कानपुर01मई23*उमेश पाल हत्याकांड में वांछित पांच लाख के इनामिया गुड्डू मुस्लिम की खोज में अब दिल्ली पुलिस भी लग गई
उमेश पाल हत्याकांड में वांछित पांच लाख के इनामिया गुड्डू मुस्लिम की खोज में अब दिल्ली पुलिस भी लग गई है। जहां दिल्ली पुलिस द्वारा अवैध हथियारों के तस्कर को गिरफ्तार कर उस से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रतिबंध आर्म्स एक्ट की धारा 41 के अंतर्गत असद ,गुड्डू मुस्लिम,आसाद कालिया के खिलाफ वारंट नोटिस जारी किया है। इस पूरे मामले में जहां असद उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ द्वारा एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है वहीं आसाद कालिया उत्तर प्रदेश पुलिस के गिरफ्त में है एवं गुड्डू मुस्लिम का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। जिसके बाद कल देर शाम दिल्ली पुलिस की टीम ने शिवकुटी थाना क्षेत्र के लाला की सरैया स्वराज नगर में स्थित गुड्डू मुस्लिम के पुश्तैनी मकान पर चस्पा नोटिस किया है।
जिसके बाद कुछ ही दूर में रहने वाली गुड्डू मुस्लिम की बहन नसरीन बानो ने मीडिया से मुखातिब होकर बताया कि 13 साल की उम्र में गुड्डू मुस्लिम जिसे बचपन में मोहम्मद मुस्लिम के नाम से जाना जाता था उसको अब्बा ने मारपीट कर घर से निकाल दिया था। मुस्लिम बचपन से ही काफी शरारती था और तभी स्कूल पढ़ने नहीं गया जिसके बाद 10 साल की उम्र में उसे स्कूटर बनाने की दुकान में ₹2 प्रतिदिन पर काम पर लगा दिया गया था,लेकिन वीसीआर पर सिनेमा देखने का शौकीन गुड्डू मुस्लिम काम पर नहीं जाता था और तरह-तरह की शरारते कर घरवालों को परेशान कर रखा था। जिसके बाद अब्बा ने उसे घर से बेदखल कर निकाल दिया था, उसके बाद हम लोगों ने कभी गुड्डू मुस्लिम की शक्ल नहीं देखी है।
सालों बाद उमेश पाल हत्याकांड के बाद जब पुलिस मोहम्मद मुस्लिम उर्फ गुड्डू मुस्लिम की तलाश में घर आए तो उन्हें पता चला कि वह एक बड़ा गैंगस्टर बन गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान गुड्डू मुस्लिम ने क्या किया कैसे अपनी जिंदगी बिताई इस बारे में उन्हें कोई मालूमात नहीं है। अतीक अहमद के साथ बने रिश्तो के बारे में पूछे सवाल पर भी उन्होंने साफ कहा कि गुड्डू मुस्लिम उर्फ मोहम्मद मुस्लिम अतीक अहमद से कब जुड़ा यह उन्हें नहीं पता यहां तक की हम अपने पूरी जिंदगी में मैं कभी अतीक अहमद या उनके परिवार के किसी भी सदस्य से कभी भी मिले हैं।
[01/05, 2:59 pm] Monu Kushwaha Billhaur Knp: प्रयागराज…. मथुरा जमीन विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए शाही ईदगाह ट्रस्ट और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं को निस्तारित कर दिया. हाईकोर्ट ने सिविल जज के फैसले के खिलाफ मथुरा के जिला जज को नए सिरे से सुनवाई कर आदेश पारित करने को कहा है. सभी पक्षकारों को मथुरा के जिला जज के यहां नए सिरे से अपनी दलीलें पेश करनी होगी.

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