July 7, 2025

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

[1/29, 7:32 PM] Ram Prakash Upaajtak: *बिधूना क्षेत्र में कई घोषित प्रत्याशी गांव-गांव जनसंपर्क में जुटे*

*कई कई गाड़ियां व कार्यकर्ताओं की भीड़ आचार संहिता की उड़ रही धज्जियां*

*बिधूना,औरैया।* बिधूना विधानसभा क्षेत्र में कई प्रमुख राजनीतिक दलों के घोषित प्रत्याशियों द्वारा गांव गांव जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया गया है। वही इस जनसंपर्क अभियान में कई कई गाड़ियों के काफिले के साथ समर्थकों की चल रही भीड़ में कोरोना के निर्धारित नियमों व चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। भले ही चुनाव आचार संहिता लागू है और चुनाव अभियान में गाड़ियां लगाए जाने के लिए गाड़ियों की अनुमति लिया जाने के साथ ही अधिक भीड़ न जुटाना भी निर्धारित है। किंतु इसके बावजूद बिधूना विधानसभा क्षेत्र 202 में शनिवार को गुलरियापुर विष्नू पुर्वा बमरौलिया चंदरपुर भदसिया नवादा मलखान पुर्वा दीक्षित पुर्वादला बहादुरपुर पुर्वाजैन सहार आदि गांव कस्बों में विभिन्न दलों के कुछ प्रत्याशी अपने कई कई गाड़ियों के काफिले व समर्थकों के लाव लश्कर के साथ जनसंपर्क कर वोट मांगते नजर आए हैं। भीड़भाड़ वाले माहौल में जनसंपर्क किए जाने से जहां चुनाव आचार संहिता के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं वहीं कोरोना से बचाव के नियम भी धूल चाटते नजर आ रहे हैं।
[1/29, 7:37 PM] Ram Prakash Upaajtak: *बिधूना में साप्ताहिक बाजार बंदी शनिवार को भी सरेआम खुल रही दुकाने*

*बिधूना,औरैया।* बिधूना में शनिवार साप्ताहिक बाजार बंदी के दिन भी अधिकांश दुकानदार नियम कानून को ठेंगा दिखाकर सरेआम दुकानें खोल रहे हैं। सप्ताह के सातों दिन दुकानें खोले जाने से इन दुकानों पर अल्प पारिश्रमिक पर काम करने वाले श्रमिकों को सप्ताह में 1 दिन का भी अवकाश नसीब नहीं हो पा रहा है। बिधूना कस्बे में शनिवार साप्ताहिक बाजार बंदी का दिन निर्धारित है किंतु इसके बावजूद कस्बे के 95 फ़ीसदी दुकानदार नियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए शनिवार को भी दुकानें खुली रखते हैं। सप्ताह के सातों दिन दुकानें खुली रहने से इन दुकानों पर काफी अल्प पारिश्रमिक पर काम करने वाले श्रमिकों को सप्ताह में 1 दिन का भी अवकाश नसीब नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं दुकानों पर काम करने वाले श्रमिकों को 12 घंटे से भी अधिक काम करना पड़ता है इन श्रमिकों की ड्यूटी सुबह 8 बजे से शुरू होकर रात 8 बजे तक रहती है ऐसे में श्रम प्रवर्तन के नियमों का भी सरेआम उल्लंघन हो रहा है। जनचर्चा तो आम यह है कि श्रम प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों की दुकानदारों से मिलीभगत है जिसके कारण शिकायतों के बावजूद भी श्रम प्रवर्तन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.