हाथरस2जुलाई24*”सत्संग सुनने आये लगभग डेढ़ सौ लोगों की मौत भगदड़ के दौरान जिम्मेदारी कौन लेगा*”
उत्तर प्रदेश का हाथरस का वो जगह अब समशान बन चुका है जहां लोग प्रवचन सुन रहे थे।
लगभग मरने वालों की संख्या डेढ़ सौ हो चुकी है।
इंटर नेशनल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वहां पर करीब पचास हजार लोग मौजूद थे पर वहां की व्यवस्था बिल्कुल न के बराबर थी जिससे सीधा सवाल प्रशासन पर उठना लाजमी है।
हमारे देश में लोग मेहनत पर कम पर किस्मत पर जादा भरोसा करते हैं इस लिए हमारे देश में तमाम बाबाओं की चांदी ही चांदी रहती है।
जो भजन कीर्तन करके कुछ चमत्कार दिखा कर हमारे देश की महिलाओं को वश में करके उनके जीवन में खुशियां ही खुशियां लाने का सपना दिखा कर अपनी झोली भरते रहते हैं जिसमें हाथरस में प्रवचन सुना रहे भोले बाबा का भी एक किरदार है।
जो सत्संग तो कर रहे थे पर वो शायद शासन प्रशासन से एंबुलेंस पुलिस सुरक्षा व अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाये थे जिसका खामियाजा उन भगतो को भुगतना पड़ा जो भगवान पर भरोसा रख के चमत्कारी बाबाओं के पैर की मिट्टी उनके हाथ का पानी थोड़ी सी राख के लिए अपने और अपने परिवार के जान को जोखिम में डालकर ऐसे जगह पर चले आते हैं।
सवाल यहां बाबा भोलेनाथ पर भी उठ रहा है और सवाल प्रशासन पर भी उठ रहा है कि एक जिले में लाखों की संख्या में प्रवचन सुनने अलग-अलग जगहों से लोग इकट्ठा हो गए पर वहां की प्रशासन सोती रही और इतना बड़ा हादसा देखते देखते हो गया।
यहां तक जब घायलों को हास्पिटल पहुंचाया गया तो अस्पताल में डाक्टर नर्स सी एम ओ भी नहीं दिखे।
जिससे साफ जाहिर होता है कि हाथरस का प्रशासन पूरी तरह विफल रहा और इतना बड़ा हादसा हो गया।
वैसे मुख्य सचिव डी जी पी सहित मुख्यालय से तमाम बड़े अधिकारी हाथरस पहुंच चुके हैं और कल योगी आदित्यनाथ भी जायेंगे।
विपक्षी दल भी राजनीति करने लगे हैं अखिलेश यादव ने सीधा सरकार पर सवाल खड़े करते हुए पूरी जिम्मेदारी सरकार के सर पर मढ़ दिया है।
अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बाबा आदित्यनाथ योगी महाराज इस मामले पर किस किस की खटिया खड़ी करते हैं ये भी तस्वीर बहुत जल्द देखने को मिल जायेगा।
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