May 11, 2024

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औरैया 08 अगस्त ब्रेकिंग न्यूज़ upaajtak से

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[8/8, 7:43 PM] Ram Prakash Upaajtak: *जिले में 9 से 15 अगस्त तक फहराया जाएगा राष्ट्रीय तिरंगा-राजवीर यादव*

*जिलाध्यक्ष ने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से व्यापक तौर पर तिरंगा फहराने की अपील की*

*औरैया।* समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश के प्रत्येक घर पर 9 अगस्त से 15 अगस्त 2022 तक राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा 9 अगस्त वह दिन है जब सन 1942 में गांधी जी ने अंग्रेजों से भारत छोड़ो का आवाहन किया था। उसके बाद ही 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी।
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष राजवीर यादव ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 9 अगस्त से 15 अगस्त 2022 तक 1 सप्ताह का यह पर्व स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों को नमन तथा भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र व्यवस्था की सुरक्षा के संकल्प के लिए समर्पित होगा। गांधीजी के आवाहन पर 9 अगस्त 1942 को समाजवादी नेताओं सर्वश्री जयप्रकाश नारायण , डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, अरूणा आसिफ अली, ऊषा मेहता आदि ने स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी थी। अंत में जिलाध्यक्ष राजवीर सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं से जनपद में उपरोक्त तिथियों तक राष्ट्रीय ध्वज घर-घर फैहराने की पुरजोर अपील की है। उपरोक्त जानकारी सपा मीडिया प्रभारी अनुज यादव एवं सपा सचिव अनुज यादव के द्वारा संयुक्त रुप से दी गई है।
[8/8, 9:46 PM] Ram Prakash Upaajtak: *किसान भाई खरीफ की फसल में कीट / रोग नियंत्रण कैसे करे,*

*औरैया।* जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र कुमार वर्मा ने प्रेस रिलीज जारी कर यह बताया–
पत्ती लपेटक कीट के लिए नियंत्रण के उपाय पत्ती लपेटक कीट नियंत्रण के लिए निम्न रसायनों का प्रयोग करने के लिए किसान भाइयों को सलाह दी जाती है जैसे- कास्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी 18 कि०ग्रा० 3-5 संगीo स्थिर पानी में अथवा क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई०सी० 15 ली० अथवा क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत ई०सी० 1.5 ली० मात्रा 500-600 ली० पानी में घोलकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।*ब*- तना छेदक कीट हेतु नियंत्रण के उपाय- तना छेदक कीट के नियंत्रण के लिये निम्नलिखित रसायनों में से किसी एक रसायन को प्रति हेक्टेयर दुरकाव/ 500-500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए जैसे- कास्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी 18 किग्रा 3-5 सेमी स्थिर पानी में अथवा क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई०सी० 1.5 ली अथवा क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत ई०सी० 1.5-लीटर, झोका रोग के लिए नियंत्रण के उपाय- रासायनिक नियंत्रण के लिए किसी एक रसायन का प्रति 60500 -7500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए जैसे कार्वेण्डाजिम 50 प्रति0 डब्ल्यूपी० 500 ग्राम अथवा हेक्साकोनाजोल 5 प्रति० ई०सी० 1 ली० अथवा मैंकोजेब 75 प्रति डब्ल्यूपी० घर किया० अथवा जिनेब 75 प्रतिशत कल्यूपी 750 ग्राम 02 किग्रा० अथवा काण्डाजिम 12 प्रतिशत प्लस मेकाजेब 63 प्रति डब्ल्यूरी0 750 ग्राम छिडकाव करने की सलाह दी जाती है।जीवाणु झुलसा रोग के लिए नियंत्रण के उपाय इस रोग के नियंत्रण के लिए स्ट्रेप्टोमायसीन सल्बेट 90 प्रतिशत प्लस टेट्रासायक्लीन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत की 4 ग्राम भात्रा को 25 किग्रा बीज की दर से बीजशोधन कार बुवाई करना चाहिए।
अरहर में पत्ती लपेट इसमें हरे पीले रंग की छोटी-छोटी पत्ती को रोल बनाकर लपेट लेती है जिसमें पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है। इसके उपचार के लिए मैलाथियान 50 प्रति ई०सी० की 1250 लीटर मात्रा की 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। उर्द / मूंग में पीला मोजैक यह वायरस जनित रोग सफेद मक्खी के कारण फलता है. इसमें पत्तियों मैली चितकबरी हो जाती है एवं फलियों नहीं बनती। इसके बचाव के लिए मोनोफोटोफॉस 36 प्रति० ई०सी० की 750 मिली० मात्रा को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टयर की दर से छिड़काव करें। मक्के की फसल में तना छेदक कीट के उपाय इस कीट के नियंत्रण के लिए डाईमथोएट 30 प्रति० ई०सी०। 3 लीटर प्रति हेक्टयर अथवा क्यूनालफॉस 25 प्रति० ई०सी० 15 लीटर प्रति हेक्टेयर मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। 5 मक्का फॉल आमी वार्ग इस कीट के नियंत्रण हेतु स्पीनटारम 117 प्रति 0.5 मिली या क्लोरन्दानिलिप्रोल 18.5 प्रतिशत 0.4 मिली० अथवा थायोमेथाक्साम 12.8 प्रति प्लस लैम्डासायलोपिन 95 प्रति 0.25 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। किसान भाइयों को सलाह दी जाती है जैसे- कास्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी 18 कि०ग्रा० 3-5 संगीo स्थिर पानी में अथवा क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई०सी० 15 ली० अथवा क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत ई०सी० 1.5 ली० मात्रा 500-600 ली० पानी में घोलकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
तना छेदक कीट के लिए नियंत्रण के उपाय- तना छेदक कीट के नियंत्रण के लिये निम्नलिखित रसायनों में से किसी एक रसायन को प्रति हेक्टेयर दुरकाव/ 500-500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए जैसे- कास्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी 18 किग्रा 3-5 सेमी स्थिर पानी में अथवा क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई०सी० 1.5 ली अथवा क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत ई०सी० 1.5-लीटर, झोका रोग के लिए नियंत्रण के उपाय- रासायनिक नियंत्रण के लिए किसी एक रसायन का प्रति 60500 -7500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए जैसे कार्वेण्डाजिम 50 प्रति0 डब्ल्यूपी० 500 ग्राम अथवा हेक्साकोनाजोल 5 प्रति० ई०सी० 1 ली० अथवा मैंकोजेब 75 प्रति डब्ल्यूपी० घर किया० अथवा जिनेब 75 प्रतिशत कल्यूपी 750 ग्राम 02 किग्रा० अथवा काण्डाजिम 12 प्रतिशत प्लस मेकाजेब 63 प्रति डब्ल्यूरी0 750 ग्राम छिडकाव करने की सलाह दी जाती है।जीवाणु झुलसा रोग के लिए नियंत्रण के उपाय इस रोग के नियंत्रण के लिए स्ट्रेप्टोमायसीन सल्बेट 90 प्रतिशत प्लस टेट्रासायक्लीन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत की 4 ग्राम भात्रा को 25 किग्रा बीज की दर से बीजशोधन कार बुवाई करना चाहिए। अरहर में पत्ती लपेट इसमें हरे पीले रंग की छोटी-छोटी पत्ती को रोल बनाकर लपेट लेती है जिसमें पौधों की वृद्धि प्रभावित होती है। इसके उपचार के लिए मैलाथियान 50 प्रति ई०सी० की 1250 लीटर मात्रा की 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। उर्द / मूंग में पीला मोजैक यह वायरस जनित रोग सफेद मक्खी के कारण फलता है. इसमें पत्तियों मैली चितकबरी हो जाती है एवं फलियों नहीं बनती। इसके बचाव के लिए मोनोफोटोफॉस 36 प्रति० ई०सी० की 750 मिली० मात्रा को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टयर की दर से छिड़काव करें। मक्के की फसल में तना छेदक कीट के उपाय इस कीट के नियंत्रण के लिए डाईमथोएट 30 प्रति० ई०सी०। 3 लीटर प्रति हेक्टयर अथवा क्यूनालफॉस 25 प्रति० ई०सी० 15 लीटर प्रति हेक्टेयर मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें। 5 मक्का फॉल आमी वार्ग इस कीट के नियंत्रण हेतु स्पीनटारम 117 प्रति 0.5 मिली या क्लोरन्दानिलिप्रोल 18.5 प्रतिशत 0.4 मिली० अथवा थायोमेथाक्साम 12.8 प्रति प्लस लैम्डासायलोपिन 95 प्रति 0.25 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
[8/8, 9:46 PM] Ram Prakash Upaajtak: *25 अगस्त तक किसान ईकेवाईसी पूर्ण कराये-उप कृषि निदेशक*

