November 1, 2025

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राजगढ़ 26 जून *नशा, नशा नर का नाश है म.जैन* *ठाकुर हरपाल सिंह परमार*

राजगढ़ 26 जून *नशा, नशा नर का नाश है म.जैन* *ठाकुर हरपाल सिंह परमार*

राजगढ़ 26 जून *नशा, नशा नर का नाश है म.जैन*
*ठाकुर हरपाल सिंह परमार*
जैसा कि मैंने आए दिन न्यायालय में आने वाले प्रकरणों में यह पाया है कि अधिकतम परिवारों में गृह क्लेश की मूल जड़ सर्वप्रथम नशा, शराब आदि के अधिक सेवन करना है। साथ ही नशे के आदि होने के कारण परिवार के बच्चों की शिक्षा एवं विकास पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है, घर में संपन्नता नहीं आ पाती है, नशे के आदि लोग व्यर्थ ही नशे में पैसे की बर्बादी करते हैं और धन के अभाव होने पर वे चोरी अथवा अन्य आपराधिक कृत्य में भी संलिप्त हो जाते हैं। जिससे कि उनका भविष्य अंधकारमय हो जाता है। इसीलिए मैं यह मानता हूं कि, नशा नाश का मूल है।
प्रतिवर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों, कार्यक्रमों, कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा भी 26 जून, 2022 को राजगढ़ नगर के प्रतिष्ठित निजी महाविद्यालय प्रेस्टीज कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों को नशे से होने वाली हानियों की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष अनिल कुमार भाटिया के मार्गदर्शन में तथा सचिव श्रीमति मीनल श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्यालय द्वारा व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड सचिन जैन के मुख्य आथित्य में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा नशे के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही बताया कि स्व-इच्छाशक्ति एवं दृणसंकल्प से प्रत्येक व्यक्ति नशे की लत को त्याग सकते है। कानून में नशे के विरुद्ध दंडात्मक प्रावधान भी हैं । उक्त जानकारियों के अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि संविधान में प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार और दायित्व के बारे में बताया गया है, इसीलिए हमें देश व समाज के प्रति अपने मौलिक कर्तव्य और मूल अधिकारों की जानकारी रखना अनिवार्य है।
इस दौरान कार्यशाला में उपस्थित विषय विशेषज्ञ एवं चिकित्सक एस.सी. तंवर के द्वारा विद्यार्थियों को बताया गया कि, नशे के आदी व्यक्ति एकदम नशे का त्याग नहीं कर पाते हैं लेकिन, यदि चाहे तो धीरे-धीरे इस लत से छुटकारा पा सकते हैं। इस बाबत चिकित्सालय में नशा मुक्ति केंद्र भी स्थापित है। वहां पर परामर्शदाता भी अपनी सेवा देते हैं उनसे परामर्श करके भी नशे का त्याग कर सकते हैं। क्योंकि नशे के तत्वों में एक ऐसा केमिकल पाया जाता है। जिसके कारण नशे का आदी व्यक्ति नशे की लत को छोड़ नहीं पाता है। अतः आप सब नौजवान युवा समाज में नशे की हानियों के प्रति जागरूकता पैदा करें।
कार्यक्रम के अंत में जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री ऋतु प्रजापति द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजना नशा पीडि़तों के लिए विधिक सेवा की जानकारी प्रदान करते हुए निःशुल्क विधिक सहायता व सलाह के बारे में भी बताया गया। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की न्याय पाने में क्या भूमिका है? यह भी बताया। इस दौरान संचालक अजय शर्मा द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया एवं नशा मुक्त राष्ट्र बनाने में अपने योगदान देने के लिए अवहानवित किया।
इस अवसर पर कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से कार्यक्रम संयोजक विमल मंगल एवं प्रेस्टीज कॉलेज के संचालक सहित प्राचार्य तथा अन्य शिक्षक गण भी उपस्थित रहे।