July 1, 2024

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इटावा08जनवरी*संघ परिवार और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मुसलमानों का नहीं बल्कि हिंदुओं का है शत्रु: खादिम अब्बास*

इटावा08जनवरी*संघ परिवार और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मुसलमानों का नहीं बल्कि हिंदुओं का है शत्रु: खादिम अब्बास*

इटावा08जनवरी*संघ परिवार और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मुसलमानों का नहीं बल्कि हिंदुओं का है शत्रु: खादिम अब्बास*

*दलित और पिछड़ों ने ली अंगड़ाई, अब और नहीं करेंगे शोषण बर्दाश्त खोलेंगे ढोल की पोल*

*तीन तिलंगे किए दे रहे हैं देश की गंगा जमुनी साझा संस्कृति का सर्वनाश, फैला रहे हैं घृणा और नफरत*

*भारतीय संविधान और लोकतंत्र खतरे में, मोदी, शाह और योगी एक समान लूट रहे हैं भारत का सम्मान*

*अंबेडकरवादी और लोहिया वादी सांप्रदायिकता वादी शक्तियों से संघर्ष करने के लिए हो रहे हैं लामबंद, काछी समाज भी योगी से करना चाहता है पुराने अपमान का चुकता हिसाब किताब*

*घृणा और नफरत की खेती करने वाले तत्वों को किया जाने लगा है बेनकाब, गांव गली और खेत खलियानो तक सुनाई देने लगी है किसानों की आवाज, मोदी और योगी को सिखाओ सबक, ले लो अपनी तबाही और बर्बादी का बदला*

*धर्मांधता और घृणा फैलाने वाले सकते में अब कैसे गले की दाल, सभी वर्ग होते जा रहे हैं हुशियार, पूछ रहे हैं संविधान का अपमान करने का दुस्साहस क्यों किया?*

*महंगाई बेरोजगारी भुखमरी और भ्रष्टाचार ने आम आदमी का जीना किया दूभर,*

*गरीबों का बुझ गया चूल्हा विनाश करने वाले झूठों के सरदार कह रहे हैं सबका हो रहा है विकास*

*नारी सशक्तिकरण की बात करने वाले मोदी योगी से क्यों नहीं पूछते उत्तर प्रदेश कैसे बन गया बलात्कार प्रदेश*

*भस्मासुर बाबा बन गया बवाल ,अब जनता दिखाएगी अपना कमाल, नहीं बोलने देगी मवालियों की भाषा, ठोक देने वाली भाषा बोलने वालों को ठोक देगी अपने वोट से*

*योगी शासन में हूटर शूटर लूटर मस्त और जनता है पस्त महिलाओं की इज्जत आबरू कहीं सुरक्षित नहीं*

*जनता की नई सोच विकसित, जो भी पार्टी भाजपा को करेगी परास्त उसे देगी वोट; आर्टी, पार्टी नहीं देखेगी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करेगी बार दांव खाली नहीं जाने देगी*

*मोदी का न खाऊंगा ना खाने दूंगा का जुमला ,देश को भ्रष्टाचार के रसातल में ले गया 56 इंच की छाती मैं ठुक गया कीला*

*नारी सशक्तिकरण की बातें करने वाले झूठे मक्कारों और सेखी खोरों के शासन में निरीह महिलाएं भर रहीं हैं सिसकियां*

*पाकिस्तान और कब्रिस्तान और मुसलमानों को निशाना बनाने वाले मोदी नवाज शरीफ को महामंडित करने के साथ खिलाते हैं उन्हें कबाब और बिरयानी*

*लव जिहाद का ढिंढोरा पीटने वाले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की बेटियां मुसलमानों के घरों की बढ़ा रही हैं रोनक चिड़ा रही हैं ऐसे तत्वों क मुह*

*तीन तलाक की बात करने वाले मोदी अपने अंगने में क्यों नहीं झांकते अर्धांगिनी का सम्मान करना भारतीय संस्कृति है*

*दान का चर्चा घर घर पहुंचे लूट की दौलत छुपी रहे,मां के पेट में जो बच्चा है वह भी है कर्जदार*

