मैनपुरी27जनवरी*मैनपुरी में मेनका गांधी वाला इतिहास दोहराएगी भाजपा!*
*- करहल सीट पर जेठ अखिलेश यादव के सामने अनुज वधू अपर्णा यादव को चुनाव लड़ाने की तैयारी*
*श्रीकान्त शाक्य*
*मैनपुरी।* मैनपुरी में भारतीय जनता पार्टी 38 साल पुराना इतिहास दोहराने की जुगत में है। भाजपा सांसद और इंदिरा गांधी की बहू मेनका गांधी अपने जेठ राजीव गांधी के खिलाफ बर्ष 1984 में संजय विचार मंच पार्टी से चुनाव लड़ चुकी हैं और उस चुनाव में मेनका को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भाजपा करहल विधानसभा से चुनाव लड़ रहे जेठ अखिलेश यादव के सामने उनकी अनुज वधू अपर्णा यादव को प्रत्याशी बनाने का ताना बाना बुन रही है। ऐसा हुआ तो मैनपुरी में 38 साल पुराना इतिहास दोहराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश चुनाव में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है, चुनावी माहौल और दिलचस्प होता जा रहा है। यूपी में सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं, साथ ही साथ राजनीति के सभी दांव-पेच का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को विधानसभा चुनाव लड़ाने का फैसला किया तो समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुनावी समर में कूद पड़े हैं। अखिलेश यादव अपनी गढ़ मैनपुरी के करहल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हालांकि, भाजपा उन्हें वॉक ओवर देने के मूड में नहीं है और उनके खिलाफ सशक्त उम्मीदवार उतारना चाहती है।
सूत्रों की मानें तो भाजपा अखिलेश यादव के खिलाफ उनके परिवार की ही अपर्णा यादव को चुनावी समर में उतार सकती है। सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को अखिलेश यादव के सामने उतार कर ना सिर्फ पार्टी अखिलेश यादव को कड़ी टक्कर देना चाहती है, बल्कि इस सीट पर अखिलेश यादव को पॉलिटिकल परसेप्शन की लड़ाई में भी चुनौती देना चाहती है।
अपर्णा यादव ने भाजपा में शामिल होने के दौरान भी पार्टी के मंच से अखिलेश यादव पर परिवार तक को नहीं संभाल पाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, अपर्णा यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ सीधा हमला बोलने से बचती रही हैं। गौरतलब है कि 2017 के चुनाव में भी अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा चुकी हैं लेकिन यहां पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अगर अखिलेश के खिलाफ सच में अपर्णा चुनावी मैदान में उतरती हैं तो यूपी में 38 साल पुराना वह इतिहास दोहरा दिया जाएगा, जब राजीव गांधी के खिलाफ मेनका गांधी चुनाव में उतरी थीं।
*राजीव गांधी के खिलाफ मेनका गांधी भी लड़ चुकी हैं चुनाव*
भाजपा सांसद और इंदिरा गांधी की बहू मेनका गांधी अपने जेठ राजीव गांधी के खिलाफ 1984 में संजय विचार मंच पार्टी से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि, उस चुनाव में मेनका को हार का सामना करना पड़ा लेकिन उनकी सभाओं में भीड़ काफी जुटती थी।
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