August 10, 2025

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कानपुर देहात17जून25*यूपीआजतक न्यूज़ चैनल पर कानपुर देहात की कुछ महत्वपूर्ण खबरें……

कानपुर देहात17जून25*यूपीआजतक न्यूज़ चैनल पर कानपुर देहात की कुछ महत्वपूर्ण खबरें......

कानपुर देहात17जून25*यूपीआजतक न्यूज़ चैनल पर कानपुर देहात की कुछ महत्वपूर्ण खबरें……

: *दहेज हत्या के मामले में वांछित एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार करके भेजा जेल*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात…. जनपदीय जनपद पुलिस के द्वारा अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु दहेज हत्या की घटना से सम्बन्धित 01 नफर वांछित अभियुक्त को थाना रसूलाबाद पुलिस ने अपने मजबूत सूचना तंत्र के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया है… पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त
थाना रसूलाबाद पर पंजीकृत मु0अ0सं0 0029/2025 धारा 85/80(2)/238/3(5) बीएनएस व 3/4 डीपी एक्ट में वांछित था…

मालूम हो कि अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन, कानपुर, आलोक सिंह व पुलिस उपमहानिरीक्षक, कानपुर रेन्ज, कानपुर, हरीश चन्दर के कुशल मार्गदर्शन में व पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात अरविन्द मिश्र के निर्देशन में जनपद कानपुर देहात में अपराध नियन्त्रण की दिशा में घटनाओं की रोकथाम व खुलासे हेतु चलाये जा रहे विशेष अभियान के क्रम में, दिनांक 23.01.2025 को वादी श्री मधुवन यादव पुत्र श्री गंगाप्रसाद निवासी कसदहा खुझिया थाना बसखारी जनपद अम्बेडकर नगर द्वारा थाना रसूलाबाद पर तहरीर दी गयी कि वादी की पुत्री के ससुरालीजन द्वारा दहेज को लेकर वादी की पुत्री की हत्या कर दी गयी है, प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना रसूलाबाद पर मु0अ0सं0 0029/2025 धारा 85/80(2)/238/3(5) बीएनएस व 3/4 डीपी एक्ट बनाम 07 नफर अभियुक्तगण पंजीकृत किया गया था। सुपरस्टार पुलिस ने इस मुकदमा में कार्यवाही करते हुए मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित वांछित अभियुक्त भोलू उर्फ निखिल उर्फ श्रीकान्त पुत्र रामऔतार निवासी ग्राम बर्रा-ठर्रा थाना रसूलाबाद जनपद कानपुर देहात उम्र लगभग 25 वर्ष को दिनांक 16.06.2025 को समय 13.00 बजे अभियुक्त के घर ग्राम बर्रा ठर्रा थाना रसूलाबाद से अपने मजबूत सूचना तंत्र के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने बताया है कि इस मामले में वांछित एक अन्य अभियुक्त कृष्णकान्त यादव उर्फ गोलू पुत्र रामौतार निवासी बर्रा-ठर्रा थाना रसूलाबाद जनपद कानपुर देहात को पूर्व में दिनांक 18.02.2025 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। शेष अभियुक्तों के विरुद्ध साक्ष्य संकलन की कार्यवाही प्रचलित है। तथा गिरफ्तारशुदा अभियुक्त को नियमानुसार माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है… उपरोक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी करने वाली थाना रसूलाबाद पुलिस टीम मे उ0नि0 अनिल कुमार,हे0का0 295 इन्द्रेश कुमार,का0 829 अर्जुन सिंह शामिल रहे…
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना अंतर्गत मा0 विधान परिषद सदस्य व जिलाधिकारी ने वितरित किये आश्रितों को प्रतीकात्मक चेक*

*जनपद में कुल 403 आश्रित परिवारों को लगभग 19 करोड़, 51 लाख, 50 हजार की वितरित की गयी सहायता राशि।*

*जनपद के सभी तहसीलों में मा0 जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना अन्तर्गत आश्रित परिवारों को सहायता राशि वितरण कार्यक्रम का किया गया आयोजन।*