*भारत है कुपोषण , भुखमरी और फटेहाली का शिकार, भूखे भजन न होय गोपाला यह रखी तेरी कंठी माला*

*मोदी और योगी के डबल इंजन वाली सरकार हो गई है फेल ,जनता अब दिखायेगी अपना खेल*

*भाजपा है अंदर से खोखली, आसानी से किया जा सकता है परास्त- बौद्धिक वर्ग योगी का राजनैतिक बध करने के लिए फरसा लिए घूम रहा है*

*किसान आंदोलन प्रधानमंत्री मोदी की राजनीति के लिए बन गया कोढ़ में खाज, चुकानी पड़ेगी भारी कीमत*

इटावा। चुनावी महाभारत के शुरुआत हो चुकी हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी तुरई से रणभेरी बजाने में जुट चुके हैं। इस समय सारे विपक्षी दल संघ परिवार के साथ भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सरकार के ऊपर हमलावर है। विपक्ष के हमले को भोतरा करने के लिए मोदी और योगी को बचाने के लिए संघ परिवार भी धर्मांधता का हथियार लेकर चुनावी समर में कूद पड़ा है अब बात महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार मुफलिसी और देश की सीमाएं खतरे में है इस बात को ना लेकर राम मंदिर कृष्ण भूमि और बाबा काशीनाथ की शरण में जाकर सत्तारूढ़ दल अपनी नाकामी और देश व प्रदेश को किए गए बर्बादी का ठीकरा अब बहुत चतुराई के साथ दूसरों पर फोड़ने के लिए झूठ ब छल प्रपंचों का सहारा लेकर नफरत और घृणा करने की राजनीत पर उतर आया है इसे सिर्फ उत्तर प्रदेश की जनता ही नहीं वल्कि सारा देश देख रहा है। मोदी और योगी अपनी होने बाली पराजय को देखते हुए इतने बदहवास और नर्वस हो गए हैं कि उन्होंने प्रदेश के छोटे बड़े सभी अखबारों पर झूठे विज्ञापन छपवाने के लिए करोड़ों अरबों रुपए जनता की गाढ़ी कमाई के खर्च करके उत्तर प्रदेश का बहुत भारी नुकसान कर दिया है मोदी योगी अब छोटी बातें और धर्मांधता का तड़का लगाकर मूल समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए नाना प्रकार के छल और प्रपंच सार्वजनिक रूप से करते हुए नजर आ रहे हैं। संघ परिवार की खाकी घुटटना छाप पल्टन हर प्रकार के मुखोटे लगाकर उत्तर प्रदेश की आबोहवा को खुलेआम विषाक्त करने में लग गई है और हर तरफ धर्म संसद के आयोजनों के माध्यम से चुनाव को हिंदू मुस्लिम का रंग देने के भी घिनौने हथकंडे अपनाए जाने लगे हैं। सब मिलाकर संगवा भाजपा के तरकस में सिर्फ एक ही बाण रह गया है कि एन केन प्रकारेण जैसे भी हो झूठ धर्मांधता और फरेब फैलाकर नफरत और घृणा के माध्यम से फिर से सत्ता में वापसी की जाए। लगता है कि गत वर्ष जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल की तरह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में संघ परिवार सहित नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सहित तमाम भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की वहां की जनता ने अपने वोटों से धुनाई की थी, ठीक उसी प्रकार उत्तर प्रदेश की जनता भी संविधान व लोकतंत्र को क्षति पहुंचाने वाली संघ भाजपा की धुनाई करने की तैयारी में लग गई है

