[9/22, 12:11 PM] Ram Prakash Upaajtak: *।।पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर विशेष।।*
*पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्मक मानव दर्शन*
*संवाददाता राम प्रकाश शर्मा*
*औरैया।* देश की राजनीति में जब झूठ और फरेब का वर्चस्व है। आदर्श चरित्र वाले राजनीतिज्ञ मिलना तो दूर कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे आदर्श चरित्र वाले राजनेता की याद आना स्वभाविक है। वे न केवल जनसंघ को जन-जन तक पहुंचाने में जुटे रहे, बल्कि विपक्षी एकता के सूत्रधार भी रहे। एकात्मक मानव दर्शन उनकी वैचारिक रचनाशीलता और लोगों की समझ का उदाहरण है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का वैचारिक पक्ष भी उनके आचरण का व्यावहारिक पक्ष जैसा प्रबल था। एकात्मक मानव दर्शन उनकी वैचारिक रचना शीलता का एक सशक्त उदाहरण है। उन्होंने स्वयं कहा था कि एकात्मक मानव बाद सनातन संस्कृति का संकलन है। इस दर्शन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा कि धर्म अर्थ काम और मोक्ष का समुच्चय है। विश्व में अन्य वादो में मनुष्य के एक पक्ष का विचार किया गया है। साम्यवाद या पूंजीवाद अर्थ और काम पर केंद्रित हैं। लेकिन जब आदमी का पेट भर जाता है तो उसे परिवार समाज और धर्म की जरूरत भी होती है। इसलिए रोटी ही सब कुछ नहीं होती। मनुष्य का सभ्यता से विचार करना ही उसको सर्वांगीण उन्नति राह दिखाना है।
उनका कहना है कि परिवार, समाज, देश और विश्व सब एक दूसरे से जुड़े हैं। उन्हें अलग-अलग इकाइयों के रूप में परिभाषित करना गलत है। पश्चिमी वादों में उन्हें एक दूसरे पर दबाव के रूप में दिखाया गया है। जबकि हमारे यहां व्यक्ति से परिवार, परिवार से समाज, समाज से देश और देश से विश्व का विचार है। एकात्मक मार्गदर्शन में संघर्ष नहीं वल्कि समन्वय पर बल दिया है। समन्वय चाहे प्रकृति या सृष्टि के साथ हो या फिर मनुष्य के साथ यही सर्वोत्तम है। एकात्मक मानव दर्शन अविवेक शोषण नहीं, वल्कि दोहन पर बल देता है। शोषण में दूसरे पक्ष का विचार नहीं होता। जबकि दोहन दोनों पक्षों को बराबर का महत्व देता है। ऐसा नहीं कि एकात्मक मानव दर्शन में आर्थिक पक्ष को महत्व नहीं दिया गया है। पंडित जी ने कहा कि हर व्यक्ति अपनी योग्यता के हिसाब से कमायेगा ना कमाने वालों को खिलाएगा। गुण-कर्मों के अंतर की वजह से आय में पूरी तरह से समानता संभव नहीं है। लेकिन सबसे कम और सबसे अधिक में 20 गुना से ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए। पंडित जी सामाजिक समरसता और दरिद्र नारायण को सबसे अधिक महत्व दिया। अंतिम व्यक्ति उनका आराध्य है। आज राजनीति से लोगों का विश्वास उठ गया है। चारों ओर अंधकार छाया हुआ है। राष्ट्रपिता का संकट न राष्ट्र धर्म का पता ना राष्ट्रभाषा की जानकारी और न राष्ट्रगान का मान। सरस्वती वंदना जहां विवादास्पद हो जाए, ज्योतिष शास्त्र पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे तो मन में निराशा का भाव उत्पन्न होना भी स्वभाविक नहीं है। ऐसे समय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे विचारधान और उच्च चरित्र वाले लोग भले ही कम हो, लेकिन जब तक उनका बताया रास्ता रहेगा लोग उस पर चलेंगे जरूर। यह विडंबना है कि भारत की पवित्र भूमि ने एक नहीं अनेक महामानव दिए अब इंतजार हो रहा है राजनीति में अब आदर्श चरित्र का अकाल हो गया है, आचरण गौण हो गया है। कथनी और करनी का अंतर पड़ रहा है। आदर्श ढोंगी और छलावे का पर्याय बन गये हैं। श्रद्धा का स्थान भय नहीं ले लिया है, और त्याग, संयम, सुचिता, कर्मठता, पारदर्शिता एवं वैचारिक दृणता जैसे गुण लुप्त हो रहे हैं। इसलिए आज की राजनीतिक समाज में नेताओं को नायक नहीं खलनायक माना जाने लगा है। लेकिन आज भी ऐसे कुछ आकाशदीप हैं जो राजनीति के भट्ट के जावाजो को राज दिला रहे हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजनीति के समुद्र में ऐसी ही प्रकाश स्तंभ हैं। वे शरीर से आज भले ही मौजूद नहीं है। लेकिन उनके विचार व आदर्श केवल भाजपा ही नहीं बल्कि देश की जनता के लिए मार्गदर्शक हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजनीति