मऊरानीपुर23सितम्बर24*पशुधन बीमा की जानकारी देते भण्डरा के पशु चिकित्सक डॉ मनीष सोनी।
झांसी। राजकीय पशु चिकित्सालय भण्डरा में तैनात पशु चिकित्सक डॉ मनीष सोनी ने पशुओं का बीमा कराने के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पशुपालकों के लिए पशुधन बीमा योजना केन्द्र व राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से संचालित की जा रही है। जिसमें इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थी अपने पशुओं का बीमा करा सकते है योजना में दो प्रकार के पशुओं का चयन किया जाता है। जिसमें बड़े पशुओं में गाय, भैंस, घोडा, ऊंट, गधा, बैल तथा छोटे पशुओं में भेड़, बकरी, खरगोश, सूअर का बीमा किया जाता है जिसमें प्रत्येक परिवार पांच यूनिट पशुओं का बीमा करा सकता है। एक यूनिट में एक बड़ा जानवर तथा दस छोटे जानवरों को शामिल जाता है। पशुधन बीना योजनान्तर्गत चयनित लाभार्थी इस योजना में बी.पी. एल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लाभार्थी को 10 फीसदी प्रीमियम देकर 90 प्रतिशत सब्सिडी एवं अन्य सभी लाभार्थियों को 25 फीसदी प्रीमियम देकर 75 प्रतिशत बीमा का लाभ पशुपालक उठा सकते है। जिसमें बीमा कराने की अवधि अन्तर्गत पशुओं का एक साल, दो साल, तीन साल का बीमा करा सकते है। बीमा कवरेज में पशु की बीमारी से, एक्सीडेंट से और प्राकृतिक आपदा से मौत होने पर लाभार्थी पशुपालक को बीमा पॉलिसी योजना के तहत भुगतान किया जाता है। वही पशु पूर्णतया विकृत हो जाने से जैसे टांग टूटने की दशा में भी बीमा क्लेम का भुगतान दिया जाता है। इसमें इलाज का विवरण देना अनिवार्य होता है बीमा कराने के पश्चात् प्रारम्भिक 21 दिनों तक केवल एक्सीडेंटल मृत्यु जैसे वाहन ने टकरा जाना, पहाड़ से नीचे गिर जाना, प्राकृतिक आपदा का शिकार हो जाना इत्यादि का कवरेज शामिल किया गया है। पशु की बीमारी से मृत्यु तथा सामान्य मृत्यु का कवरेज बीमा कराने के 21 दिन पश्चात् ही प्रारम्भ होता है। उन्होंने कहा कि जानवर की चोरी हो जाना इस योजना में शामिल नही है। पशु का मूल्य स्कोर कार्ड पर आधारित किया जायेगा जो कि पशु चिकित्साधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाता है। जिसमें बीमा कराने हेतु आवश्यक दस्तावेज में पशु का स्वास्थ प्रमाण पत्र पशु चिकित्साधिकारी द्वारा देय बीमा अवधि बिना पी, टी, डी, एक वर्ष, दो वर्ष, तीन वर्ष. पशु का स्कोर कार्ड अनिवार्य, टीके का सत्यापन के साथ आधार कार्ड की छायाप्रति
एससी, बीपीएल प्रमाण पत्र सरकार द्वारा प्रमाणित, प्रीमियम राशि रसीद, पशु का टैग 12 अंक कों कोड सहित लाभार्थी के साथ एवं पशु की फोटो मोबाइल एप्प द्वारा अनिवार्य होती है। पशु पालक का बैंक का विवरण, यदि पशुपालक के पास एक से ज्यादा पशु है तो ऐसे सभी स्वस्थ्य पशु जो बीमा योग्य है कम से कम दो पशु अनिवार्यता बीमित करना है। पशुपालक का मोबाइन नंबर, बीमा कराने की के लिये लाभार्थी अपने निकटतम पशु चिकित्सालय से सम्पर्क कर सकते है। बीमा क्लेम प्राप्त करने के लिए जानबर की मृत्यु होने की दशा में लाभार्थी द्वारा प्रस्ताव पत्र एवं पालिसी के पीछे दिए गए क्लेम नम्बर, बीमा कम्पनी को सूचना देने के उपरान्त मृत पशु के शव का परीक्षण कराकर 24 घंटे तक बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि के निरीक्षण हेतु सुरक्षित रखना होता है।
जिला संवाददाता सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी खिलारा यूपी आज तक।
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