*राम मंदिर काम ना आया*

जिस प्रकार से संघ व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में नफरत बागड़ा की गंदगी फैला कर राम का नाम लेकर धमाचौकड़ी मचा कर और राम मंदिर का ढिंढोरा पीटकर धर्मांधता फैलाकर बंगाल की सत्ता पर कब्जा करने के लिए नाना प्रकार के पापड़ बेले थे, ठीक उसी तर्ज पर संघ हो या मोदी, शाह हो या योगी उसी तरह उत्तर प्रदेश में अपनी निकम्मी और नाकारा सरकार को बचाने के लिए घिनौने से घिनौने राजनीतिक हथकंडे अपनाते हुए नजर आ रहे हैं ।इनके झूठ फरेब और सांप्रदायिकता के खिलाफ देश व प्रदेश के अमन शांति के रक्षक भी एकजुट होकर लामबंद होते जा रहे हैं। जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल की जनता ने राम नाम जपना और पराया माल अपना करने वाली भाजपा मंडली की अलबेली चौकड़ी जिसमें नड्डा मोदी शाह व योगी सहित तमाम छल प्रपंची व नफरत घृणा फैलाने वाले शामिल थे, उनका राजनैतिक राम नाम सत्य किया था , ठीक वही स्थिति उत्तर प्रदेश में बन रही है। यहां की जनता ने भी उपरोक्त झूठ फैलाने वाली चौकड़ी का राम नाम सत्य करने का बीड़ा उठा लिया है। जनता के इस साहसिक निर्णय से संघ व भाजपा खेमे में मातम छा जाना स्वाभाविक है। उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में संघ व भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नाना प्रकार के नाना प्रकार के जंतर मंतर करने में व्यस्त हो गया है उसकी बौखलाहट बता रही है की समुंदर से एक ऐसा तूफान उसने वाला है जो पश्चिमबंगाल से भी भयंकर उत्तर प्रदेश में चुनावी परिणाम देने जा रहा है। इसीलिए उसने बौखलाहट भरी खींच को मिटाने के लिए अभी से उत्तर प्रदेश के चुनाव को विषाक्त करने के लिए पाकिस्तान, कब्रिस्तान और मुसलमान का बेसुरा अलाप लगाना शुरू कर दिया है। घृणा और नफरत फैलाने वाले तत्वों को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि अब उनका देश व समाज तोडक कोई भी हथकंडा चलने वाला नहीं है

*मुख पर चढ़े मुखोटे उतरे*

उत्तर प्रदेश चुनाव में संघ परिवार नरेंद्र मोदी और आदित्यनाथ योगी की सबसे बड़ी परेशानी है है कि उनके मुख पर जो मुखोटे चढ़े हुए थे वह एक-एक करके सब उतरते जा रहे हैं। सबसे बड़ी चुनौती संघ प्रमुख मोहन भागवत व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यह है कि वह इस बात का उत्तर उन पिछड़े हिंदुओं को क्या देंगे कि उन्होंने 2017 के चुनाव के बाद काछी समाज के केशव प्रसाद मौर्या को जिनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ा गया था उनको मुख्यमंत्री न बनाकर योगी आदित्यनाथ को क्यों बनाया? सवाल तो अब यही भी उठेगा कि संघ वात तो हिंदुओं की करता है लेकिन वह पिछड़े वर्ग के हिंदुओं को न तो मान सम्मान देना चाहता है और न ही उनको उनके संवैधानिक अधिकार? बात यहीं तक सीमित नहीं रहती है, मोहन भागवत तो हिंदू और हिंदुत्व की बात करते हैं लेकिन उनका चरित्र आचरण पिछड़े हिंदुओं के प्रति हमेशा दुर्भावनापूर्ण रहता है। यह नजारा देश और दुनिया के लोगों ने राम मंदिर भूमि पूजन पर देखा किराम आंदोलन के हीरो लालकृष्ण आडवाणी कल्याण सिंह विनय कटियार जैसे लोगों को अयोध्या में आमंत्रित ही नहीं किया गया उमा भारती जो संघ भाजपा की तेजतर्रार और राम जन्मभूमि आंदोलन की प्रथम महिला थी उन्हें मंच पर स्थान तक नहीं दिया यह है संघ परिवार का असली चरित्र। मोहन भागवत जी की एक बात के लिए जरूर तारीफ करनी पड़ेगी क्योंकि वह अपने भगवा एजेंडे को कभी छुपाते नहीं है? मोहन भागवत जी डंके की चोट पर सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि संविधान की समीक्षा होनी चाहिए वह बड़ी बेशर्मी से आरक्षण का भी विरोध करते हुए नजर आते हैं और जब जब भी पिछड़े वर्ग के हिंदुओं को देने की कुछ बात चलती है तो वह अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर देते हैं यह भी देश की जनता ने पिछड़ी जाति की जनगणना के मौके के सवाल पर देखा है। यही कारण है कि आज तो भारतीय संविधान के साथ लोकतंत्र और देश का इंसानी भाईचारा प्रेम सद्भाव और सर्वधर्म सद्भाव भी खतरे में है और यह सब कुकृत्य उस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देखरेख में हो रहा है जो अपने आप को पिछड़ी जाति का बताकर अपने आप को चाय बेचने वाला व चाय बेचने वाले का बेटा कहता है।

