कानपुर नगर26नवम्बर24*संविधान दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
संविधान दिवस के पावन पवित्र शुभ अवसर पर संत रविदास जन उत्थान सेवा संस्थान उत्तर प्रदेश कानपुर के तत्वावधान में प्रातः 10:00 बजे से विचार गोष्ठी का आयोजन डॉ अंबेडकर स्मारक स्थल एवं पार्क डॉक्टर अंबेडकर नगर विजय नगर कानपुर में किया गया। भारतीय संविधान के शिल्पकार परम पूज्य, भारत रत्न, बोधिसत्व बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की आदमकद प्रतिमा पर विचार गोष्ठी में पधारे हुए गणमान्य लोगों ने श्रद्धा के सुमन समर्पित करते हुए संविधान की रक्षा सुरक्षा का संकल्प लेकर बाबा साहेब के विचारों पर चलने का आवाहन किया।
विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि बहुजन समाज पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री एस पी टेकला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत देश में जबसे संविधान लागू हुआ तब से हाशिये पर खड़ा बहुजन समाज भी उन्नति के रास्ते पर चल सका है। आज भी सही मायने में संविधान की संकल्पना के अनुसार वंचितों को उनका बाजिब हक अधिकार नहीं मिल पाया है। देश में शासन करने वाले लोगों की मंशा सही नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने हक हकूको से वंचित हैं। हमें एक जूट होकर बहुजन समाज की सरकार बनाने की आवश्यकता है, तभी सही मायने में संविधान के मुताबिक सदियों से शोषित पीड़ित निर्बल समाज को उसका वास्तविक हक अधिकार मिल सकेगा।
विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता और संस्था के अध्यक्ष राधेश्याम भारतीय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संविधान हमारी प्राण वायु है। संविधान के सहारे ही सदियों सदियों से दबाए गए, सताए गए, शोषित वंचित लोगों को हक अधिकार मिल पाया है। परम पूज्य बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर हमेशा ही राष्ट्र को सर्वोपरि मानकर काम करते थे। संविधान भी उन्होंने इसी मनसा से तैयार किया। उन्होंने भारत के लोगों को एक अनुपम संविधान समर्पित किया, जो 26 जनवरी 1950 को इस मुल्क में लागू हुआ और इसी के साथ स्वतंत्र भारत एक गणतंत्र बन गया। भारतीय संविधान पूरी दुनिया के लिए एक मिशाली दस्तावेज है, तथा हमेशा रहेगा। देश में कुछ सामंतवादी सोच के लोग निरंतर संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन करते हुए संविधान को कमजोर करने की मंशा से काम करते हैं जिसे किसी भी दशा में बहुजन समाज बर्दाश्त करने वाला नहीं है। संविधान का मूल ढांचा समता स्वतंत्रता न्याय व भाईचारे के आधार पर टिका हुआ है, तथा इन्हीं आधारों पर संविधान का कार्यक्रम भी बनाया गया है, जो मनुवादी विचारधारा के लोगों को पसंद नहीं आता है। भारतीय संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है। किसी भी दशा में इसमें छेड़छाड़ हम बहुजन समाज के लोग बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं।
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता शेष राम भारतीय ने किया और आए हुए सम्मानित गणमान्य लोगों का आभार संस्था के मीडिया प्रभारी श्री मुन्ना हजारिया ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री मास्टर राम रतन,बिफन राम गौतम ,सोहन भारती, शिवम सिंह आजाद, मनोज कुमार बौद्ध, श्रवण कुमार, तिरसू प्रसाद, बबलू कुमार गौतम, प्रेमा गौतम, लीला जाटव, सुधा कठेरिया, अजय यादव, सूरज गौतम, आदित्य बौद्ध, रोहन भारती, आशिक भाई, अनुज भारती, शिव प्रसाद सागर आदि लोग उपस्थित रहे।
भवदीय
राधेश्याम भारतीय
अध्यक्ष
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