हरदोई 08 नवंबर *ओवरलोड गन्ने के ट्रकों के कारण लग रहा जाम
मुनाफे के लालच में चालक भरते हैं क्षमता से अधिक वजन
लोगों के खतरे जान बनी गन्ना लदी ओवरलोड गाड़ियां
जान का खतरा बन दौड़ रहे ओवरलोड़ गन्ने के ट्रक
इस संबंध में एडिशनल एसपी दुर्गेश कुमार सिंह व कोतवाल बेनी माधव त्रिपाठी ने कहा कि शीघ्र ही वाहन चेकिंग कर ओवरलोडेड व बगैर फिटनेस के चलने वाले ट्रकों पर कार्रवाई की जाएगी
डीएससीएल हरियावा शुगर मिल में पेराई सत्र शुरू होते ही गन्ने के ओवरलोड ट्रक कस्बावासियों सहित यातायात व्यवस्था के लिए जी का जंजाल बने हुए हैं। बस स्टैंड ,सल्लिया तिराहा ,गोपामऊ चुंगी व बूढ़ा गांव रोड पर ओवरलोड ट्रक लोगों के लिए जानलेवा बने।गन्ना लदे ओवरलोड ट्रक पिछले वर्ष लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों जाने ले चुके है। उससे पूर्व में भी कई बड़े हादसे में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। परंतु इस वर्ष भी प्रशासन किसी भी हादसे को लेकर आंख मूंद कर बैठा हुआ है। डीएससीएल हरियावा शुगर मिल में पेराई सत्र शुरू होते ही क्षेत्र के विभिन्न गांव के किसानों से लिया गया गन्ना ट्रकों द्वारा गन्ना मिल में पहुंचाया जाता है।
नियम विरुद्ध तरीके से गन्ने से लदे ओवरलोड वाहन आम लोगों के जीवन के लिए खतरा बन रहे हैं।
गन्ने से लदे ओवरलोड वाहन आम आदमी के जीवन के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। वहीं, ट्रॉली का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है। वहीं, ट्रक भी गन्ना ढो रहे हैं। इनमें से अधिकतर की न तो फिटनेस है और न ही कागजात आदि पूरे होते हैं। इन गन्ने से लदे ओवरलोड वाहनों से दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसके बावजूद अधिकारी इस ओर से आंखे मूंदे बैठे हैं।
क्रय केंद्रों से गन्ना मिलों तक पहुंचाने के लिए ट्रक एवं ट्रॉली आदि का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि ट्रॉली का संचालन अवैध ढंग से किया जा रहा है। इन ओवरलोड ट्रॉली से आए दिन जाम की समस्या रहती है। वहीं, गन्ना ढोने वाले ट्रकों के कागजात आदि की जांच नहीं की जाती है और न ही समय से फिटनेस कराते हैं।
ट्रकों के लिए गन्ना लादने के मानक निर्धारित हैं। छोटे ट्रक में 150 कुंतल तथा बडे़ ट्रक में 180 कुतंल गन्ना ही लादा जा सकता है। हालांकि गन्ना ढोने में लगे वाहनों का भुगतान भार के अनुसार होता है। जिस कारण इन वाहनों में निर्धारित मानकों से अधिक गन्ना भरा जाता है। जिस कारण से अनियंत्रित होकर हादसे का सबब बनते हैं।
क्षमता से अधिक लोड से सड़कों को नुकसान
ओवरलोड वाहन सड़कों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके चलते सड़कें समय से पहले ही टूट जाती हैं। जिस कारण संबंधित विभाग को नुकसान पहुंचता है। हालांकि गन्ने के ओवरलोड से सरकार को किसी तरह का अतिरिक्त टैक्स आदि नहीं मिलता है। ओवरलोड वाहन का संतुलन बनाने में भी चालक को अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़ती है। इतना ही नहीं इससे हादसे की आशंका भी बढ़ जाती है।
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