 

*बैनर न्यूज़ ब्यूरो ओउम जी पाठक “अकिंचन”*

कानपुर देहात

मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत आश्रित परिवारों को प्रतीकात्मक चेक अम्बेडकर नगर अकबरपुर में किया गया। जिसके सजीव प्रसारण को जनपद के सभी तहसीलों में देखा एवं सुना गया। इसीक्रम में जनपद कानपुर देहात के समस्त तहसीलों में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना अन्तर्गत आश्रितों को सहायता राशि वितरित की गयी। तहसील अकबरपुर में मा0 विधान परिषद सदस्य अविनाश सिंह चौहान व जिलाधिकारी आलोक सिंह के द्वारा आश्रित परिवारों को प्रतीकात्मक चेक वितरित किया गया। जनपद में कुल 403 आश्रित परिवारों को लगभग 19 करोड़, 51 लाख, 50 हजार की सहायता राशि वितरित की गयी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें यह योजना विशेष रूप से दुर्घटना के समय पीड़ित कृषक या उनके परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। योजना के अंतर्गत कृषक की मृत्यु या पूर्ण विकलांगता की स्थिति में रू0 5.00 लाख तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है, जबकि आंशिक विकलांगता की स्थिति में रू0 2.50 लाख तक की सहायता का प्रावधान है। अन्त में जिलाधिकारी ने कहा कि पात्र कृषकों की पहचान एवं सहायता वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं समयबद्ध ढंग से संपन्न कराया जाए, ताकि अधिक से अधिक कृषक इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर मा0 विधान परिषद सदस्य ने बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना के माध्यम से किसानों को विषम परिस्थितियों में सहायता प्रदान की जाती है, आज माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अंबेडकर नगर में सहायता राशि वितरित की जा रही है, इसी क्रम में जनपद के सभी तहसीलों में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने सरकार द्वारा कृषक हित में चलाई जा रहीं अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। जनपद के अन्य तहसीलों में भी मा0 जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना अन्तर्गत आश्रित परिवारों को सहायता राशि वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व दुष्यंत कुमार मौर्य, उप जिलाधिकारी अकबरपुर सहित लाभार्थी, आमजन व सम्बन्धित उपस्थित रहे।
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *नाबालिक बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले एक आरोपी को शिवली पुलिस में गिरफ्तार करके जेल के लिए किया रवाना*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात…थाना शिवली पुलिस ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना कारित करने वाले एक नफर वांछित अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है…. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त थाना शिवली पर पंजीकृत मु0अ0सं0 39/2025 धारा 137(2)/87/64(1) बीएनएस व धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में वांछित था…

मालूम हो कि अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन, कानपुर, आलोक सिंह व पुलिस उपमहानिरीक्षक, कानपुर रेंज, कानपुर, हरीश चन्दर के कुशल मार्गदर्शन में व पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात अरविन्द मिश्र के निर्देशन में जनपद कानपुर देहात में महिला सम्बन्धी अपराधों की रोकथाम हेतु चलाये जा रहे विशेष अभियान के क्रम में, थाना शिवली पर दिनांक 31.01.2025 को वादिनी/पीड़िता की बहन द्वारा दिये गये प्रार्थना के आधार पर मु0अ0सं0 39/2025 धारा 137(2)/87 बीएनएस बनाम एक नफर अभियुक्त धीरेन्द्र सिंह कमल उर्फ धीरू पुत्र जगरूप निवासी ग्राम मोहिदियापुर थाना भोगनीपुर जनपद कानपुर देहात पंजीकृत किया गया था। पुलिस ने बताया है कि उपरोक्त मुकदमा में प्राप्त साक्ष्यों/तथ्यों के आधार पर मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित पीड़िता को थाना शिवली पुलिस ने दिनांक 15.06.2025 को थाना क्षेत्र शिवली से बरामद कर विधिक कार्यवाही की गयी। विवेचना के क्रम में साक्ष्य संकलन के आधार पर पंजीकृत मु0अ0सं0 39/2025 धारा 137(2)/87 बीएनएस में धारा 64(1) बीएनएस व 3/4 पॉक्सो एक्ट की बढोत्तरी की गई है। मुकदमा उपरोक्त में थाना शिवली पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मुखबिर की सूचना पर दिनांक 16.06.2025 को अभियुक्त धीरेन्द्र सिंह कमल उर्फ धीरू पुत्र जगरूप निवासी ग्राम मोहिदियापुर थाना भोगनीपुर जनपद कानपुर देहात उम्र 22 वर्ष को थाना शिवली क्षेत्रान्तर्गत बैरी तिराहे से समय 10.45 बजे गिरफ्तार कर लिया है… पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तारशुदा अभियुक्त को नियमानुसार माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। उपरोक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में .उ0नि0 केशव देव,हे0का0 441 सतीश कुमार,हे0का0 343 संतोष सिंह शामिल रहे…
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *बेरोजगार युवक/युवतियां अपना स्वरोजगार स्थापित करने हेतु करें आवेदन।*

