July 8, 2025

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मथुरा 29 मार्च 2025* आवेदक की ठगी गई धनराशि 74000/- रु0 आवेदक के खाते में वापस कराये गये ।*

मथुरा 29 मार्च 2025* आवेदक की ठगी गई धनराशि 74000/- रु0 आवेदक के खाते में वापस कराये गये ।*

मथुरा 29 मार्च 2025* आवेदक की ठगी गई धनराशि 74000/- रु0 आवेदक के खाते में वापस कराये गये ।*

बृजभूषण शर्मा की खबर यूपी आजतक से

आये दिन साइबर अपराधियों द्वारा आम जनता को भ्रमित कर उनसे उनके बैंक खाते एवं क्रेडिट कार्ड, आदि से जुडी गोपनीय जानकारी अर्जित कर यूपीआई व अन्य के माध्यम से धोखाधडी की जा रही है। जिसके सन्दर्भ मे श्रीमान अपर पुलिस महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद मथुरा के आदेशानुसार श्रीमान पुलिस अधीक्षक, अपराध व श्रीमान क्षेत्राधिकारी साइबर महोदय के निर्देशन मे साइबर अपराध की रोकथाम हेतु अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में थाना साइबर क्राइम जनपद मथुरा पर आवेदक श्री मनीष सारस्वत नि0- थाना हाईवे के साथ यूपीआई के माध्यम से हुई धोखाधडी के संदर्भ मे दिनांक 12/01/2025 को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायी गयी शिकायत के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया गया कि अज्ञात व्यक्ति का *आवेदक के मोबाइल पर बिजली बिल के नाम पर APK file डाउनलोड करा कर मोबाइल फोन को रिमोट एप के माध्यम से संचालित कर आवेदक के खाते से कुल 74000/- रुपये ट्रांसफर कर लिए थे।* आवेदक ने तत्काल थाना साइबर क्राइम मथुरा पहुँचकर अपने साथ धोखाधडी की जानकारी दी ।आवेदक द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी व प्रस्तुत किये गये बैंक खाता स्टेटमेन्ट पर तत्काल प्रभारी निरीक्षक श्री जयवीर सिंह के निर्देशन में थाना साइबर क्राइम ने कार्यवाही करते हुए स्थानान्तरित हुई धनराशि के सम्बन्ध में सम्बन्धित से समन्वय स्थापित करते हुए कुल 74000/- रुपये को पीडित के खाते में दिनांक 05/03/2025 को वापस कराया गया ।

*नोटः- साइबर सैल मथुरा द्वारा साइबर ठगी से बचने हेतु आम-जनमानस को संदेश-*
01- किसी भी कम्पनी का कस्टमर केयर नम्बर उस कम्पनी के आधिकारिक वेवसाइट से ही प्राप्त करें।
02- कोई भी बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी आपसे एटीएम खाते क्रेडिट कार्ड अन्य से सम्बन्धित जानकारी नहीं मांगता इसलिए कभी भी फोन काल पर अपने बैंक से सम्बन्धित जानकारी शेयर ना करें।
03- किसी भी क्यूआर कोड से पेमेंट लेते/देते समय यह अवश्य चेक करें कि क्यूआर कोड पेमेंट लेने वाला है या देने वाला है।
05- किसी भी प्रकार का साइबर क्राइम होने पर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर या WWW.CYBERCRIME.GOV.IN पर अपनी शिकायत दर्ज कराये ।
06- खाते में KYC अपडेट कराने के लिये बैकों द्वारा कभी भी किसी से व्यक्तिगत जानकारी/OTP/CVV/पिन नम्बर नही मांगा जाता है।
07- फोन पर आने वाली काँल पर रिश्तेदार बनकर बातें करने वाला व्यकित फ्राड़ हो सकता है,अतः आप अपने कॉनटेक्ट लिस्ट मे पहले से आपके द्वारा सेव किये गये नम्बर पर कॉल कर पहले उससे पुष्टी कर ले।
8- डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वही लोग होते हैं जो अधिक पढ़े लिखे और अधिक होशियार होते हैं। डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब ऐसा है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं। इस दौरान वे लोगों से वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहते हैं और इसी बीच केस को खत्म करने के लिए पैसे भी ट्रांसफर करवाते रहते हैं।

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