कानपुर04दिसम्बर*गीता के मृत लाल को लोगों के सहयोग से पहुंचाया घर*
कानपुर कमिश्नरेट थाना पनकी के क्षेत्र बी ब्लॉक स्थित आरोग्य हॉस्पिटल में इलाज कराने आई महिला के बेटे को इलाज न मिल पाने के कारण बेटे को अपने सामने ही मौत का मंजर देखने को मिला जिसे बचाने के लिए तड़पती रही परंतु उसे अस्पताल में भर्ती न कर सकी कारण रहा कि अस्पताल के द्वार पर पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे उसकी हाल को देखकर भर्ती करने से साफ इनकार करने पर उसे हैलट अस्पताल में इलाज कराने को कहां गया । जिसके लिए वह अस्पताल जाने की तैयारी कर रही थी । वैसे ही उसके बेटे ने दम तोड़ दिया उसके शरीर से किसी प्रकार का आहट न आने पर समझ गई कि मेरा लाल मेरे हाथ से चला गया इतने में दहाड़ मारकर रोने लगी आने जाने वाले लोग इकट्ठा हो गए रो-रो कर बुरा हाल था इतने में लोगों के कहने पर अपने साल को उसका कफन बनाकर ढक दिया और भीड़ इकट्ठा होने पर लोगों ने उसकी मदद कर पूछताछ चालू कर दी तब उसने अपने को कानपुर देहात के कंचौसी स्टेशन के पास अपना आशियाना रहने को बताया जहां मजदूरी कर अपने बच्चे का पालन पोषण कर रही थी बच्चे की तबियत बिगड़ने पर पास के ही निजी अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज कराना चालू कर दिया परंतु कोई सफलता न मिलने पर वहां से निकालकर ट्रेन के माध्यम से पनकी स्टेशन उतर कर बी ब्लॉक पनकी में स्थित आरोग्य हॉस्पिटल में भर्ती कराने को आ गई जहां अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही उसे भर्ती करने की गुहार लगाई डॉक्टरों ने उसके हालात को देखकर भर्ती करने से साफ इंकार कर दिया गया और उसे सलाह दी गई कि सरकारी अस्पताल हैलट में भर्ती कराकर इलाज कराएं महिला अकेले ही अपने बेटे को लेकर इलाज कराने के लिए आई थी परंतु उसे डॉक्टरों की आशा ने उसकी मदद को यहां तक ले आई परंतु अपने बेटे को न बचा सकी उसके पास अपने आंचल के अलावा और कुछ न था इलाज के नाम पर रुपए ना होने के कारण उसे कहीं ले जाने के लिए लाचार थी लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई जहां एक राय होकर उसे सहयोग के रूप में कुछ न कुछ धन देना चालू कर दिया कि उसकी मौत का होना गरीबी बताया गया गरीबी के चलते उसे चंदे के रूप में लगभग ₹5000 इकट्ठा हो गए और उसे एंबुलेंस मुहैया कराकर लोगों ने उसके घर तक पहुंचाने का बंदोबस्त किया और एक किराए की गाड़ी को उसके घर तक पहुंचने के लिए चंदा इकट्ठा कर उस पर बैठा कर घर तक पहुंचाया गया जिसमें उसने अपना नाम गीता बताया और बेटा कोमल जिसकी उम्र लगभग 14 वर्ष थी अपने गोद में लेकर तड़पती रही लोगों के सहयोग ने उसको उसके घर तक पहुंचाने की ईश्वरी शक्ति प्रदान की गई जो अपने घर तक पहुंच सके लोगों की दया दृष्टि से वह अपने को रोक न सकी रो-रोकर लोगों के आशीर्वाद को इशारों से ही बताती रही ऐसी घटना में पास ही एसीपी कार्यालय बी ब्लॉक पनकी के द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग ना मिल सका
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