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात

जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशन में उपायुक्त उद्योग मो0 सउद ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित गुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना वर्ष 2025-26 हेतु जनपद के इच्छुक बेरोजगार व्यक्तियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते है। योजनान्तर्गत जनपद के बेरोजगार युवक/युवतियां अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकते है। उक्त योजनान्तर्गत निर्माण इकाई हेतु अधिकतम परियोजना लागत रु० 25.00 लाख एवं सेवा (सर्विस) इकाई हेतु परियोजना लागत रु० 10.00 लाख है एवं परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अनुदान/सब्सिडी अनुमन्य है। जिसमें आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष निर्धारित की गयी है। आवेदक जनपद का स्थायी निवासी हो, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल अथवा रागकक्ष उत्तीर्ण हो। उपरोक्त योजनान्तर्गत इच्छुक अभ्यर्थियों से ऋण आवेदन केवल आंनलाइन स्वीकार किये जायेगे। आंनलाइन आवेदन एचटीटीपी/डॉयूपीएमएसएमई.यूपीएसडीसी.गोव.इन (डीआईयूपीएमएसएमई, यूपीएसडीसी. जीओवी, इन) की वेबसाइट पर किया जा सकता है। अधिक जानकारी हेतु कार्यालय उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास वोन्द्र रनियां, कानपुर देहात में सम्पर्क किया जा सकता है।
1 आधार कार्ड।
2 फोटो।
3 शिक्षा प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र।
4 प्रोजेक्ट रिपोर्ट।
5 10 रू0 के स्टाम्प पेपर पर प्रस्तावित कार्य हेतु किसी वित्तीय संस्था के डिफाल्टर न होने विषयक शपथ पत्र।
6 कार्यस्थल निजी होने का प्रमाण पत्र अथवा 10 वर्ष की किरायेदारी का अनुबन्ध पत्र।
7 बैंक पासबुक की फोटोकापी जिसमे एकाउण्ट नं० और आईएफएससी कोड का स्पष्ट उल्लेख हो।
8 अनुभव प्रगाण पत्र।
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *बेसिक स्कूलों के शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए चौथी बार बढ़ाई गई डेट*

*शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की 19 जून को सूची होगी जारी*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त करीब साढ़े चार लाख से अधिक शिक्षकों को अंतर्जनपदीय तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया को चौथी बार बढ़ा दिया गया है। अभी तक शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए 9 से 12 जून तक की समय सीमा को निर्धारित किया गया था जिसे बढ़ाकर 15 जून तक कर दिया गया, अब ऑनलाइन आवेदन की छायाप्रति संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को जमा करने की तारीख 16 जून कर दी गई है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी की तरफ से आदेश जारी किया गया है। ट्रांसफर की सूची 19 जून को जारी की जाएगी उसी दिन शिक्षकों को कार्यमुक्त किया जाएगा। पांच दिवस के अंदर शिक्षकों को जॉइनिंग प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *अपर्याप्त छात्र नामांकन वाले विद्यालयों का निकट विद्यालय से होगा युग्मन*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात। जनपद के ऐसे परिषदीय विद्यालय जहां बच्चों की संख्या 20 से कम है उन्हें निकट के दूसरे विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार के आदेश पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने कम संख्या वाले स्कूलों को चिह्नित करने का निर्देश सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं। जल्द ही चिह्नित विद्यालयों की सूची शासन को भेजी जाएगी। उसी के आधार पर स्कूलों का विलय होगा। मानक के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक, 45 बच्चों पर दो, 60 बच्चों पर तीन, 75 बच्चों पर चार और 90 बच्चों पर पांच शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। अभी इसी मानक पर शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद शासन स्तर से दिशानिर्देश मिलने पर स्कूलों के विलय की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। यह निर्णय शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने और संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए लिया गया है।
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *शिक्षकों को मिली राहत, 12:30 बजे तक ही स्कूल में रुकेंगे शिक्षक*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक शिक्षामित्र और अनुदेशकों सहित सभी स्टाफ के लिए बड़ी राहत दी गई है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के स्कूल पहुंचने और वापस आने के समय में बदलाव कर दिया गया है। अब शिक्षकों को सुबह 8:00 से दोपहर 2:00 तक स्कूलों में रहकर प्रशासनिक कार्य नहीं करने होंगे। विभाग द्वारा अब नया टाइम फिक्स किया गया है। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भीषण गर्मी के कारण बच्चों के लिए 30 जून तक अवकाश घोषित किया गया है इसके लिए आदेश जारी किया गया था जिसमें सभी शिक्षकों को सुबह 8:00 से दोपहर 2:00 बजे तक स्कूलों में रहकर काम करना था हालांकि कई शिक्षक संगठन समय परिवर्तन को लेकर मांग कर रहे थे इसी क्रम में सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों और मान्यता प्राप्त विद्यालयों में संचालन का समय बदल दिया है। अब शिक्षकों को 7:45 पर विद्यालय जाना होगा और दोपहर 12:30 तक ही सभी कार्य करने हेतु रुकना होगा।
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *अपनी नाकामी को छिपाने के लिए 20 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को किया जा रहा है मर्ज*

 

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

 

