July 7, 2025

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

औरैया14जून*हर सरकार में हो रहा भारतीय मुद्रा का अपमान*

औरैया14जून*हर सरकार में हो रहा भारतीय मुद्रा का अपमान*

औरैया14जून*हर सरकार में हो रहा भारतीय मुद्रा का अपमान*

*छोटे सिक्के हुए चलन से बाहर वाशर के रूप में हो रहे प्रयोग*

*राम प्रकाश शर्मा संवाददाता*
*औरैया।* भारतीय मुद्रा का अपमान विगत कई सरकारें करती चली आ रही हैं।
भारतीय मुद्रा बुरी तरह से पिटी है, जिससे मुद्रा का ह्रास्य हुआ है। अब तक चलसे 1 से लेकर 50 पैसे की सिक्के दम तोड़ चुके हैं और अब 1 से 10 रुपए तक के सिक्कों की बारी है। आखिरकार इन सिक्कों का पिटा मोहरा ही साबित होने की आशंका है। रेजगारी के रूप में सिक्के बंद होने की कगार पर खड़े दिखाई दे रहे हैं।
एक समय था जब 1 से लेकर 50 पैसे के सिक्के का कुछ मूल्य होता था अब एक पैसा , दो पैसा , तीन पैसा , 10 पैसा एवं 20 पैसा के सिक्के विलुप्त हो चुकी हैं। इसके बाद 25 पैसे व 50 पैसे के सिक्के भी देखने को नहीं मिलते हैं , जबकि एक रुपए , दो रुपए के सिक्के दुकानदार व पब्लिक के लोग लेने से इनकार कर देते हैं। इसके अलावा 5 रुपए व 10 रुपए के सिक्के अधिक संख्या में ना तो दुकानदार ही लेते हैं और ना ही बैंकों में जमा हो सकते हैं। हालांकि यह एक जांच का विषय है। जिसकी हकीकत दुकानदारों एवं बैंकों में पहुंचकर ही सामने आ सकती है। इसके लिए सरकार को गोपनीय स्तर से जांच करानी चाहिए जिससे हकीकत सामने आ सके। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आगामी समय में 1 रुपए से लेकर 10 रुपए के सिक्के विलुप्त ही हो जाएंगे। यदि समय के रहते सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो यह सिक्के भी चलन से बाहर होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकारी मुद्रा का दुरुपयोग एवं अपमान तख्तों कीलों पर , दरवाजों के डंडों पर एवं फर्श पर लगे हुए बखूबी देखें जा सकते हैं। भारत सरकार को चाहिए कि प्रचलन से बंद हुए सिक्को को खजाने में जमा करवा कर उन सिक्कों का मूल्य जनता को देना चाहिए जिससे मुद्रा का अपमान होने से बच सके। देश की ख़द्दरशाही या पूंजीपति भले ही इन सिक्कों की कद्र ना करें लेकिन गरीब लाचार करोड़ों लोग बमुश्किल उक्त सिक्कों को भुला पाएंगे। देखने में आ रहा है कि एक व दो रुपए के सिक्के यदि कोई उपभोक्ता दुकानदार को देता है तो दुकानदार उक्त सिक्कों को लेने से इंकार कर देता है या उसका अपमान करके फेक देता है। मूक स्वीकृति लक्षण के आधार पर सरकारों ने अब तक इन सिक्कों कि कोई मदद ना करके प्रचलन से बाहर करवाया है। इन छोटे सिक्कों के हो रहे अपमान को रोकने के लिए सरकार के साथ ही प्रशासन को प्रभावी पहल करने की महती आवश्यकता है। जिससे सरकारी मुद्रा का अपमान होने से बच सकें।

Taza Khabar

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.