वाराणसी25अप्रैल24*डी•सी•एफ• एवंटी•आई•एफ• का डाटा अपलोड करने के लिए कार्यशाला*
*अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षासर्वेक्षण(एआईएचईएस)पोर्टल पर सत्र 2022-23 का* *डी•सी•एफ• एवंटी•आई•एफ• का डाटा अपलोड करने के लिए कार्यशाला*
*सभी संबंद्ध संस्थाओं को अनुशासन और निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए* कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा.
संस्कृत भारत की आत्मा है यह कई भारतीय भाषाओं की जननी है,इसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्थापित काशी में स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय 234 वर्षों से निरन्तर अपने विकास यात्रा में अग्रसर है।इससे संबंद्ध संस्कृत महाविद्यालयों का दायित्व भी इसी स्रोत से निहित है। सभी संबंद्ध संस्थाओं को अनुशासन और निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए।
उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने आज अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण(एआईएचईएस)
पोर्टल पर सत्र 2022-23 का डी•सी•एफ• एवं टी•आई•एफ• का डाटा अपलोड न करने से 171 महाविद्यालयों के प्राचार्यों प्रबंधकों को एक कार्यशाला के माध्यम से संबोधित करते हुए व्यक्त किया
*लापरवाही बरतने वाले महाविद्यालयों को फटकार*
कुलपति प्रो शर्मा ने एआईएचईएस पोर्टल पर डेटा अपलोड करने के महत्व के बारे में विस्तृत जागरूकता पैदा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से आपके संस्था के वास्तविक रिकॉर्ड जैसे शिक्षक, छात्र नामांकन, कार्यक्रम,परीक्षा परिणाम,शिक्षा वित्त,आधारभूत संरचना आदि एक जगह होंगे तथा इससे शुचिता और उत्कृष्टता भी निर्मित होगी 406 संबंद्ध महाविद्यालयों ने अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण पोर्टल पर 2022-23 का डाटा अपलोड किया है किन्तु 171 महाविद्यालयों ने एआईएचईएस पर अपलोड नहीं किया है इससे उनकी लापरवाही और सुस्ती दिखाई देती है, इसके लिये उन्हें विभिन्न माध्यमों से समय पर अपलोड करने का निर्देश प्रशासन द्वारा दिया जाता रहा है।आप लोग इस प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से आज ही अपलोड करने के साथ ही भविष्य में शिथिलता न करने का शपथ लें, यदि इस तरह की लापरवाही की जाएगी तो विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा कठोर कार्यवाई किये जाने का संकेत दिया
*मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास*
आप लोगों को अन्य आधुनिक महाविद्यालयों के श्रेणी में लाने के लिए मुख्यधारा से जोड़ने का पहल किया जा रहा है किन्तु इस तरह की शिथिलता से कोई लाभ नहीं प्राप्त होगा शीघ्र समर्थ पोर्टल से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा
कुछ महाविद्यालयों के लापरवाही से संस्थाओं की बदनामी होती है
कुलसचिव राकेश कुमार ने उन महाविद्यालयों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत की रक्षा संस्कृत के मंदिरों (शिक्षा केंद्रों)से ही सम्भव है लेकिन स्वंय मे अनुशासन और सदैव कर्तव्यनिष्ठ होकर कार्य करना चाहिए,अन्यथा ऐसे भाषा का अपमान होगा।आप कुछ लोगों के कारण ही समस्त महाविद्यालयों की बदनामी होती है, इसलिये भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिये।
*उपस्थित ज़न*-
उस दौरान कार्यशाला में परीक्षा नियंत्रक प्रो सुधाकर मिश्र,एआईएचईएस के समन्वयक डॉ• सत्येंद्र कुमार यादव ,उप कुलसचिव केशलाल,आशापति शास्त्री सहित दर्जनों महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं आदि उपस्थित थे।
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