कानपुर देहात। 20 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक और मिडिल स्कूलों को बंद करने की तैयारी चल रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों की जानकारी मांगी है। ऐसे स्कूलों को मर्ज किया जाएगा और यहां के शिक्षक उन स्कूलों में भेजे जाएंगे जहां स्टूडेंट्स अधिक और शिक्षक कम हैं। आदेश के बाद शिक्षकों में हलचल तेज हो गई है। शिक्षक सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिम्मेदारों द्वारा 20 से कम छात्रों वाले परिषदीय विद्यालयों को मर्ज करने का प्रस्ताव केवल प्रशासनिक आंकड़ों को समेटने की कवायद नहीं बल्कि ग्रामीण शिक्षा की आत्मा पर सीधा प्रहार करना है। प्राथमिक विद्यालय किसी भवन या संख्या का नाम नहीं होता वह गाँव के बच्चों के लिए आत्मविश्वास, पहली पहचान और जीवन की बुनियाद होता है। इन स्कूलों का मर्जर दरअसल गाँवों की सांस्कृतिक विरासत, स्थानीय भाषिकता और बच्चों के सामुदायिक जुड़ाव को नष्ट करने की एक धीमी लेकिन सुनिश्चित प्रक्रिया है। नजदीकी विद्यालय में मर्जर एक ऐसा शब्द है जिसमें बच्चों को 4–5 किलोमीटर दूर भेजने की विवशता छुपी है जिससे न केवल शिक्षा की निरंतरता बाधित होगी बल्कि छात्र संख्या में गिरावट और अंततः बाल श्रम या बाल विवाह जैसे खतरों की वापसी भी संभव है। यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की बजाय बच्चों की ऊर्जा, समय और रुचि की बलि देने जैसा है। शिक्षकों के संदर्भ में भी यह मर्जर एक अघोषित विस्थापन है। जिन स्कूलों को मर्ज किया जाएगा वहाँ कार्यरत शिक्षक अपने आत्मीय परिवेश, स्थायित्व और संबंधों से कटकर एक नई अनिश्चितता में धकेले जाएंगे, जो उनके शिक्षण मनोविज्ञान और कार्य दक्षता दोनों पर विपरीत असर डालेगा। इससे शिक्षक एक संवेदनशील मार्गदर्शक न रहकर सिर्फ एक ड्यूटी करने वाला कार्मिक बन जाएगा। मर्जर की प्रक्रिया में कहीं भी शिक्षकों, अभिभावकों, ग्रामसभाओं या बाल मनोविज्ञान के विशेषज्ञों से संवाद नहीं किया गया है। यह नीति ऊपर से थोपी गई एक ऐसी व्यवस्था बनती जा रही है जो लोकतांत्रिक विमर्श की जगह प्रशासनिक आदेशों के जरिए शिक्षा को नियंत्रित करने की मंशा जाहिर करती है। इसके पीछे एक गहरा भयावह संकेत यह भी है कि कहीं यह गाँवों को कमजोर करके शहरी केंद्रीकरण या निजीकरण की गुप्त तैयारी तो नहीं हो रही है। प्राथमिक शिक्षा में मर्जर की यह नीति शिक्षा को सशक्त, सुलभ और आत्मीय बनाने की नहीं बल्कि उसे प्रदर्शनी और संख्या आधारित निष्प्राण व्यवस्था में ढालने की ओर बढ़ रही है इसीलिए जरूरी है कि शिक्षाविद, शिक्षक, अभिभावक और ग्रामीण समाज इस निर्णय पर जिम्मेदारों से संवाद करें और यह संदेश दें कि शिक्षा कोई स्प्रेडशीट नहीं, यह जीवन के पहले संवाद की शुरुआत है जिसे मर्ज नहीं किया जा सकता जिसे मिटाया नहीं जा सकता। परिषदीय विद्यालयों में अधिकांशतः गरीब तबके के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं ऐसे में यदि मर्जर के बहाने विद्यालयों को बन्द करने का कुचक्र चला तो सबसे पहले गरीबों की शिक्षा का हक छिनेगा। विद्यालयों के मर्जर से विद्यालयों की दूरी बढ़ जायेगी जिसके कारण कक्षा 1, 2 व 3 के बच्चे स्कूल नहीं पहुँच पायेंगे जिस कारण उनके शिक्षा से वंचित होने का खतरा बढ़ जायेगा। मर्जर के प्रकरण पर जब संवाददाता ने कुछ अभिभावकों से बात की तो उन लोगो ने मुखर होकर अपनी बात रखते हुए बताया कि शासन का यह गलत कदम है विद्यालय दूर होने से बच्चों की सुरक्षा प्रभावित होगी। सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है ताकि गरीबों के बच्चे शिक्षा से वंचित रहें।
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *देश में डिजिटल जनगणना को लेकर केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी, 2027 से शुरू होगा सर्वे*

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

 