*जिंदा लाश बना दिया*

खादिम अब्बास आज से नहीं एक लंबे समय से यह बात कहता आ रहा है कि संघ परिवार व भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मुसलमानों का नहीं बल्कि हिंदुओं का सबसे बड़ा शत्रु है इस सच को अंबेडकरवादी अभी से नहीं एक लंबे अंतराल से सार्वजनिक मंचों से कहते आ रहे हैं। डॉ राम मनोहर लोहिया ने दो पिछड़े वर्ग के लिए, जिन की आबादी लगभग 54% है उनके मान-सम्मान व अधिकारों को रक्षा के लिए कहा था कि संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) ने बांधी गांठ पिछड़े पावे 100 में 60। जबकि संघ परिवार हमेशा से आरक्षण का विरोध करता रहा है। मोहन भागवत जी ने पिछड़े हो या दलित वर्ग के लोग उन्होंने तो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर ही सीधा हमला बोलकर उसकी समीक्षा तक की बात करके दलित व पिछड़ो को मिल रहे आरक्षण की समीक्षा करने तक का कई बार दुस्साहस किया है। खादिम तो हर खुले मंच से कहता रहा है कि आरक्षण का मतलब कोई रोजी रोटी का मसला नहीं ,नौकरी चाकरी का मसला नहीं है बल्कि शासन और प्रशासन में हिस्सेदारी का सवाल है। जिस समाज की शासन और प्रशासन में हिस्सेदारी नहीं होती है,वह समाज गुलाम व लाचार बनकर रह जाता है। हिंदुओं के शत्रु आज योजनाबद्ध तरीके से मोहन भागवत हो या अपने आप को पिछड़े वर्ग का कहने वाला वह चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दलित व पिछड़े वर्ग के हिंदुओं के अधिकारों , मान सम्मान आरक्षण रूपी संजीवनी पर खुली डकैती डालकर एक-एक सरकारी विभाग को निजी हाथों में बेचकर उनका निजी करण करने में व्यस्त है और ढिंढोरा पीटा जा रहा है हिंदू और हिंदुत्व का। हिंदुओं के इन शत्रुओं को यह नहीं मालूम कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 40 साल के संघर्ष का परिणाम है कि दलित और पिछड़ों को संविधान के खातिर ही आरक्षण मिला है, जिसके कारण भेड़ बकरी व गाय भैंस के चराने वाले बच्चों के शरीर पर सूट व पैरों में बूट और गले में टाई है। लेकिन यह ठाठ बाट हिंदुओं के शत्रु चाहे वह संघ प्रमुख मोहन भागवत हो या झूठों के सरदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कतई पसंद नहीं है। सही मायने में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुल्हाड़ी के बैंट हैं, जो दलितों के साथ पिछड़े वर्ग को कुल्हाड़ी से सार्वजनिक रूप से काटने में लगे हुए हैं। एक साजिश के तहत संघ परिवार व नरेंद्र मोदी ने दलित व पिछड़े वर्ग के पढ़े लिखे नौजवानों को जिंदा लाश बना दिया है और अदानी अंबानी के हाथों में देश को गिरवी रख दिया है। अब यही जिंदा लाशें प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी का 2022 के चुनाव में भरता बनाने को घूम रही है इसी उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री बनाने का दिल्ली के और रास्ता जाता है।

