May 17, 2024

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कानपुर29अक्टूबर*बीएसएफ जवान के अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब विधायक ने दिया कंधा

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कानपुर29अक्टूबर*बीएसएफ जवान के अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब विधायक ने दिया कंधा

पोस्टमार्टम के बाद लौटा शहीद का पार्थिव शरीर देख पत्नी लक्ष्मी हुई बेहोश

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद का दर्जा देकर बड़े भाई दीपू ने दी मुख्यअग्नि

बिल्हौर भाजपा विधायक राहुल बच्चा सोनकर ने दिया शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा

शिवराजपुर।बीएसएफ इंस्पेक्टर सत्यनारायण का दोबारा पोस्टमार्टम होकर आने के बाद जैसे ही पार्थिव शरीर लेकर एंबुलेंस गांव प्रवेश किए तैसे ही परिजनों में हाहाकार मच गया।शुक्रवार को डीएम के आदेश पर बीएसएफ जवान का दोबारा पोस्टमार्टम होकर गांव आने पर पार्थिव शरीर देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा।पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही पत्नी लक्ष्मी देख गम सह न सकी।देखते ही देखते पत्नी लक्ष्मी बेहोश हो गई।परिवार जनों ने पत्नी को उठाकर पानी पिलाया तब जाकर बीस मिनट बाद पत्नी जो होस आया।
शहीद का पार्थिव शरीर घर से निकलते ही ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर भारत माता की जय के नारे और जब तक सूरज चांद रहे सत्यनारायण का नाम रहे के नारे लगाते हुए सैकड़ों ग्रामीणों ने कंधा दिया।बीएसएफ जवान के साथ पुलिस महकमे के आला अधिकारी भाग दौड़ करते नजर आए।अंगे पीछे पुलिस और बीएसएफ के जवानों की शक्त नजरे रही।
सुजान नेवादा गांव से सैकड़ों ग्रामीणों ने सहीद को कंधा देकर नाम आंखो से पार्थिव शरीर के पूछे पीछे गंगा घाट तक पहुंचे।गांव से साहिद का शव निकाला लिंक रोड पर बीएसएफ की गाड़ी में शव को रखा।जिसके बाद बीएसएफ की गाड़ी के पीछे सैकड़ों ग्रामीणों ने पैदल चलकर शिवराजपुर कस्बे से होते हुए खेरेश्वर मार्ग से खेरेश्वर सरैया गंगा घाट पर पहुंचे।
मुख्याग्नि से पहले शहीद के शव को सलामी दी गई।बिल्हौर विधायक राहुल बच्चा सोनकर सांसद प्रतिनिधि रवि बाजपेई ब्लाक प्रमुख शुभम बाजपेई एडीएम सिटी सीओ राजेश कुमार एसडीएम रश्मि लांबा तहसीलदार लक्ष्मी नारायण बाजपेई नायब तहसीलदार अलख शुक्ला ने पुष्प चक्र चढ़ाकर राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी। सैकड़ों ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित किया।पुष्प माला अर्पित कर नम आंखों से याद करते हुए दो मिनट का मौन धारण किया।
वहीं अंतिम संस्कार के दौरान मिलिट्री बैंड की ओर से ‘शोक संगीत’ बजाया गया। इसके बाद बंदूकों की सलामी दी गई। बंदूकों की सलामी का भी एक एक खास तरीका होता है और जिसमें बंदूक खास तरीके से बंदूक झुकाई और उठाई जाती है.तीन राउंड में फायर कर सलामी दी गई।

ऐसे होता है शहीदों का अंतिम संस्कार, ये होती हैं खास बातें
जब कोई जवान शहीद हो जाता है तो उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है. सबसे पहले शहीद की बॉडी उनके स्थानीय आवास पर भेजी जाती है और साथ में सेना का जवान भी होता है. फिर सेना की एक टुकड़ी अंतिम संस्कार के लिए उनके निवास स्थान पर जाते हैं.राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि के दौरान पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है. भारतीय झंडा संहिता के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज को सिर्फ सैनिकों या राजकीय सम्मान के वक्त शव को लपेटने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

 

शहीद बीएसएफ इंस्पेक्टर के 10 वर्षीय बेटा लकी और 12 वर्षीय अवरल को गांव के बाहर ही रोक दिया।परिजन गंगा घाट ले जाने से मना कर दिया जिससे दोनो बेटो का रो रो कर बुरा हाल था।उधर पत्नी लक्ष्मी हो सदमा सा पहुंचने से दिन भर रोती रही।

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