November 19, 2025

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अयोध्या7सितम्बर25*सीरत-ए-नबी पर अमल ही इंसानियत की रहनुमाई का असल रास्ता - मौलाना ग़ुलाम जिलानी

अयोध्या7सितम्बर25*सीरत-ए-नबी पर अमल ही इंसानियत की रहनुमाई का असल रास्ता – मौलाना ग़ुलाम जिलानी

अब्दुल जब्बार

अयोध्या7सितम्बर25*सीरत-ए-नबी पर अमल ही इंसानियत की रहनुमाई का असल रास्ता – मौलाना ग़ुलाम जिलानी

पैगंबर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की ज़िंदगी पूरी इंसानियत के लिए एक बेहतरीन नमूना

भेलसर(अयोध्या)ब्लॉक रुदौली क्षेत्र के ग्राम बेहारी में जश्न ए मिलादुन्नबी के मौके पर अजीमुश्शान सालाना जलसा-ए-मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया। जलसे की निजामत कारी अजीमुद्दीन खां व सदारत हाफिज अबू बकर निजामी ने किया।
जलसे की निजामत कर रहे कारी अजीमुद्दीन खां ने क़ुरआन की तिलावत से जलसे का आगाज किया। जलसे में मौजूद हाफिज मोहम्मद अकील फैजाबादी ने नात-ए-रसूल पढ़कर महफ़िल के माहौल को रूहानी बना दिया।
जलसे के मेहमान ए खुशुशी हजरत मौलाना ग़ुलाम जिलानी साहब ने जलसे को खिताब करते हुए कहा कि सीरत-ए-नबी पर अमल ही इंसानियत की रहनुमाई और कामयाबी का असल रास्ता है। उन्होंने कहा कि पैगंबर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की ज़िंदगी पूरी इंसानियत के लिए एक बेहतरीन नमूना है। उन्होंने कहा कि दौरे हालात में आज दुनियां गुमराही और फसाद में डूबी हुई है तो इसकी सबसे बड़ी वजह सीरत-ए-नबी से दूरी है।
उन्होंने जलसे में मौजूद नौजवानों से ख़ास तौर पर अपील करते हुए कहा कि अपनी ज़िंदगी को नबी-ए-करीम स०अ० की तालीमात के मुताबिक़ ढालें ताकि दुनियां व आखिरत दोनों बन जाए और समाज में अमन,मोहब्बत और भाईचारे की फ़िज़ा कायम हो सके।
हज़रत मौलाना ने कहा कि सीरत-ए-तैयबा हर दौर के लिए रहनुमाई का पैग़ाम है और इस्लाम के मानने वालों को चाहिए कि वह अपने हर अमल को उसी के मुताबिक़ बनाएँ। जलसे में मौजूद उलमा-ए-इकराम ने भी मुख्तसर अंदाज में सीरत-ए-नबी की जिंदगी पर रोशनी डाली। दूर-दराज़ से आए हुए लोगों ने जलसे में शिरकत कर जलसा दरूद-ओ-सलाम और बारगाह-ए-नबवी में हाज़िरी के साथ रूहानी माहौल में इख़्तिताम को पहुँचा दिया।
इस मौके पर मोहम्मद शरीफ खां,मास्टर शहरयार,मतलुब खां,मुनाफ खां,चांद मोहम्मद,जुबेर खां,शहीर खां, आलम खां,सुहैल खां,हसीब खां,अजमल खां आदि सहित बड़ी तादाद में लोगों ने जलसे में शिरकत किया।

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