July 2, 2025

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कानपुर नगर, 1 जुलाई 2025*माननीय विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक संपन्न*

कानपुर नगर, 1 जुलाई 2025*माननीय विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक संपन्न*

कानपुर नगर, 1 जुलाई 2025*माननीय विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक संपन्न*

कानपुर नगर*उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक आज सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता समिति के माननीय सभापति इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह ने की, जिसमें माननीय सदस्य श्री अरुण कुमार पाठक, श्री अंगद कुमार और श्री रामसूरत राजभर की गरिमामयी उपस्थिति रही।

बैठक के दौरान समिति अध्यक्ष इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि आपदा की स्थिति में पीड़ित के परिजनों को 24 घंटे के भीतर सहायता राशि मिलनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विशेष रूप से कानपुर के औद्योगिक क्षेत्रों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक आपदा प्रबंधन कार्ययोजना बनाने पर बल दिया। सभी क्षेत्रों के लिए सूक्ष्म स्तर पर माइक्रोप्लान तैयार किए जाएँ तथा रासायनिक कारखानों और जूता निर्माण केंद्रों के आसपास अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में बन रही पानी की टंकियों पर स्थानीय आवश्यकता के अनुसार लाइटनिंग अरेस्टर लगाए जाएँ, जिससे आकाशीय बिजली से जान-माल की हानि को रोका जा सके। उन्होंने सभी विभागों से आह्वान किया कि अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए राहत कार्यों को समयबद्ध और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दैवीय आपदा की स्थिति में पीड़ित परिवारों को समयबद्ध राहत प्रदान किए जाने हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। शासन के प्रावधानों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु आकाशीय बिजली, बाढ़, अतिवृष्टि, तूफान, डूबने, सर्पदंश, गैस रिसाव, सीवर की सफाई, बोअरवेल में गिरने अथवा अन्य घोषित दैवीय आपदाओं के कारण होती है, तो उनके परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राहत राशि 24 से 48 घंटे के भीतर पीड़ित परिजन के खाते में अंतरित किए जाने का प्रावधान है।

माननीय सदस्य श्री अरुण पाठक ने कहा कि जनपद में नहर, नदी एवं तालाबों में डूबने की घटनाएँ अक्सर सामने आती हैं। गंगा नदी का लगभग 76 किलोमीटर क्षेत्र जनपद में प्रवाहित होता है, जिसमें 13 स्थानों को संवेदनशील घोषित किया गया है। इन सभी स्थलों पर बचाव व्यवस्था सुदृढ़ की जाए, गोताखोर तैनात किए जाएँ और गहरे जल क्षेत्र की चेतावनी देने वाले बोर्ड लगाए जाएँ जिससे आमजन जागरूक हो सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से 2019 के मध्य के ऐसे मामलों में जहाँ डूबने के बाद शव नहीं मिल पाए, उनकी सूची तैयार कर आवश्यक सहायता की प्रक्रिया शुरू की जाए जिससे प्रभावित परिवारों को राहत मिल सके।

माननीय सदस्य श्री अंगद कुमार ने सर्पदंश से होने वाली मौतों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अंधविश्वास के कारण कई लोग समय पर उपचार नहीं लेते जिससे जान चली जाती है। उन्होंने ऐसे मामलों को रोकने के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने, सार्वजनिक भवनों पर सर्पदंश से बचाव के उपायों की वाल पेंटिंग कराने और परिषदीय विद्यालयों में प्रार्थना सभा के समय आपदा से बचाव के उपायों की जानकारी बच्चों को देने के निर्देश दिए।

माननीय सदस्य श्री रामसूरत राजभर ने कहा कि आपदा के समय त्वरित राहत बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सीवर की सफाई के दौरान मृत्यु पर केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन जानकारी के अभाव में पीड़ित परिवार लाभ नहीं उठा पाते। उन्होंने सुझाव दिया कि कुत्ते, बंदर आदि के काटने से हुई मृत्यु की सूचना भी शासन को भेजी जाए, भले ही ये घटनाएँ अधिसूचित आपदाओं में शामिल न हों, जिससे भविष्य में नीति निर्माण में सहयोग मिल सके।

जिला प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान व डूबने जैसी घटनाओं में कुल 51 जनहानियाँ दर्ज की गईं, जिनमें दो करोड़ चार लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की गई। वर्ष 2023-24 में 41 लोगों की मृत्यु पर एक करोड़ 64 लाख रुपये की राहत राशि दी गई, जबकि वर्ष 2024-25 में अब तक 71 जनहानियों पर 2.84 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराई गई है।

बैठक के अंत में जिलाधिकारी श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह ने समिति को आश्वस्त किया कि बैठक में दिए गए सभी निर्देशों का गंभीरता से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. उदयभान, एडीएम वित्त एवं राजस्व श्री विवेक चतुर्वेदी, समिति अधिकारी श्री सुनील यादव, श्री विवेक सिंह, श्री अभय सिंह सहित जनपद स्तरीय अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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