July 3, 2024

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औरैया 25 जनवरी* लोक अदालत में दोनों पक्षों की होती है जीत

औरैया 25 जनवरी* लोक अदालत में दोनों पक्षों की होती है जीत

लोक अदालत में दोनों पक्षों की होती है जीत

औरैया। माननीय न्यायमूर्ति उत्तम न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार माननीय उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के आदेश अनुसार विगत वर्ष 2021 की राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से संपूर्ण भारतवर्ष में एक करोड़ से अधिक वादों का निस्तारण किया जा चुका है। जिसके संबंध में 26 जनवरी 2022 को राजपथ, नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस की परेड में लोक अदालत से संबंधित एक मुट्ठी आसमां विषयक झांकी का प्रदर्शन किया जा रहा है।माननीय जनपद न्यायाधीश श्री अनिल कुमार वर्मा, के आदेशानुसार सचिव श्री दिवाकर कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, औरैया द्वारा लोगों को जानकारी दी गई कि एक मुट्ठी आसमां थीम, गरीबों तथा समाज के हासिये पर रहने वाले वर्गों के लिए भरोसा, दृढ़ निश्चय तथा आशा का प्रतीक है। विधिक सेवा प्राधिकरणों का गठन समाज के कमजोर वर्ग को मुफ्त एवं सक्षम विधिक सेवाओं को प्रदान करने के लिए, ताकि आर्थिक या किसी भी अन्य कारणों से कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित न रहे तथा लोक अदालत का आयोजन करने के लिए किया गया है, जिससे कि न्यायिक प्रणाली समान अवसर के आधार पर सबके लिए न्याय सुगम बना सके।
लोक अदालत कानूनी विवादों का, सुलह की भावना से, न्यायालय से बाहर समाधान करने का वैकल्पिक विवाद निष्पादन का अभिनव तथा सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है, जहां आपकी समझ-बूझ से विवादों का समाधान किया जाता है। लोक अदालत सरल एवं अनौपचारिक प्रक्रिया को अपनाती है तथा विवादों का अवलम्ब निपटारा करती है। इसमें पक्षकारों को कोई शुल्क नहीं लगता है। लोक अदालत से न्यायालय में लंबित मामले का निष्पादन होने पर पहले से भुगतान किए गए अदालती शुल्क को भी वापस कर दिया जाता है।लोक अदालत का आदेश/ फैसला अंतिम होता है जिसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है। लोक अदालत से मामले के निपटारे के बाद दोनों पक्ष विजेता रहते हैं तथा उनमें निर्णय से पूर्ण संतुष्टि की भावना रहती है, इसमें कोई भी पक्ष जीतता या हारता नहीं है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने जन -जन के दर तक न्याय की तीव्रता प्रणाली को पहुंचाया है और अदालतों का बोझ बड़े पैमाने पर घटाया है। 2021 में आयोजित की गई राष्ट्रीय लोक अदालतों में 1 करोड़ 25 लाख से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया है। झांकी का अग्रभाग ‘न्याय सबके लिए’ को विम्बित करता है, जो कि भयमुक्तता, भरोसा तथा सुरक्षा का द्योतक है। झांकी का पृष्ठ भाग में, एक हाथ की पांचों उंगलियां खुलती हुई दिखाई पड़ती हैं, जो लोक अदालत के पांच मार्गदर्शक सिद्धांतों को दर्शाती है- सबके लिए सुगम्यता, निश्चयात्मकता, सुलभता, न्यायसंगतता तथा शीघ्र न्याय ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य है।

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