राजगढ़01अक्टूबर*मेहताब सिंह गोयल ने कई डाक टिकट औऱ सिक्कों का किया संग्रहण।
*ठाकुर हरपाल सिंह परमार*
राजगढ़ नगर के कालाखेत में रहने वाले पेंशनर मेहताबसिंह गोयल भारत छोड़ो आंदोलन 1942 से लगातार देश-विदेशों की डाक टिकटों के साथ ही सिक्कों और अन्य मुद्राओं का संग्रहण करते आ रहे हैं। कभी टिकटों को खेल के रूप में अपने पास रखने वाले गोयल का यह देखते ही देखते शोक बन गया और शोक भी ऐसा कि लोग उन्हें अब उन्हें टिकट बाबा कह कर बुलाते हैं । मेहताब सिंह ने बताया कि राजशाही शासन के कई सिक्के और स्टांप पेपर उनके पास है। वही पूरे भारत की दुर्लभ डाक टिकट जिनमें राजगढ़ रियासत से लेकर ग्वालियर के अलावा भारत से निकली लगभग दो हजार अलग-अलग डाक टिकट और करीब 500 विदेशी टिकट मौजूद है । वैसे तो गोयल सिर्फ थोड़ा बहुत ही पढ़ना जानते हैं । लेकिन इनके इस अनूठे शोक ने कई लोगों को प्रभावित किया है। इन टिकटों के संग्रह को देख पूर्व में आईजी ,कलेक्टर,एसपी एवं अन्य अधिकारी प्रभावित हुए हैं और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए संग्रह की शुरुआत के बारे में मेहताब सिंह बताते हैं कि यह शौक खेल-खेल में लगा था । लेकिन धीरे-धीरे मुझे खुद टिकटों की लगन लग गई । अभी भारत छोड़ो आंदोलन 1942 से लेकर कबीर दास, तुलसीदास, शकुंतला एवं आज तक की टिकट उनके पास मौजूद है । इसी तरह प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और मोतीलाल नेहरू के अलावा दयानंद सरस्वती, विपिन चंद्रपाल, जगदीश चंद्र बोस, कस्तूरबा गांधी के टिकट भी एकत्रित किए हैं।
गोयल बताते हैं कि वर्ष 1942 से लेकर अभी तक उनके पास भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, बर्मा, इटली चीन, पुर्तगाल, रोमानिया, मंगोलिया, टर्की फ्रांस, न्यूजीलैंड, जापान, इंग्लैंड, डेनमार्क, नीजरलैंड, स्वीडन, डेगानिया, केनिया इजिप्ट, ब्राजील, मारीशस, अमेरिका ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के टिकट शामिल है।
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