अयोध्या से अब्दुल जब्बारयूपीआजतक
अयोध्या06नवम्बर23*हाइड्रोपोनिक खेती कर सबीना बनी क्षेत्र की प्रथम महिला कृषक
नई तकनीक के द्वारा कृषि कर किसान कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा – सबीना खातून
भेलसर(अयोध्या)रुदौली क्षेत्र में समाजसेविका व उड़ान सामाजिक उत्थान सेवा समिति की अध्यक्षा सबीना खातून ने एक नई पहल करते हुए हाइड्रोपोनिक खेती कर क्षेत्र की प्रथम महिला कृषक का नाम अपने नाम कर लिया।अपने जुनून व जद्दोजहद के लिए पहचानी जाने वाली समाजसेविका सवीना खातून ने खेती की तरफ कदम बढ़ाते हुए,नई तकनीक हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग की पूरी जानकारी हासिल कर उसे हकीकत में बदल दिया।आज वह अपने ही प्लाट पर इस नई तकनीक की खेती की शुरुआत भी कर दी। उन्होंने कहा कि आज भी किसान भाई उसी पुरानी विधि से खेती कर रहे हैं जिससे उनको उनकी मेहनत का लाभ नही मिल पाता क्यों कि लागत ज्यादा लग जाती हैं।उन्होंने बताया कि
आज कृषि में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।इससे फसलों का अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायता मिल रही है। बदलते समय के साथ किसान भी इन आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके लाभ कमा रहे हैं।इन्हीं आधुनिक तकनीकों में से एक तकनीक हाइड्रोपोनिक खेती भी है जो किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। खेती की इस तकनीक की खास बात यह है कि इस तकनीक से खेती करने के लिए न तो लंबे-चौड़े खेत की जरूरत होती है और न ही ज्यादा जगह की।इस तकनीक में सिर्फ पाइप,थोड़ी मिट्टी का प्रयोग करके एक कमरे में भी इसकी खेती की जा सकती है।आप चाहे तो अपनी छत का उपयोग इस प्रकार की खेती के लिए कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि हाइड्रोपोनिक खेती की इस खासियत के कारण विदेशों में इस तकनीक का इस्तेमाल करके किसान अच्छा पैसा कमा रहे हैं।हमारे देश में भी कई स्मार्ट किसान इस तकनीक का उपयोग करके खेती कर रहे हैं और इसके बेहतर परिणाम के साथ ही उन्हें इससे काफी अच्छा मुनाफा हो रहा है। उन्होंने विस्तार से बताया कि हाइड्रोपोनिक खेती क्या है और कैसे की जाती है,
हाइड्रोपोनिक खेती पाइप,मिट्टी और न्यूट्रेसन ड्रिप द्वारा पानी के जरिये खेती करना है। खेती की इस तकनीक में थोड़ी मिट्टी के साथ खेती की जाती है इसमें सिर्फ थोड़ा पानी का उपयोग होता है। हालांकि पानी के साथ इसमें थोड़ी मिट्टी मिलाई जाती हैं।इस तकनीक में जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है इसलिए बदलते मौसम का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है।उन्होने खेती करने का तरीका भी बताते हुए कहा कि यह खेती आधुनिक तकनीक के अंतर्गत थोड़ी मिट्टी के सहारे फसल उगाई जाती है। इसमें पाइपों का इस्तेमाल किया जाता है। इन पाइपो में छेद किए जाते हैं और इन छेदों में अंकुर लगाए जाते हैं। पाइपों में ड्रिप द्वारा पानी दिया जाता है और इसी पानी में पौधे पनपते रहते हैं।इस पाइप के माध्यम से हर जरूरी पोषक तत्व पानी में मिलाकर पौधों तक पहुंचता है।इस तरह पौधे को हर पोषक तत्व पानी के जरिये मिल जाता है जिससे वह वृद्धि करता है।आमतौर पर इस तकनीक में मिट्टी की जगह कोकोपीट और न्यूट्रेसन से तैयार किए गए नेचुरल फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें तापमान 15 से 30 डिग्री के बीच रखा जाता है और आद्रर्ता यानि नमी को 80 से 85 प्रतिशत रखा जाता है।अगर किसान के पास जगह की कमी है तो भी वह इस विधि द्वारा खेती कर अच्छा पैसा कमा सकता है,उन्होंने बताया कि आज जनपद अयोध्या में छः लोगों ने इस विधि का प्रयोग कर खेती कर रहे हैं।ब्लॉक मवई में ग्राम सडवा रजनपुर के समीप खेती कर इस विधि द्वारा स्ट्राबेरी और शिमला मिर्च की खेती की जा रही है,जो एक बेहतर प्रयास की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।
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