December 12, 2024

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

कानपुर नगर08दिसम्बर24*6 से 22 दिसंबर तक पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना के खिलाफ़ अल्पसंख्यक कांग्रेस चलायेगा अभियान*

कानपुर नगर08दिसम्बर24*6 से 22 दिसंबर तक पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना के खिलाफ़ अल्पसंख्यक कांग्रेस चलायेगा अभियान*

कानपुर नगर08दिसम्बर24*6 से 22 दिसंबर तक पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना के खिलाफ़ अल्पसंख्यक कांग्रेस चलायेगा अभियान*
======================
*मुख्य न्यायाधीश को एक लाख पत्र भेज पूछेंगे उनकी चुप्पी की वजह*

*अभियान में दलित समज को जोड़ने के लिए विशेष रणनीति*

*6 दिसम्बर 2024. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस पूजा स्थल अधिनियम की निचली अदालतों द्वारा अवमानना और उस पर सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी के खिलाफ़ 6 से 22 दिसम्बर तक जन अभियान चलायेगा। इसके तहत देश के मुख्य न्यायाधीश को एक लाख पत्र भेजे जाएंगे।*

…….. आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी जिसमे *प्रदेश वाइस चेयरमेन तुफैल अहमद खान,प्रदेश सचिव हाजी दिलशाद,नगर चेयरमेन हाजी इम्तियाज रईस, नगर ग्रामीण चेयरमेन मोहम्मद जावेद इदरीसी निसार अहमद, अनुराग पाल, शकील रायनी, आदि शामिल रहे |*

…….. ने बताया कि 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूजा स्थल अधिनियम बनाया था जिसे देश की दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से पास किया था। अधिनियम में कहा गया था कि 15 अगस्त 1947 तक उपासना स्थलों का जो भी चरित्र था वो वैसे ही रहेगा। उसे चुनौती देने वाली कोई याचिका किसी कोर्ट में स्विकार नहीं हो सकती। इसके साथ ही पुराने सभी लंबित वाद भी स्वतः ही समाप्त हो जाएंगे। लेकिन बावजूद इसके पूर्व मुख्य मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर बताने वाली याचिका को स्वीकार कर के देश भर में ऐसे विवादों की शुरुआत कर दी गयी। यह एक ऐसा मामला था जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने ख़ुद क़ानून की अवमानना की और उसके बाद निचली अदालतों में मौजूद सांप्रदायिक मानसिकता के जजों से मस्जिदों और मजारों को मन्दिर बताने वाली याचिकाओं को स्वीकार करवाया जा रहा है। जिससे पूरे देश में अराजकता और हिंसा का माहौल बन रहा है।

उन्होंने कहा कि सबसे आश्चर्य की बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस क़ानून की अवमानना पर मूक दर्शक बना हुआ है।
इसीलिए इस जन अभियान के तहत एक लाख लोग पत्र भेजकर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना से पूछेंगे कि वो क़ानून की अवमानना पर चुप क्यों हैं।

उन्होंने कहा कि अभियान के तहत दलित समाज को संबोधित पर्चा भी बाँटा जाएगा जिसमें इस अभियान को समर्थन देने की अपील की जाएगी। उन्हें बताया जाएगा कि अगर आज पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है तो कल जमींदारी उन्मूलन क़ानून का भी उल्लंघन होगा और पुराने जमींदारों के परिजन दलितों को बांटी गयी ज़मीन का कागज लेकर फिर से उस पर दावा करने लगेंगे क्योंकि जब यह कानून बना था तब आरएसएस और जन संघ ने इसका विरोध किया था। वहीं पर्चे के माध्यम से यह भी बताया जाएगा कि संविधान को खतरा मुसलमानों से नहीं बल्कि आरएसएस और भाजपा से है।

अभियान में वकीलों, शिक्षकों, डॉक्टरों, मौलानाओं, दलित बुद्धिजीवीयों से संपर्क किया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया, चौपालों और नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से भी न्यायपालिका के सांप्रदायिक और दलित विरोधी रवैये पर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

*तुफैल अहमद खान*
*प्रदेश वाइस चेयरमेन*
*उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग*

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

About The Author

Taza Khabar

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.