में होते हुए भी उनके पराधीन नहीं हुए। राजनीतिक उनके लिए सुविधा नहीं सेवा का माध्यम थी। उनके विचार और कार्य सिर्फ एक राजनीतिक दल की उन्नति के लिए नहीं रही बल्कि उनका लक्ष्य विश्वकल्याण का था। सन 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक बनने के बाद वह लगभग 25 वर्ष सार्वजनिक जीवन में रहे। आजादी के बाद देश में सत्ता की दौड़ प्रारंभ हो गई। देश में आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक और औद्योगिक सभी क्षेत्रों में गिरावट के आसार प्रकट होने लगे। ऐसे क्षणों में राजनीतिक क्षेत्रों में नई विचारधारा और नये राजनैतिक दल एक नई नेतृत्व की आवश्यकता पड़ी। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर नये दल के निर्णय के लिए राष्ट्र भक्तों और सामाजिक विचारको से मेल मुलाकात शुरू की। मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल डॉक्टर भाई महावीर भारतीय जनसंघ के प्रथम महामंत्री के रूप में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ देश में घूमे। इस दौड़ में डॉक्टर मुखर्जी ने परम पूजनीय गुरु जी से चर्चा की और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सह प्रांत प्रचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्टी में आए। वे जनसंघ को जन जन तक ले जाने के लिए प्राण प्रण से जुट गये। वे विपक्षी एकता के सूत्रधार रहे और पहली बार बनी विपक्ष को संविदा सरकारों को गढ़ने वाले भी। जनसंघ के अनेक आंदोलनों का संचालन उन्होंने किया। मोर्चे पर कोई भी रहा हो लेकिन उसे दिशा दीनदयाल उपाध्याय ने ही दी। विपक्ष की अंकुश वाली भूमिका को सही मायने में उन्होंने लागू किया। यह संगठन कर्ता के रूप में पूरे देश में निरंतर प्रयास और अंतिम पंक्ति के कार्यकर्ता तक परिचय उनके अद्भुत व्यक्तित्व में शामिल है। पंडित जी ने छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं की ही नहीं समाज के सभी वर्गों की बात ध्यान में रखते थे। सभी के प्रश्नों का अपने हाथों से लिख कर जवाब देते थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अपनी बात उचित स्थानों पर साफ तौर पर रखते थे। सन 1967 में मध्यप्रदेश में तत्कालीन भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी राजमाता विजयराजे सिंधिया के साथ कुछ सीटों पर तालमेल कर चुनाव मैदान में खड़े हुए। भारतीय जनसंघ को अच्छी सफलता मिली। ग्वालियर स्थित गोरखी मंदिर में जनसंघ ने विजई प्रत्याशियों राजमाता के सम्मान में एक समारोह रखा। समारोह में ज्यादातर वक्ताओं के मुंह से यह बात निकली की राजमाता के कारण ही भारतीय जनसंघ को इतनी बड़ी सफलता मिली है। जब दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में बोलने को खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि यह हो सकता है कि राजमाता के प्रभाव के कारण जनसंघ का आधार कुछ बढ़ गया हो, लेकिन भारतीय जनसंघ का अपना जनाधार है। इसलिए हमें अपनी विचारधारा के नाते सीटें मिली हैं। संकलनकर्ता राम प्रकाश शर्मा।
[9/22, 2:39 PM] Ram Prakash Upaajtak: भारी बारिश के कारण फायर स्टेशन औरैया की दिवार गिरने से जल भराव होने के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक औरैया चारू निगम द्वारा दी गयी बाइट।
[9/22, 6:39 PM] Ram Prakash Upaajtak: *नवजात परित्यक्त शिशु की देख-रेख के लिए करें आवेदन-प्रोबेशन अधिकारी*
*औरैया 22 सितंबर 2022-* जिला प्रोबेशन अधिकारी आशुतोष सिंह ने सर्वसाधारण को सूचित किया है कि नवजात परित्यक्त शिशु तथा देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के संरक्षण के लिए उपयुक्त व्यक्ति तथा उपयुक्त सुविधा का चयन किया जाना है। वर्तमान में संचालित राजकीय गृहों या पंजीकृत मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक संस्था द्वारा संचालित गृहों एवं उसके संचालकों में से उपयुक्त सुविधा का चयन किया जाएगा। उपयुक्त व्यक्ति के रूप में ऐसे व्यक्ति को मान्यता प्रदान की जाएगी जो आवश्यक अवधि के लिए किसी भी बच्चे की देखभाल, संरक्षण अथवा उपचार के लिए अस्थाई रूप से लेने के लिए उपयुक्त हो, तथा इच्छा रखेगा तथा बच्चे की देखभाल और संरक्षण की बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराएगा।अतः इच्छुक व्यक्ति/ व्यक्तियों का समूह/ संस्था अपना आवेदन के लिए किसी भी कार्य दिवस में जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय, कमरा नंबर 21, विकास भवन, मुख्यालय काकोर, औरैया से प्राप्त कर आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 7500157306, 86302 80779 पर संपर्क कर सकते हैं।
