औरैया 26 सितंबर *वायरल फीवर उपचार एवं बचाव में कारगर है होम्योपैथिक- डॉ० ओमवीर*
*औरैया।* वर्तमान समय में वायरल बुखार का मौसम चल रहा है। चिकित्सालयों एवं चिकित्सकों के यहां वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यदि आप या आपके घर में कोई वायरल फीवर से पीड़ित है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि वायरल फीवर में लड़ने से होम्योपैथिक की कारगर दवाइयां उपलब्ध हैं। यह जानकारी विख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर रामवीर सिंह ने देते हुए बताया कि इस मौसम में तापमान के तेजी से उतार-चढ़ाव एवं नमी के कारण यह विभिन्न तरह के वायरस के संक्रमण के लिए बहुत अनुकूल है। इसीलिए ज्यादा सावधान एवं सतर्कता की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि वायरल फीवर में ठंडक , पसीना का आना , डिहाईड्रेशन , मांसपेशियों में दर्द , सिर दर्द , कमजोरी , थकान , भूख का कम लगना , मिचली महसूस होना व गले में खराश आदि लक्षण हो सकते हैं। परंतु स्वाद व गंध में कमी एवं सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। श्री सिंह ने आगे बताया कि वायरल फीवर संक्रमण है। इसलिए इससे बचाव के लिए भीड़भाड़ वाले स्थान पर ना जाएं , बुखार से पीड़ित रोगी से दूरी बनाए रखें , रोगी के तौलिया व रुमाल आदि का प्रयोग ना करें , गुनगुना पानी पिये , ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम , कोल्ड ड्रिंक व बाजार के भोजन से बचें। कहा कि यदि आपके घर में कोई रोगी है , तो उसे अलग हवादार कमरे में रखें। पौष्टिक , रुपाच्य एवं तरल भोजन दें। पर्याप्त पानी पिलाएं , थोड़ी धूप दिखाएं , गुनगुना पानी दे। अंत में उन्होंने बताया कि वायरल फीवर के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयां अत्यंत प्रभावी हैं। इसके उपचार में प्रयोग होने वाली औषधियों आसैनिक अल्व, रस टाक्स , बेलाडोना , जेल्सीमियम , एपिटोरियम पर्फ व डल्कामारा आदि प्रमुख हैं। होम्योपैथिक औषधियां सुरक्षित हैं , और शरीर पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव भी नहीं डालती हैं। परंतु यह औषधियां प्रशिक्षित एवं योग्य चिकित्सक की सलाह से ही लेनी चाहिए।
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