June 29, 2025

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कानपुर05मई2023*मौसम में बदलाव रहेंगे जारी

कानपुर05मई2023*मौसम में बदलाव रहेंगे जारी

कानपुर05मई2023*मौसम में बदलाव रहेंगे जारी

सीएसए मौसम विभाग के प्रमुख डा०यस०यन०सुनील पांडेय के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सात मई तक मौसम में बदलाव होने जारी रहेंगे पांच मई से रात के समय से पश्चिमी विक्षोभ के कारण छह से सात मई के दौरान तेज हवाओ के साथ बारिश का दौर जारी रह सकता है इसके बाद आठ मई के दौरान मौसम शुष्क रह सकता है और तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है

अलनीनो की आशंका के चलते केंद्र सरकार ने खरीफ की फसल के लिए दिए प्रदेश सरकारों को निर्देश
केंद्र सरकार की तरफ से बुधवार को सभी राज्यों को सलाह दी गई है की वो किसी भी परसिथति के लिए तैयार रहे , अगर इस साल बारिश अलनीनो की वजह से कम होती है तो इससे निपटने के लिए खरीफ की फसल की बुआई के लिए बीज की उपलब्धता पर ध्यान दे और सुनिश्चित करे की खरीफ की फसल के उत्पादन पर कोई असर न हो

मौसम विभाग की तरफ से अप्रैल के महीने में मानसून पर अलनीनो के सम्बन्ध में एक भविष्य वाणी जारी की गई थी जिसमे अलनीनो के प्रभाव की जानकारी दी गई थी इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को आगामी किसी भी तरह की परसिथति से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।
IMD ने अप्रैल में जानकारी दी थी की इस साल भारत में मानसून के दौरान सामान्य बारिश रहने की उम्मीद है साल 2023 में खरीफ की फसल की रणनीति तय करने के लिए राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन हुआ है

इसमें कृषि मंत्री नरेंदर सिंह तोमर ने कहा है की राज्य ये सुनिश्चित करे की कच्चे मॉल , उत्पादन और किसान की आय के लिए प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिले कृषि मंत्री ने कहा की प्रमुख फसलों और उत्पादन को बढ़ाने की जरुरत है

इसके साथ ही कृषि मंत्री ने नैनो उर्वरक की बढ़ती मांग और प्राकृतिक और जैविक कृषि तकनीक को प्रोत्साहन मिलने के बाद पारम्परिक उर्वरक पर निर्भरता कम नहीं होने पर चिंता जताई है उन्होंने नैनो यूरिया के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा है

उन्होंने कहा कीहमें न केवल घरेलू बाजार की मांग को पूरा करने की जरूरत है, बल्कि हमें कृषि वस्तुओं की आपूर्ति की विदेशों की अपेक्षाओं को भी पूरा करना है इस सम्मलेन के दौरान केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा की मौसम विभाग की तरफ जो पूर्वानुमान जारी किया गया है

उसमे अलनीनो के प्रभाव की परसिथति बन सकती है और इसके लिए हमें तैयार रहना होगा हो सकता है अलनीनो की सिथति नहीं भी हो लेकिन इसके लिए राज्यों को पहले से तैयारी करनी जरुरी है।

अलनीनो के प्रभाव से प्रशांत महासागर में पानी की सतह गर्म होने से मानसून पर असर होता है और देश में मानसून कमजोर हो जाता है बारिश सामने से कम हो जाती है ऐसे में राज्यों को ये तय करना जरुरी है की किसानों को खरीफ की फसल के लिए प्रयाप्त मात्रा में बीज उपलब्ध हो
डॉ०यस०यन०सुनील पांडेय
कृषि मौसम वैज्ञानिक
अलनीनो की आशंका के चलते केंद्र सरकार ने खरीफ की फसल के लिए दिए प्रदेश सरकारों को निर्देश
केंद्र सरकार की तरफ से बुधवार को सभी राज्यों को सलाह दी गई है की वो किसी भी परसिथति के लिए तैयार रहे , अगर इस साल बारिश अलनीनो की वजह से कम होती है तो इससे निपटने के लिए खरीफ की फसल की बुआई के लिए बीज की उपलब्धता पर ध्यान दे और सुनिश्चित करे की खरीफ की फसल के उत्पादन पर कोई असर न हो

मौसम विभाग की तरफ से अप्रैल के महीने में मानसून पर अलनीनो के सम्बन्ध में एक भविष्य वाणी जारी की गई थी जिसमे अलनीनो के प्रभाव की जानकारी दी गई थी इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को आगामी किसी भी तरह की परसिथति से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।
IMD ने अप्रैल में जानकारी दी थी की इस साल भारत में मानसून के दौरान सामान्य बारिश रहने की उम्मीद है साल 2023 में खरीफ की फसल की रणनीति तय करने के लिए राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन हुआ है

इसमें कृषि मंत्री नरेंदर सिंह तोमर ने कहा है की राज्य ये सुनिश्चित करे की कच्चे मॉल , उत्पादन और किसान की आय के लिए प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिले कृषि मंत्री ने कहा की प्रमुख फसलों और उत्पादन को बढ़ाने की जरुरत है

इसके साथ ही कृषि मंत्री ने नैनो उर्वरक की बढ़ती मांग और प्राकृतिक और जैविक कृषि तकनीक को प्रोत्साहन मिलने के बाद पारम्परिक उर्वरक पर निर्भरता कम नहीं होने पर चिंता जताई है उन्होंने नैनो यूरिया के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा है

उन्होंने कहा कीहमें न केवल घरेलू बाजार की मांग को पूरा करने की जरूरत है, बल्कि हमें कृषि वस्तुओं की आपूर्ति की विदेशों की अपेक्षाओं को भी पूरा करना है इस सम्मलेन के दौरान केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा की मौसम विभाग की तरफ जो पूर्वानुमान जारी किया गया है

उसमे अलनीनो के प्रभाव की परसिथति बन सकती है और इसके लिए हमें तैयार रहना होगा हो सकता है अलनीनो की सिथति नहीं भी हो लेकिन इसके लिए राज्यों को पहले से तैयारी करनी जरुरी है।

अलनीनो के प्रभाव से प्रशांत महासागर में पानी की सतह गर्म होने से मानसून पर असर होता है और देश में मानसून कमजोर हो जाता है बारिश सामने से कम हो जाती है ऐसे में राज्यों को ये तय करना जरुरी है की किसानों को खरीफ की फसल के लिए प्रयाप्त मात्रा में बीज उपलब्ध हो
कृषि मौसम वैज्ञानिक

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