमें एनजीओ और स्नातक वालंटियर्स भी सहयोग करेंगे। भीषण गर्मी को देखते हुए अनुदेशक संघ समर कैंप का विरोध कर रहा है। 21 मई से 10 जून तक लगने वाले समर कैंप को लेकर कानपुर देहात के अनुदेशक संघ ने कड़ा ऐतराज जताया है। अनुदेशक संघ के जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र यादव ने कहा कि मई-जून की भीषण गर्मी में समर कैंप चलाना छात्रों और अनुदेशकों के सेहत के साथ खिलवाड़ है। ‎ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों की कमी है और ऐसे हालात में बच्चों को स्कूल बुलाना सही नहीं है। शिक्षा केवल ‎खेल-कूद नहीं बल्कि मानसिक विकास का भी क्षेत्र है। इस मौसम में कोई गुणवत्तापूर्ण विकास नहीं हो सकता। संघ के सरवनखेड़ा विकासखंड के ब्लॉक अध्यक्ष ऋषभ बाजपेई ने आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि यह आदेश न सिर्फ शिक्षा अधिनियम के नियमों के खिलाफ है बल्कि अनुदेशकों पर मानसिक दबाव भी बढ़ाता है। वहीं संघ ने यह भी मांग की है कि यदि कैंप अनिवार्य है तो अनुदेशकों को गर्मी की छुट्टियों में काम करने के बदले पूरे 20 दिन का अवकाश मिलना चाहिए जो शीतकालीन के अवकाश में जोड़कर शीतकालीन छुट्टियों का मानदेय दिया जाना चाहिए जोकि काट लिया जाता है।
[5/19, 4:57 AM] +91 96283 30454: *अगले शैक्षिक सत्र से कक्षा चार में एनसीईआरटी की मिलेगी किताबें*

 

 

 

*कक्षा तीन में इसी सत्र से लागू किया गया एनसीईआरटी पाठ्यक्रम*

 

कलमकार राजेश कटियार

 

लखनऊ/कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के 1.57 लाख विद्यालयों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। शैक्षिक सत्र 2025-26 से कक्षा तीन में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को उत्तर प्रदेश में कस्टमाइज करके लागू कर दिया गया है। अगले शैक्षिक सत्र से कक्षा चार में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। इसके लिए अभी अंग्रेजी माध्यम की कुछ पाठ्यपुस्तकें प्रदेश के संदर्भ में कस्टमाइज किए जाने के लिए प्राप्त हो गई हैं। हिंदी माध्यम के दो विषयों की पुस्तकें अभी आई हैं। प्रदेश भर में 1.11 लाख परिषदीय प्राथमिक और करीब 45 हजार उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। कक्षा तीन के विद्यार्थी इसी वर्ष से एनसीईआरटी आधारित पाठ्य पुस्तकों से पढ़ेंगे। जिलों में पुस्तकें पहुंच गई हैं। सभी स्कूलों में जल्द पहुंचाई जाएंगी। इसके अलावा अगले सत्र से कक्षा चार में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए गणित, हिंदी, हमारा अद्भुत संसार (सामाजिक विषय) और उर्दू की एनसीईआरटी की पुस्तकों को राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर के निर्देशन में विशेषज्ञों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के अनुकूल (कस्टमाइज) बनाया जाएगा। इसी तरह अंग्रेजी की पुस्तक को आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के प्राचार्य स्कंद शुक्ल के निर्देशन में कस्टमाइज किया जाएगा। अंग्रेजी माध्यम के कक्षा चार के विषयों की पाठ्य पुस्तकें कस्टमाइज किए जाने के लिए आई हैं। हिंदी माध्यम के विद्यालयों के लिए अभी सिर्फ हिंदी व सामाजिक विषय की पाठ्य पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। पाठ्य पुस्तकों को कस्टमाइज किए जाने के बाद एससीईआरटी को भेजा जाएगा ताकि परीक्षण के उपरांत प्रकाशन कराया जा सके। प्रक्रिया इसलिए तेजी से शुरू की गई है ताकि अगले सत्र के आरंभ में ही विद्यार्थियों को नई पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जा सकें। कक्षा चार में एनसीईआरटी की सात पाठ्यपुस्तकें पढ़ाई जाती हैं लेकिन इसमें से शारीरिक शिक्षा व कला वर्तमान में परिषदीय स्कूल में संचालित नहीं हैं।
[5/19, 4:57 AM] +91 96283 30454: *रविवार को आयोजित प्रोजेक्ट नई किरण में पांच मामलों का हुआ निस्तारण*

 

*प्रत्येक सप्ताह रविवार को जनपद कानपुर देहात की पुलिस लाइन के सभागार में पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में संपन्न होता है प्रोजेक्ट नई किरण का आयोजन*

 

*प्रोजेक्ट नई किरण बिखरे हुए परिवारों को समझा बुझाकर एक बार फिर एक सूत्र में बांधने का है प्रयास*

 

कलमकार

 

कानपुर देहात ….. रविवार को स्थानीय पुलिस लाइन स्थित सभागार कक्ष में प्रोजेक्ट नई किरण की शुरुआत पुलिस अधीक्षक अरविन्द मिश्र की अध्यक्षता में की गई। नई किरण में 37 मामले आये, जिनमें नई किरण के सभी सदस्यों द्वारा समझाने के बाद 05 परिवारों में आपसी सुलह समझौते के आधार पर समझौता कराया गया। पति-पत्नी खुशी-खुशी साथ रहने को तैयार हो गये, शेष प्रार्थना पत्रों में आगे की तिथि दी गयी। प्रोजेक्ट नई किरण के तहत बिखरे परिवारों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास है… इस कार्यक्रम में महिला थानाध्यक्ष श्रीमती सुषमा, म0हे0का0 305 राममूर्ति यादव, म0हे0का0 54 जयमाला, म0का0 785 स्फूर्ति, म0कां0 1282 आरती, म0कां0 345 रागिनी (महिला सहायता प्रकोष्ठ) तथा नई किरण प्रोजेक्ट के सदस्यगण श्री रामप्रकाश व श्री जीआउल हक आदि मौजूद रहे तथा सबका विशेष सहयोग रहा।

Taza Khabar