August 5, 2025

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औरैया 03 नवम्बर *दीपावली को लेकर बारूद की बिक्री में आई तेजी*

औरैया 03 नवम्बर *दीपावली को लेकर बारूद की बिक्री में आई तेजी*

औरैया 03 नवम्बर *दीपावली को लेकर बारूद की बिक्री में आई तेजी*

*प्रदूषण रहित बारूद की बाजार में नहीं हो रही बिक्री*

*औरैया।* दीपावली के अवसर पर प्रशासन द्वारा लाइसेंस धारक दुकानदारों को स्थानीय दर्शनीय स्थल मोहल्ला तिलक नगर में दुकानें लगाने क अनुमति प्रदान की गई। महंगाई का दौर होने के बावजूद बारूद की बिक्री में तेजी आई है। प्रदर्शनी स्थल पर लगी बारूद की दुकानों में एक दुकान प्रदूषण मुक्त बारूद की भी थी, लेकिन महंगी होने के चलते बिक्री नही हो रही है। बारूद चलने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इस पर अंकुश लगाया जाना प्रशासन के लिए बहुत ही कठिन काम है। दीपावली त्यौहार पर लाखों रुपए की बारूद में आग लग जाएगी।
बारूद बिक्री के लिए कुछ लोगों ने प्रशासन से अस्थाई लाइसेंस स्वीकृत कराया है इसी के मद्देनजर प्रशासन ने बारूद बिक्री के लिए मोहल्ला तिलक नगर स्थित प्रदर्शनी स्थल को निर्धारित करते हुए बारूद की दुकानों को निर्धारित स्थान पर लगाने को अनुमति प्रदान की है। बुधवार छोटी दीपावली के अवसर पर लाइसेंस धारकों ने अपनी-अपनी दुकानें सुबह से ही प्रदर्शनीय स्थल पर सजा ली। बारूद खरीदने के लिए शहर के विभिन्न मोहल्लों के लोग उपरोक्त स्थान पर पहुंचे तथा महंगाई के दौर में बारूद की मनमाफिक खरीददारी की है। दुकानदार विवेक चतुर्वेदी व इंद्रजीत ने बताया कि अनार 15 रुपए प्रति पीस, लाइट डिब्बी 20 से 30 रुपए, फूलझड़ी 10 से 25 रुपए, लैला मजनू 65 रुपए पैकेट , चकाई 15 से 80 रुपए , राकेट 80 रुपए , पटाखा पैकेट 5 से 10 रुपए के अलावा 30 स्टार 450 रुपए बिक्री के हैं। उपरोक्त बारूद स्थल पर प्रदूषण मुक्त बारूद की दुकान लगाने वाले राज कुमार ने बताया कि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए उन्होंने प्रदूषण मुक्त बारूद की दुकान लगाई हुई थी। जिसमें डोरेमोन बम व ग्रेनाइट बम उपलब्ध हैं। इन बमों में केवल आवाज होगी लेकिन धुआँ नहीं निकलेगा। जिनकी प्रति नग कीमत 10 रुपए है, लेकिन उनकी बिक्री नही हो रही है। बारूद की बिक्री कर रहे दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों पर अग्निशमन यंत्र तथा पानी के अलावा सेनीटाइजर की व्यवस्था कर रखी थी। जिससे आकस्मिक घटना से बचाव किया जा सके। बारूद चलने से संक्रमण फैमिली की साथ ही पर्यावरण प्रदूषित होता है यह किसी से छिपा नहीं है। इसके बावजूद बारूद चलाने का प्रचलन बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। शहर की वरिष्ठ संभ्रांत बुद्धिजीवियों एवं जागरूक नागरिकों का कहना है कि बारूद चलाने के प्रचलन पर रोक लगा पाना शासन व प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। दीपावली त्यौहार पर जनपद में लाखों रुपए की बारूद आग लगकर खाक हो जाएगी। यदि बारूद चलाने पर रोक लगे तो पर्यावरण को क्षति नहीं होगी वही बर्बाद होने वाले लाखों रुपए भी बचेगे। बारूद बिक्री को लेकर अस्थाई लाइसेंस धारक मनमाने तरीके से बारूद बेच रहे हैं , जिसके चलते बारूद बिक्री में तेजी आई है।

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