औरैया 28 जुलाई *जीएसटी के विरोध में भट्टा मालको ने जताई नाराजगी, हड़ताल की चेतावनी*
*जनपद ईट निर्माता समिति ने जीएसटी नहीं हटाए जाने पर कारोबार बंद करने का लिया संकल्प*
*औरैया।* स्थानीय कानपुर रोड जेके टावर में गुरुवार को जनपद ईट निर्माता समिति औरैया के भट्टा मालिकों ने केंद्र सरकार द्वारा ईट उद्योग पर लगाई गई जीएसटी को लेकर विरोध जताया। इसके साथ ही उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान अपनी नाराजगी व्यक्त की है। कहा कि यदि सरकार जीएसटी को वापस नहीं लेती है तो वह लोग अगली सीजन से ईट निर्माण का काम बंद कर देंगे , जिससे बहुत बड़े स्तर पर मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे। कहा कि सरकार भट्टा उद्योग को चौपट करके पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। ऑल इंडिया ब्रिक्स एंड टाइल्स मैन्यूफेक्चर्स फेडरेशन दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश ईट निर्माता समिति लखनऊ के आवाहन पर जनपद ईट निर्माता समिति औरैया ने आगामी सीजन वर्ष में 1 अक्टूबर 2022 से 30 सितंबर 2023 तक ईट भट्टा की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। आगामी सीजन के लिए कोई भी भट्टा स्वामी ना तो लेवर करेगा ना ही ईधन/ कोयला आदि की व्यवस्था करेगा।
प्रेस वार्ता के दौरान जनपद ईट निर्माता समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि ईट बिक्री पर अब तक जीएसटी 1 प्रतिशत की दर से लगता था जो 1 अप्रैल 2022 से बिना आईटीसी लाभ लिए 6 प्रतिशत तथा आईटीसी लाभ लेने पर 12 प्रतिशत कर दिया गया। इसे पूर्व की दर पर लाया जाए। पिछले वर्ष तक जो कोयला की दरे 8000 रुपये प्रति टन तक थी। वर्ष 2022 में या तो कोयला मिला ही नहीं और यदि मिला तो 18000 से 20000 प्रति टन के हिसाब से, कहा की कोयला सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाए। भट्टो के संचालन के लिए जो कोयला सरकारी कोटा से मिलता था वह पिछले वर्षों के मुकाबले 6 प्रतिशत लगभग ही मिला, वह भी खराब क्वालिटी का। सरकारी कोटे का कोयला पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए। सभी भट्टो को जिगजैग तकनीक में परिवर्तित करने के तत्काल बाध्यता। जबकि एक साथ सभी भट्टो को परिवर्तित करने के लिए दक्ष लेवर उपलब्ध ना होने के कारण कम से कम 5 वर्ष का समय दिया जाए। आए दिन प्रदूषण विभाग व पर्यावरण विभाग द्वारा नए-नए आदेश पारित करना , जिससे भट्टा चलाने में दिक्कतें होती हैं। श्रमिकों द्वारा भट्टा मालिकों से पेशगी लेना , फिर बेईमानी करना तथा मानव अधिकार आयोग एवं श्रम कानूनों के तहत भट्टा मालिकों पर मुकदमा करना। प्रशासन द्वारा एकतरफा कार्रवाई कर श्रमको को आजाद करना , जिससे भट्टा मालिकों का धन भी जाता है। वही श्रमिक ना होने के कारण उत्पादन कार्य भी प्रभावित होता है। मिट्टी खोदने पर धन के लिए बालू की ढुलाई करने पर खास तौर से देहाती क्षेत्रों में शासनादेश/ प्रशासनिक आदेश होने के बावजूद भी पुलिस द्वारा उत्पीड़न एवं धन उगाही की जाती है। उपरोक्त समस्याओं के निराकरण के लिए हड़ताल की जा रही है।
*इंसैट* *औरैया।* जनपद ईट निर्माता समिति के जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह कुशवाह ने कहा कि भट्टा स्वामी/समिति हर समय जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन को सहयोग करता है। कोरोना काल में औरैया समिति ने लगभग 5 लाख की आर्थिक मदद तथा लाखों रुपए का राशन एवं लंच पैकेट की व्यवस्था की थी। वर्तमान में भी हर – घर तिरंगा अभियान में 2000 झंडे खरीद कर बटवाये जा रहे हैं। गौशाला के लिए भूषा की व्यवस्था में भी सहयोग किया गया है। इस सबके बावजूद भी भट्टा मालिकों को किसी स्थर पर कोई सम्मान नहीं दिया जाता है। उनका केवल उपभोग किया जाता है। प्रेसवार्ता के दौरान प्रमुख रुप से रविंद्र सिंह तोमर , हरिश्चंद्र वर्मा , अनिल गुप्ता , प्रेमकांत अवस्थी , नीरज राजपूत व गौरव सिंह कुशवाह आदि लोग शामिल रहे।
More Stories
सुल्तानपुर8जुलाई25*सुनील यादव की मौत के मामले ने पकड़ा तूल,
रोहतास8जुलाई25*शांतिपूर्ण से निपटा मोहर्रम, जगह-जगह हुए शरबत,व, लंगर,पुलिस रही मुस्तैद*
हरदोई8जुलाई25*मोहर्रम की तैयारियों का जायजाः कोतवाल ने कर्बला में बिजली-पानी व्यवस्था की जांची,