*औरैया।* प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत जनपद के 2 लाख 29 हजार 431 कृषकों द्वारा योजना का लाभ प्राप्त किया जा रहा है, जिनमें से 1लाख 56 हजार 666 कृषकों द्वारा ही ईकेवाईसी कराया गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किसानों को लगातार जागरूक व प्रेरित किये जाने के बावजूद भी जनपद के 72 हजार 765 लाभार्थी कृषकों द्वारा अभी तक ईकेवाईसी नहीं कराया गया है। ऐसी स्थिति में भारत सरकार एवं शासन स्तर से निर्देश प्राप्त हुए है कि 12 वीं किस्त का भुगतान उन्हीं कृषकों को किया जायेगा, जिनका ईकेवाईसी पूर्ण है। ईकेवाईसी पूर्ण कराने हेतु आगामी 10 एवं 11 अगस्त को प्रत्येक ग्राम में प्राविधिक सहायक सी० एवं जनसेवा केन्द्र द्वारा कैम्प लगाकर लाभार्थी कृषकों का ईकेवाईसी कराया जायेगा तथा आगामी 10 एवं 11 अगस्त के विशेष अभियान के पश्चात आगामी 16 से 23 अगस्त के मध्य ईकेवाईसी से छूटे हुये किसानों से डोर टू डोर सम्पर्क स्थापित कर ईकेवाईसी का कार्य पूर्ण किया जायेगा। ईकेवाईसी पूर्ण कराने की अन्तिम तिथि 25 अगस्त, 2022 निर्धारित की गयी है। अतः प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत समस्त लाभार्थी कृषक जिनके द्वारा अभी तक ईकेवाईसी नहीं कराया गया है वह 10 एवं 11 अगस्त, 2022 को अपने ग्राम में लगाये जा रहे कैम्प में अपना ईकेवाईसी अवश्य करा लें, अन्यथा की स्थिति में उन्हें 12वीं किस्त से वंचित रहना पडेगा।यह जानकारी शैलेन्द्र कुमार वर्मा उप कृषि निदेशक औरैया ने दी है।

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