November 18, 2025

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भागलपुर13जून24*बी०ए०यू० में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का माननीय राज्यपाल ने किया उद्घाटन*

भागलपुर13जून24*बी०ए०यू० में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का माननीय राज्यपाल ने किया उद्घाटन*

भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता यूपी आजतक

भागलपुर13जून24*बी०ए०यू० में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का माननीय राज्यपाल ने किया उद्घाटन*

“कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए आजादी से अमृतकाल तक ग्रामीण विकास की यात्रा” विषय पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आज दिनांक नांक 13.06.2024 को माननीय राज्यपाल-सह-कुलाधिपति श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संयुक्त रूप से बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर और एक्सेलेंट विजन फाउन्डेशन (ई वी एफ) द्वारा किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में तकनीकि सत्र का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश विदेश से आए हुए विशेषज्ञ संबंधित विषय पर मंथन कर रहे हैं, साथ ही प्रस्तुतीकरण दिया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के अलावा माननीय कृषि मंत्री बिहार सरकार श्री मंगल पाण्डेय, विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जुड़े और साथ ही सभा को संबोधित किया। बिहार के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामाशीष सिंह मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित किया। इसके साथ ही कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक डॉ० एच० पी० सिंह, कैन्सास स्टेट यूनिवरसिटी के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्रोफेसर राजनारायण यादव आदि अतिथियों का स्वागत माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी निदेशक, अधिष्ठाता एवं वैज्ञानिकों सहित कार्यक्रम के संयोजक डॉ० अजय कुमार साह एवं आयोजक सचिव डॉ अविनाश कुमार उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलित कर किया गया। अपने अध्यक्षीय भाषण में माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह ने कहा कि “आजादी के उपरान्त हम अन्न के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थे लकिन हरित क्रांति और देश में कृषि विश्वविद्यालयों के रूथापना के उपरान्त किसानों और वैज्ञानिकों के परिश्रम से आज हम इस स्थिति तक आ चुके हैं कि हम अन्न दूसरे देशों को आपूर्ति कर रहे है।” माननीय कुलपति ने जोर देते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में हमें आशातीत सफलता हमें मिली लेकिन अभी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और भी सशक्त किये जाने कि आवश्यकता महसूस कि जाती है जिसे कि आजादी के 100वें वर्ष 2047 यानि अमृतकाल तक हमें पूर्णरूपेण स सशक्त बनाने का लक्ष्य है। मुख्य अतिथि के तौर पर अपने उद्बोधन में माननीय राज्यपाल ने कृषि में अंधाधुन्ध रासासनों के प्रयोग एवं इसके दुषपरिणामों के रेखांकित किया और इसका सीधा असर किसानों के कम आय के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम
किसानों और ग्रामीणों कि आय दोगुनी करने कि बात करते हैं तो पहले हमें प्राकृतिक खेती कि ओर मुड़ना होगा। माननीय राज्यपाल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढिकरण के लिए शहरीकरण को गैर जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि हमारे गाँव को शहर बनाने कि आवश्यकता नहीं है। बल्कि हमारे गाँव जैसे थे यही जरूरी है। लेकिन गाँव में बुनियादी सुविधाओं की मौजुदगी होनी चाहिए। हर ग्रामीणों को वहीं रोजगार मिले यह सुनिश्चित करना होगा। तभी ग्रामीणों की सम्पति एवं गाँव की समृद्धि में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी से हमारी अपेक्षा है कि इन सभी बिन्दुओं पर मंथन हो।

प्राख्यात सामाजिक कार्यकर्ता श्री रामाशीष सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि गाँव और शहरों का बाँटने का कार्य अंग्रेजों ने किया। गाँव आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सदियों से समृद्ध थे। लकिन कालांतर में अपनाई गई त्रुटिपूर्ण नितियों के कारण हम विकास के लिए सिर्फ शहरों की तरफ देखने लगे। आज हमें देश के पर्यावरण को बचाना है और ग्रामीण व्यवस्था को बचाना है।

कन्सास विश्वविद्यालय, अमेरिका के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद ने बिहार के कृषि योग समृद्ध भूमि का जिक्र करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए प्रमुख बिन्दुओं को रेखांकित किया।

त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के प्रोफेसर डॉ० राजनारायण यादव ने कहा कि बिहार और नेपाल का रोटी बेटी का संबंध है। अतः बिहार के गाँव अगर समृद्ध होते हैं तो निश्चित तौर पर इससे नेपाल भी समृद्ध होगा।

कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व उपमहानिदेशक डॉ० एच० पी० सिंह ने कहा कि बिहार कृषि का तीर्थस्थल है। बिहार के माननीय कृषि मंत्री ने आभाशिक रूप से जुड़कर संबोधित किया और कहा कि बिहार सरकार ने कृषि रोडमैप और अन्य ऐसी नीतियां बनाई है। जिससे बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों का चौमुखी विकास हो रहा है।

*मिला लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार*
माननीय कुलपति डॉ० डी० आर० सिंह को कृषि के क्षेत्र में किये गये अतुलनीय कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।

कन्सास विश्वविद्यालय, अमेरिका के निदेशक डॉ० पी० बी० बारा प्रसाद को उनके क्रॉप फिजियोलॉजी में फीड द फ्यूचर इनोवेशन लैब के निदेशक तौर पर उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।
त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल के प्रोफेसर डॉ० राजनारायण यादव को उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए माननीय राज्यपाल ने लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया।

*माननीय राज्यपाल ने कृषि ज्ञान वाहन का किया अवलोकन:*
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा संचालित कृषि ज्ञान वाहन का माननीय राज्यपाल ने अवलोकन किया एवं इस वाहन द्वारा किसानों के हितों में किये जा रहे कार्यों जैसे मिट्टी जाँच, पशुपालन एवं अन्य कृषि प्रसार गतिविधियों का जायजा लिया।

*माननीय राज्यपाल ने सीनेट हॉल और आर्ट गैलेरी का किया उद्घाटन:*
बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सीनेट हॉल और आर्ट गैलेरी का माननीय राज्यपाल ने उद्घाटन किया। आर्ट गैलेरी में बिहार कि लोक कला को मधुबनी एवं अंगिका चित्रकला में विश्वविद्यालय के कलाकारों द्वारा दर्शाया गया है।

चार देशों, देश के दस राज्यों और छह विश्वविद्यालयों के शिक्षक विद्यार्थी, उद्यमी और किसानों ने इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लिया। इसमें 26 लीड पेपर 100-150 मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतीकरण दिये जा रहे हैं। संध्याकाल में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुती दी गई। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता, कृषि डॉ० अजय कुमार साह द्वारा किया गया। इस आशय की सूचना विश्वविद्यालय के पी० आर० ओ० डॉ० राजेश कुमार ने दी।

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