कानपुर देहात। देश में लंबे समय से प्रतीक्षित जनगणना की प्रक्रिया अब औपचारिक रूप से शुरू होने जा रही है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने जनगणना अधिनियम 1948 के अंतर्गत एक अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वर्ष 2027 में यह जनगणना संपन्न कराई जाएगी। खास बात यह है कि इस बार की जनगणना में 1931 के बाद पहली बार जातीय गणना को भी शामिल किया गया है जो सामाजिक न्याय और नीति निर्धारण के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कब और कहाँ होगी जनगणना की शुरुआत-
अधिसूचना के अनुसार देश के अधिकांश क्षेत्रों में जनगणना की तिथि 1 मार्च 2027 तय की गई है जबकि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे बर्फीले और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में यह प्रक्रिया पहले यानी 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी। यह विभाजन क्षेत्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है ताकि जनगणना कार्य बिना किसी मौसमीय रुकावट के सुचारू रूप से पूरा हो सके।
दो चरणों में होगी जनगणना-
यह प्रक्रिया दो प्रमुख चरणों में होगी। पहला चरण हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसर 1 अप्रैल 2026 से 30 सितंबर 2026 तक चलेगा। इसमें मकानों की संरचना, स्वामित्व, सुविधाएं और आवासीय स्थिति की जानकारी इकट्ठी की जाएगी। दूसरा चरण 9 फरवरी 2027 से 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि तक चलेगा जिसमें प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और जातिगत जानकारी दर्ज की जाएगी। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे दुर्गम क्षेत्रों में विशेष समयसीमा 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगी देश की सबसे बड़ी जनगणना-
यह भारत की पहली पूरी तरह डिजिटल जनगणना होगी। इसके लिए विशेष ऐप और टैबलेट का उपयोग किया जाएगा जिससे कागजी कामकाज समाप्त हो जाएगा। नागरिक खुद भी स्व-गणना पोर्टल या ऐप पर जाकर अपनी जानकारी भर सकेंगे जिसके बाद उन्हें एक यूनिक आईडी प्राप्त होगी। डेटा के त्वरित प्रसंस्करण के लिए सीएमएमएस पोर्टल विकसित किया गया है। सरकार ने डेटा गोपनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि कोई भी सूचना तीसरे पक्ष से साझा नहीं की जाएगी।
जातिगत आंकड़ों से बदल सकता है सामाजिक समीकरण-
जनगणना 2027 की सबसे चर्चित पहल जातिगत गणना होगी। स्वतंत्र भारत में पहली बार जातियों से संबंधित आंकड़े एकत्र किए जाएंगे। इसके लिए प्रश्नावली में विशेष कॉलम जोड़े गए हैं। यह कदम सामाजिक-आर्थिक योजनाओं, आरक्षण समीक्षा और पिछड़े समुदायों की पहचान में निर्णायक भूमिका निभाएगा हालांकि ओबीसी जातियों के आंकड़ों को सामूहिक ओबीसी छतरी के तहत दर्ज करने की चर्चा से कुछ आशंकाएं भी सामने आ रही हैं जिन पर सरकार से स्पष्टता की मांग की जा रही है।
नीति, परिसीमन और महिला आरक्षण की दिशा में असर-
जनगणना 2027 के परिणामों के आधार पर 2028 में लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन शुरू हो सकता है। यह नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 के तहत 33 फीसदी महिला आरक्षण लागू करने के लिए जरूरी आंकड़े मुहैया कराएगा। इससे पहले 2011 की जनगणना के आंकड़े दो साल बाद जारी हुए थे लेकिन इस बार डिजिटल प्रक्रिया के चलते प्रारंभिक आंकड़े मार्च 2027 और विस्तृत रिपोर्ट दिसंबर 2027 तक आ सकती है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में 2027 के विधानसभा चुनाव जनगणना से प्रभावित नहीं होंगे इसकी पुष्टि गृह मंत्रालय ने कर दी है।
चुनौतियां और तैयारियां-
जहां एक ओर डिजिटल जनगणना से प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता और इंटरनेट की सीमित पहुंच बड़ी चुनौती बन सकती है। इसके अलावा जातिगत आंकड़ों की प्रस्तुति और राजनीतिक उपयोग पर भी बहस छिड़ सकती है। दक्षिणी राज्यों ने यह आशंका जताई है कि जनसंख्या आधारित परिसीमन से उन्हें नुकसान हो सकता है जिस पर केंद्र सरकार ने संतुलन और न्याय का आश्वासन दिया है।
विकसित भारत 2047 की नींव बनेगी जनगणना-
जनगणना 2027 सिर्फ एक जनसंख्या गणना नहीं बल्कि यह डिजिटल युग में भारत के प्रशासनिक और सामाजिक ढांचे को नए सिरे से आकार देने की ऐतिहासिक प्रक्रिया है। डिजिटल तकनीक, स्व-गणना और जातिगत आंकड़ों के समावेश के साथ यह एक बड़ी नीतिगत क्रांति की शुरुआत हो सकती है। यह प्रक्रिया विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम साबित होगी।
जातीय गणना का महत्व-
1931 के बाद यह पहली बार है जब सरकार ने जातीय गणना को जनगणना प्रक्रिया में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह कदम सामाजिक संरचना को बेहतर ढंग से समझने और विभिन्न जातीय समूहों की वास्तविक संख्या और उनकी स्थिति का आंकलन करने में सहायक होगा। सामाजिक न्याय, आरक्षण नीति, शिक्षा और रोजगार के अवसरों में सुधार के लिए यह डेटा नीति निर्माताओं को मजबूत आधार देगा।
कौन करेगा जनगणना का काम-
जनगणना के कार्य के लिए लगभग 30 लाख गणनाकर्ताओं की आवश्यकता होगी जिनमें अधिकांश स्कूली शिक्षक होंगे। इसके अतिरिक्त लगभग 1.20 लाख अधिकारी जिला और उप-जिला स्तर पर प्रबंधन और निगरानी के कार्यों में लगाए जाएंगे। साथ ही 46,000 प्रशिक्षकों की भी आवश्यकता होगी जो इन गणनाकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। गणनाकर्ता देश के हर कोने में जाकर आंकड़े एकत्र करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी नागरिक की जानकारी छूट न जाए। इस प्रक्रिया के बाद आंकड़ों को केंद्रीकृत रूप से प्रसंस्करित किया जाएगा और विभिन्न चरणों में उनके परिणाम सार्वजनिक किए जाएंगे।
गुणवत्ता नियंत्रण और डेटा जारी करने की प्रक्रिया-
जनगणना डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली अपनाई जाती है। इसमें पुनः जांच और ऑडिट की व्यवस्था होती है। पहले चरण में अनंतिम आंकड़े जारी किए जाते हैं, इसके बाद विस्तृत तालिकाएं और सूचनाएं विभिन्न सामाजिक और आर्थिक संकेतकों के आधार पर प्रकाशित की जाती हैं।
[6/17, 5:33 AM] +91 96283 30454: *अहमदाबाद प्लेन दुर्घटना को लेकर मृतकों के प्रति व्यापारियों की ओर से श्रद्धांजलि सभा की गई आयोजित*

