October 14, 2024

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सतना14सितम्बर24*जिम्मेदारों की चमड़ी मोटी, खबरें वायरल होने के बाद भी कायम है यथास्थिति!*

सतना14सितम्बर24*जिम्मेदारों की चमड़ी मोटी, खबरें वायरल होने के बाद भी कायम है यथास्थिति!*

सतना14सितम्बर24*जिम्मेदारों की चमड़ी मोटी, खबरें वायरल होने के बाद भी कायम है यथास्थिति!*

*रेलवे के कानून के रक्षक ही बने भक्षक, कमाडेंट की परवाह नहीं..*

सतना। इंडियन रेलवे ने अपने स्टेशनों के संचालन के लिए अलग से कानून की व्यवस्था बना रखी है। बनाए गए तमाम कानून का पालन कराने का दायित्व रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) को सौंपा गया है। रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियां न होने पाए, यह देखने का दायित्व रेलवे पुलिस के कंधों पर होता है। अफसोस जबलपुर रेल मंडल के सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर यही पुलिस समस्या को केवल अपने फायदे के लिए बढ़ावा देने का काम करती है। सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन और मानिकपुर रेलवे स्टेशन सहित रेलगाड़ियों में सैकड़ा भर अवैध वेंडर्स का बोलबाला सतना आरपीएफ की देन है। ऐसी खबरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार वायरल होने के बाद भी सतना और मानिकपुर स्टेशन के हालात नहीं बदले हैं। जिम्मेदारों की चमड़ी इतनी मोटी हो गई है कि उन्हें किसी तरह की बदनामी की कोई चिंता नहीं है। रेलवे कानून के रक्षक ही ऊपरी कमाई करने के लिए भक्षक बन गए हैं। मानिकपुर निवासी ठेकेदार चुन्नू खटिक, मुन्नू खटिक सहित अन्य ठेकेदारों को खुश रखने के लिए रेलवे पुलिस सतना कुछ भी करने के लिए तैयार रहती है। रेलवे पुलिस सतना को अब जबलपुर में बैठने वाले अपने सीनियर कमांडेंट तक का कोई डर नहीं है, इसलिए वह पूरी ईमानदारी के साथ अवैध वेंडर्स को पालने का काम कर रही है? सूत्रों की मानें तो सतना आरपीएफ को हर महीने मोटी कमाई अवैध वेंडर्स से होती है, इसलिए वह जानबूझकर अवैध वेंडर्स की समस्या को बढ़ाने में लगी रहती है।

*पूरे खेल में अहम किरदार हैं सिपाही केशबली..*

अवैध वेंडर्स के सुनियोजित खेल में सतना आरपीएफ की तरफ से सिपाही केशबली अहम किरदार साबित हो रहे हैं। बताया जाता है कि थाना प्रमुख ने ठेकेदारों और अवैध वेंडर्स को डील करने की जिम्मेदारी सिपाही केशबली को सौंप रखी है। रेलगाड़ियों और दोनों रेलवे स्टेशन पर लोगों से सामान के बदले अवैध वसूली करने वाले सभी अवैध वेंडर्स की कुंडली सिपाही के पास रहती है। यही सिपाही अवैध वेंडर्स से हर महीने की निर्धारित राशि की वसूली करने के बाद बड़े साहब तक पहुंचाते हैं। इसके बाद ठेकेदारों और अवैध वेंडर्स से मिलने वाले पैसे का बंटवारा सतना आरपीएफ में तैनात बल के बीच किया जाता है। लंबे समय से यही व्यवस्था सतना आरपीएफ थाना में चल रही है। वाणिज्य विभाग के अधिकारियों को भी ठेकेदारों द्वारा हर महीने मैनेज कर लिया जाता है इसलिए कहीं कोई अवैध वेंडर्स का विरोध नहीं करता है। मंडल में बैठने वाले जिम्मेदार अधिकारियों को गुमराह करते हुए पुलिस और प्रबंधन अपने मुताबिक स्थानीय व्यवस्था को संचालित करता है।

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