*पिछड़ों की जनगणना नहीं होने दी*

खादिम अब्बास यूं ही संघ प्रमुख मोहन भागवत को हिंदुओं का शत्रु नहीं कह रहा है। इसके पुख्ता सबूत खादिम के पास है। अभी हाल में संसद में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने एक स्वर से कहा कि पिछड़े वर्ग की जातिगत जनगणना होनी चाहिए लेकिन हिंदुओं के इन शत्रुओं ने जातिगत जनगणना नहीं होने दी और इस पवित्र काम में रोड़े हटाने का काम किया ।यह एक ताजा उदाहरण है, जिसमें मोहन भागवत व नरेंद्र मोदी का कुरूप और भयानक चेहरा देश और दुनिया ने पिछड़े वर्ग के प्रति देखा। किस तरह से मोहन भागवत और मोदी दोनों ने मिलकर बाजीगरी दिखाइ और जातिगत जनगणना नहीं उपाय भाई आखिर हिंदू और हिंदुत्व की दुहाई देने वाले इन दो मुहें बाजीगरो की हिंदुओं से दुश्मनी क्यों? यह एक ऐसा गंभीर सवाल है जिसका संघ प्रमुख मोहन भागवत को इस देश के पचासी परसेंट हिंदुओं को देना होगा, जिनका सब कुछ इन हिंदू शत्रुओं ने लूट लिया है। खादिम लगे हाथ 1990 का उल्लेख करता चले। उस समय देश के प्रधानमंत्री राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह उनकी सरकार भाजपा के सहयोग से चल रही थी

*आरक्षण होगा वर्गों पर तो खून बहेगा सड़कों पर*

प्रधानमंत्री राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह ने पिछड़े वर्ग हिंदू के हिंदुओं के 3743 जातियों के कल्याण और उत्थान के लिए संविधान के अनुरूप मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू कर दी। इसका सीधा लाभ देश के उन सर्वहारा वर्ग के हिंदुओं का होना था, जिनका राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान है, जो देश की रीड़ की श्रेणी में आते हैं। यथा स्थित वादियो ने पिछड़े वर्ग के हिंदुओं का गला घोंटने, उनके बच्चों को भूखा नंगा रखने के लिए मंडल कमीशन रिपोर्ट का सड़कों पर आकर विरोध यह कहकर शुरू कर दिया कि आरक्षण होगा वर्गों पर तो खून बहेगा सड़कों पर यह वह हिंदू विरोधी थे, जो नहीं चाहते थे कि देश के यादव, कुर्मी, लोधी, काछी, गडरिया, कहार, कुम्हार, तेली, तमोली, निसाद, राजभर, लोहार सुनार जैसी अन्य 3743 जातियों को मंडल कमीशन का लाभ मिले। सूझ बूझ के पिछड़े वर्ग के लोगों ने जब संघ भाजपा के साथ-साथ हिंदू परिषद बजरंग दल व अन्य सांप्रदायिक संगठनों के लोगों ने सड़कों पर उत्पात मचाया, तब पिछड़े वर्ग के हिंदुओं ने साफ कहा था कि मंदिर एक बहाना था आरक्षण कटवाना था। जबकि घृणा और नफरत फैलाने के लिए इसके पहले सांप्रदायिकता वादी शक्तियां सड़कों पर नारे लगा रही थी कि हिंदू हिंदू एक रहे भेदभाव को नहीं सहे अनेकता में एकता हिंदू की विशेषता। और इसके साथ कह रही थी हिंदी हिंदू हिंदुस्तान मुल्ला भागो पाकिस्तान मुसलमानों के दो स्थान कब्रिस्तान या पाकिस्तान और जैसे ही प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू के वैसे ही सांप्रदायिकता वादी शक्तियां नारे लगाने लगे कि आरक्षण होगा वर्गों पर तो खून बहेगा सड़कों पर पर यह वह नंगी हकीकत है जिससे हिन्दू शत्रुओं के चेहरे एक बार नहीं कई बार बेनकाब हुए हैं हिंदुओं के हितों की रक्षा करने वाले मंडल कमीशन लागू करने की सजा सांप्रदायिकता वादी शक्तियों ने उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटाकर दी।

