July 8, 2024

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औरैया26अगस्त21*कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा में आजादी का अमृत महोत्सव ले तहत किसानों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के बारे में बताया गया*

औरैया26अगस्त21*कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा में आजादी का अमृत महोत्सव ले तहत किसानों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के बारे में बताया गया*

औरैया26अगस्त21*कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा में आजादी का अमृत महोत्सव ले तहत किसानों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के बारे में बताया गया*

*दिबियापुर,औरैया।* कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा औरैया द्वारा गुरुवार को आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। जिसका विषय किसानों के लिए खाद्य एवं पोषण सुरक्षा था । जिसमें कृषक महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम में महिलाओं को मल्टीग्रेन, आटा अंकुरित अनाज आदि से मिलने वाले पोषक तत्वों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनंत कुमार ने कृषक महिलाओं को अंकुरित अनाज के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि अंकुरित अनाज में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन ए, बी, सी व ई से भरपूर होता है। एंटी-ऑक्सीडेंट की वजह से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, वहीं इसमें मौजूद लवण शरीर की दूसरी आवश्यकतों को भी पूरा करते हैं. इसमें फॉस्फोरस, आयरन, कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे प्रमुख लवण पाए जाते हैं।
डॉ रश्मि यादव ने बताया कि मल्टीग्रेन आटा में एक नहीं अनेक पोषक तत्व शामिल होते हैं जिसकी हमारे शरीर को आवश्यकता होती है जैसे मिनरल, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और ऊर्जा| उन्होंने बताया कि मल्टीग्रेन आटा बनाने के लिए एक किलो गेहूं, चना 50 ग्राम, मक्का 50 ग्राम, जौ 50 ग्राम, रागी 25 ग्राम, सोयाबीन 25 ग्राम, बाजरा 25 ग्राम, ज्वार 25 ग्राम चाहिए. मल्टीग्रेन आटा की सभी सामग्रियों जैसे गेहूं, चना, मक्काल, ज्वा5र और बाजरा को पानी में तीस मिनट के लिए भिगोंकर रख दें। फिर इसे धुलकर तेज धूप में सुखने के लिए रख दें। जब ये सभी अच्छेि से सूख जाए तो इन सारी चीजों को मिक्सु करके इसे पिसवा लें। तैयार है आपका पौष्टिक मल्टीग्रेन आटा। आप चाहें तो इनके रागी, मूंग दाल या सोयाबीन भी इस्ते। माल कर सकती हैं या इनमें से कोई चीज हटा भी सकती हैं। इसके साथ ही आप इसमें किसी भी चीज की मात्रा अपने स्वाेदानुसार कम या ज्या।दा भी कर सकती हैं। इससे पोषक तत्व मिनरल, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और ऊर्जा से भरपूर होते हैं. इसका इस्तेमाल कई तरीकों से किया जाता है. मल्टीग्रेन आटे से हलवा, परांठा और फुलका तैयार किया जा सकता है. आटे की खासियत ये है कि इसे गूंथते वक्त ज्यादा पानी की जरूरत होती है. अंकुरित अनाज पाचन तंत्र को मजबूत और सक्रिय रहने में मददगार होता है. इसमें फाइबर की बहुत अधिक मात्रा होती है जो पाचन क्रिया को सही बनाए रखती है. महिलाओं ने अपने पोषण वाटिका में उगाई जा रही सब्जियों का प्रदर्शन कर पोषण के प्रति अच्छा संदेश देकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

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