[9/22, 6:52 PM] Ram Prakash Upaajtak: *सोलह लाख रुपए लेकर वापस न करने पर हुआ मुदकमा*
*षडयंत्र रचकर गायब कर परिजनों से धमकी भरा दिलाया था पत्र*
*बिधूना,औरैया।* बिधूना कस्बा के मोहल्ला जवाहरनगर निवासी युवक ने पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती पत्र में बताया कि नामजद एक आरोपित ने जिले मे बैंक में के.सी.सी बनवाने व जनरेटर लगवाने का ठेका मिलने की बात कहकर 16 लाख रुपए उधार लिए कुछ दिन बाद उसके अन्य एक नाजमद साथी ने षडयंत्र रचकर आरोपित को गायब दिया। वहीं रुपए मांगने पर फर्जी मुकदमें में फंसाने का षडयंत्र रच रहा है। पुलिस ने नाामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित आशीष भदौरिया ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि कस्बा के मोहल्ला किशोरगंज निवासी विष्णू भदौैरिया पुत्र शिशुपाल सिंह ने वर्ष 2021 में उसे बताया कि उसको सेन्ट्र्ल बैंकों का जिले में जनरेटर लगवाने व के.सी.सी बनवाने का ठेका मिला है। नामजद आरोपित ने रूपया न होने की असमर्थता जताते हुए रुपए उधार मांगे और कहा दिया कि इन फाइलों में जो बचत होगी उससे तुम्हारी रकम वापस कर दूॅगा। विष्णू की बातों में आकर भरोसा करते हुए उसने रामपाल सिंह,चन्दन,व नत्थू सिंह समेंत अन्य साथियों से 16 लाख रुपए लेकर दे दिया। विष्णू द्वारा कुछ दिनों तक रूपयों का लेनदेन किया गया था। इसके बाद उसके अन्य साथी पवन सिंह द्वारा षडयंत्र बनाकर विष्णू को गायव कर दिया गया और झूठी रिपोर्ट व धमकी भरा पत्र विष्णू के परिवारीजनों से जिलाधिकारी को उसके खिलाफ दिला दिया गया था। बाद में पुलिस ने उक्त मामले को गलत पाया था। आरोपित द्वारा कुछ दिनों बाद वापस आने के पर रुपऐ कबूल कर कुछ दिन बाद देने का वायदा भी किया गया था। इसके बाद आरोपित ने कोर्ट के माध्यम से फर्जी आरोप लगाया था। पीड़ित ने बताया है कि बताया कि विष्णू भदौरिया व पवन सिंह रुपए वापस न करने पर झूठे मुकदमें में फंसाने का षडयंत्र रच रहे है। कोतवाल जीवाराम ने बताया कि मुकदमा दर्जकर लिया गया है मामले की जांच कर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
[9/22, 7:45 PM] Ram Prakash Upaajtak: *सेवानिवृत्त शिक्षक की धर्म पत्नी के निधन पर गहरा शोक*
*फफूँद,औरैया।* नगर के मोहल्ला तिवारियान निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक श्री राधा बल्लभ इंटर कॉलेज फफूंद शंकर दत्त द्विवेदी जिन की धर्मपत्नी श्रीमती मंजू लता द्विवेदी जिनकी उम्र 85 वर्ष के करीब थी जिनका मंगलवार को आकस्मिक निधन हो गया है श्री राधा बल्लभ इंटर कॉलेज फफूँद के सेवानिवृत्त शिक्षक शंकर दत्त द्विवेदी की धर्मपत्नी के आकस्मिक निधन पर राजेश द्विवेदी, अनुज दुबे, गौरव पांडे, भोले तिवारी, सभासद राजेश तिवारी, पूर्व चेयरमैन अनिल कुमार अग्निहोत्री, चेयरमैन, प्रतिनिधि अनुराग शुक्ला, समाज सेवी आशीष गुप्ता, कन्हैया लाल शुक्ला, प्रदीप पांडे, अंकित रंजन त्रिपाठी, पत्रकार शिव नारायण मिश्रा, पत्रकार शशांक गुप्ता, पत्रकार अनुराग मिश्रा उर्फ गोलू, पत्रकार अनुज कुशवाहा, पत्रकार प्रदीप कुमार, पत्रकार मोहम्मद नफीस सिद्दीकी, पत्रकार मोहम्मद असलम खान, पत्रकार मोहम्मद शब्बीर कुरैशी, मोहम्मद शादाब, महेंद्र दुबे, विमल दुबे, कुमारी रेनू गुप्ता, ऋषि मिश्रा, श्यामू अग्निहोत्री, सिराजुद्दीन उर्फ मुन्ना, बृजेश दुबे, अवधेश दुबे,आशुतोष दुबे अनुपम दुबे, उत्कर्ष, रोहित, रामजी मिश्रा, गोपाल कृष्ण मिश्रा आदि लोगों ने गहरा दुख प्रकट किया है तथा उन्हें शोक श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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