*दलित, पिछड़ों में विभेद पैदा किया*

मुसलमानों ने हिंदू शत्रु शक्तियों को कभी सत्ता पर काबिज नहीं होने दिया। उसने चार बार मुलायम सिंह यादव की सपा की सरकार उत्तर प्रदेश में बनवाई और चार बार मायावती को मुख्यमंत्री बनाया। फिरका परस्तों ने सोचा कि मुसलमानों के प्रति उनको उकसाने वाला दांव उल्टा पड़ जाता है। उन्होंने अपनी योजना के अनुसार म***** भागो पाकिस्तान का नारा लगाना बंद कर दिया और पिछड़ों व दलितों में आपसी विभेद पैदा करने के लिए एक नया नारा गढ़ दिया यादव जाटव एक समान ,इनका कर दो काम तमाम हिंदी हिंदू हिंदुस्तान इसके साथ सांप्रदायिकता वादी शक्तियां अपने इस नापाक मंसूबे में कामयाब हो गई। उन्होंने लोधी, काछी, गडरिया,कुमी, लोहार सुनार निषाद राजभर आदि पिछड़ों से कहा तुम्हें क्या मिला तुम्हारा सारा हिस्सा अहीर खा गया, वह मुख्यमंत्री बन गया और इसी तरह उसने मायावती के खिलाफ नफरत और घृणा पैदा की और धोबी धानुक नटीक बाल्मीकि आदि दलित जातियों से कहा कि तुम्हें क्या मिला तुम्हारा सारा हिस्सा जाटव खा गया और मुख्यमंत्री मायावती बन गई। मतलब साफ रहा किस षड्यंत्र कारी सांप्रदायिकता वादी अपने घिनौने मंसूबे में फूट डालो राज्य करो में सफल हो गए। उन्होंने दलित व पिछड़ों की एकता तोड़ दी और उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ योगी केशव प्रसाद मौर्या को धकिया कर मुख्यमंत्री बन गए। जब मौर्या को धकिया जा रहा था तब यह नारे भी लगाए गए कि भटा तुरैया बेचने वाले मुख्यमंत्री बनगें? जबकि सच्चाई है के काछी समाज के केशव प्रसाद मौर्य को दूल्हा बना कर ही भाजपा को उत्तर प्रदेश में 313 सीटें हासिल हुई थी सच्चाई है अभी है कि इससे पहले जब उत्तर प्रदेश में लोकसभा के चुनाव हुए थे उस समय भाजपा ने मौर्या को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाकर लगभग 73 सीटें जीती थी। इस तरह ओछे हथकंडे का इस्तेमाल करके संघ नरेंद्र मोदी को पहले ही प्रधानमंत्री बना चुका था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे बड़ा कुठाराघात काछी समाज पर करते हुए केशव प्रसाद मौर्या को केंद्र में मंत्री तक नहीं बनाया और संविधान पर प्रहार करते हुए दलित और पिछड़े वर्ग के पढ़े लिखे नौजवानों को अधिकारों से वंचित करते हुए सबसे पहले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी विभागों का निजी करण करके सीधा सीधा फांसी के फंदे पर लटका दिया।

*संविधान पर कुठाराघात*

दलित पिछड़े वर्ग के नौजवानों ने हिंदू शत्रुओं की पहचान कर ली है। उसने प्रण कर लिया है कि अब हमें उन शक्तियों को सजा देनी है, जिन्होंने सरकारी विभागों का निजी करण करते हुए संविधान पर कुठाराघात किया है। हमारा पहला कर्तव्य और लक्ष्य है मोदी और योगी दोनों को सत्ता से वंचित करना और अपनी खोई हुई शक्ति प्राप्त करना है आज दलित और पिछड़ों के अंदर उबाल है, उनके अंदर अपने अपमान का बदला लेने की ज्वालामुखी धधक रही है, जो कभी भी फट कर सांप्रदायिकता वादी शक्तियों पर कहर बनकर टूट सकती है। वह किसी भी पार्टी का पिछलग्गू न बनकर उन पार्टियों के प्रत्याशियों को वह चाहे किसी भी दल के हों उन्हें वोट करेगा, जो भाजपा प्रत्याशियों को परास्त करने में सक्षम होगा वह अपने सामाजिक व राजनीतिक शत्रु पर सीधा प्रयास करेगा और उसे संभलने का कोई मौका नहीं देगा।
[08/01, 2:33 pm] Shekhar yadav: संगवा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की यही चिंता है कि यदि ऐसा हुआ तो सबसे पहले आदित्यनाथ योगी सरकार की बलि चढ़ेगी और उसके बाद 2024 में नंबर आएगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिन्होंने कुल्हाड़ी का बेंट बनकर बड़ी निर्ममता से दलित व पिछड़े वर्ग के नौजवानों की गर्दन काटी है।