 

 

 

*कैंडिल जलाकर रखा 2 मिनट का मौन*

 

*बैनर न्यूज़ ब्यूरो ओउम जी पाठक “अकिंचन”*

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कानपुर देहात ,,, उ०प्र० उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला कार्यालय हाईवे सर्विस रोड निकट मीना की बगिया कन्हैया नगर स्थित कार्यालय में सायंकाल 6 बजे अहमदाबाद में भी प्लेन दुर्घटना में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए एक श्रद्धांजलि/ शोक सभा जिला अध्यक्ष मोनू गुप्ता के नेतृत्व में की गई इसमें दिवंगत आत्मा को शांति के लिए 2 मिनट का मन रखकर कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई इस मौके पर व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष मोनू गुप्ता ,जिला महामंत्री पियूष कौशल, जिला उपाध्यक्ष अमर यादव ,पं० प्रमोद मिश्रा सरक्षंक , पं० दुर्गेश शर्मा अध्यक्ष व्यापार मंडल अकबरपुर ,देवेंद्र सविता महामंत्री ,नेहा गुप्ता उपाध्यक्ष, विकास सोनी कोषाध्यक्ष ,सुनील गुप्ता पूर्व महामंत्री व्यापार मंडल, राजेश मिश्रा राम आसरे सैनी, गोपाल गुप्ता ज्वेलर्स, विनोद कश्यप ,अरविंद गुप्ता, सुशील त्रिवेदी ,बृजेश पुरवार ,मनफूल यादव, डीके राजपूत,, पप्पू त्रिवेदी, मोहम्मद शरीफ, संजू अग्रवाल, आदि व्यापारी उपस्थित रहे।

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