कानपुर न्यूज़15अक्टूबर*-दशानन मंदिर
365 दिन में विजयदशमी के पर्व पर सिर्फ और सिर्फ एक ही दिन यह रावण मंदिर खुलता है जोकि चारों वेदों का ज्ञाता महा तपस्वी महा बलवान शिव तांडव के रचयिता जिसके चलने से पृथ्वी डोलती थी इतना सशक्त थे रावण जिन्होंने पूर्ण ज्ञात होते हुए भी श्री राम की पूजा रामेश्वरम में कराई और उनको विजई भव का आशीर्वाद दिया उसने अपनी और अपनी कुल की मृत्यु का कारण भगवान विष्णु को बनाया जो राम अवतार में पृथ्वी पर थे।
रावण का मंदिर यूपी के कानपुर जिले में स्थित है. सालभर में सिर्फ आज के दिन ही दशानन मंदिर को खोला जाता है. दशहरा पर दशानन मंदिर में रावण की पूजा आरती पूरे विधि-विधान से की जाती है. रावण पुतला दहन से पहले मंदिर को बंद भी कर दिया जाता है. विजयादशमी के दिन इस मंदिर में पूरे विधि-विधान से रावण का दुग्ध स्नान और अभिषेक कर श्रृंगार किया जाता है. उसके बाद पूजन के साथ रावण की स्तुति कर आरती की जाती है. इस मौके पर दूर-दूर से श्रद्धालु यहां रावण के दर्शन को जुटते हैं. जिस रावण ने तिरलोक विजेता होते हुए भगवान श्रीराम से दुश्मनी ली सीता माता का अपहरण करके भगवान श्रीराम को अपने कुल उद्धार करने के लिए भगवान श्रीराम को अपना शत्रु बनाया। पूरे यूपी में एकमात्र मंदिर होने के कारण पूजा विशेष होती है पता नहीं क्यों लोग रावण को जलाते हैं इतना विद्वान और यशस्वी मरते वक्त अपने मुख से श्री राम बोल गए और लक्ष्मण को उन्होंने विद्या प्रदान करी और कहां चिरंजीवी भवा।
संपादकीय कमल गुप्ता के साथ सुनील त्रिपाठी
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