*पोल पट्टी खोलेगा*

दलित व पिछड़े वर्ग ने अपनी तबाही ब बर्बादी से जागकर अंगड़ाई ले ली है अब वह किसी को भी अपने समाज का शोषण नहीं करने देगा बल्कि वह बहरूपिया रूपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पोल पट्टी खोलेगा जिन्होंने इस षड्यंत्र के साथ उनके समाज के अरमानों का खून किया है वह चीख चीख कर कह रहे हैं भारत का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है। इसे बचाने की जिम्मेदारी सर्वहारा वर्ग की है अब किसी भी कीमत पर कमेरा समाज तीन तिलंगोंको अपना शोषण नहीं करने देगा। उन्होंने सौगंध खा ली है जो तत्व भारतीय इंसानी भाईचारा की गंगा जमुनी साझा संस्कृति को नष्ट कर देना चाहते हैं, ऐसे निकम्मे सांप्रदायिकता बादी शक्तियों को दलित व पिछड़ा वर्ग जात बिरादर और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गांव गली खेत और खलिहान ओ तक बेनकाब करेगा। ऐसा करना देश व समाज के हित में है इसे ही सच्चा धर्म मान कर काम किया जाएगा और हिंदुओं के शत्रुओं को सत्ता से बेदखल किया जाएगा।अब यही दलित व पिछड़े वर्ग के नौजवान जो अपनी तबाही और बर्बादी के साथ समाज की हो रही दुर्दशा से व्यथित हैं वह अब सामूहिक रूप से मोदी और योगी को दर्पण दिखाने का कार्य करेंगे।

*लूट रहे भारत का सम्मान*

अब तो गली कूचे में यह प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है, कि मोदी ,साह, योगी तीनों है एक समान लूट रहे हैं भारत का सम्मान। भारत के सम्मान को बचाने के लिए अब तो सामाजिक राजनीतिक संघर्ष आमने सामने आकर और आर पार का होगा। तीन तिगड़ा ने तो भारत की सांप्रदायिक सौहार्द की तस्वीर ही बिगाड़ कर रख दी है। जब देश का निराश और हताश नौजवान इस प्रकार सोचने लगेगा तब रह क्या जाएगा? मोदी जी पानी सर से ऊपर हो गया है। अब दलित पिछड़े वर्ग के नौजवान यह महसूस करने लगे हैं पहले तो देश तोड़क तत्व हमारा शोषण करने के लिए हमें हिंदू बनाए घूमते रहे और जैसे ही अंधे के हाथ बटेर लगी अंधे के हाथ बटेर लगी की तरह यथा स्थित वादियों के सत्ता हाथ में आई तो वह अपने सही रूप में आकर हम हिंदुओं का कबाड़ा करने में जुट गए। मोदी मंडली के पास इस बात का क्या जवाब है कि उन्होंने पिछड़े वर्ग की जातिगत जनगणना क्यों नहीं होने दी ? हम हिंदुओं को अधिकारों से वंचित करने के लिए सरकारी विभागों का निजीकरण करके दलित व पिछड़े वर्ग की युवा पीढ़ी को मटिया मेंट करने के लिए उनका भविष्य अपने चहेते पूंजीपतियों अंबानी और अडानी के हाथों में क्यों गिरवी रख दिया?

*खादिम अब्बास*
*संपादक सियासी अखाड़ा*
*Mob 9259765036*

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