प्रयागराज11अक्टूबर23*कुख्यात माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटे बालगृह से हुए रिहा,भतीजों को ले गई बुआ*
प्रयागराज। कुख्यात माफिया अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों के बाल संरक्षण गृह में रहने को लेकर उपजा विवाद अचानक से बेहद चौंकाने वाला रुख ले लिया।सोमवार शाम बाल कल्याण समिति ने अतीक के दोनों बेटों को रिहा कर दिया।सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बाल कल्याण समिति ने एहजम और अबान को रिहा किया है।दोनों के रिहाई की प्रक्रिया में काफी समय लगा।यह प्रक्रिया सुबह से ही चल रही थी।बाल कल्याण समिति ने यह निर्णय लेते हुए जानकारी दी कि एहजम और अबान इसी साल 4 अक्टूबर को 18 साल का हो चुका है और ऐसे में नियमानुसार दोनों को बाल संप्रेषण गृह में नहीं रखा जा सकता।
बता दें कि दोनों को परिजनों के सुपुर्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी। कोर्ट में पुलिस और बाल कल्याण समिति अपना पक्ष रख चुकी थी। फिर भी उन्हें सम्भवतः डर था कि सुप्रीम कोर्ट में उनका रवैया विपरीत जा सकता है,जिसको देखते हुए आनन-फानन में कुख्यात माफिया अतीक अहमद के बेटे एहजम और अबान को उसकी बुआ को सुपुर्द कर दिया गया। लगभग 5 बजे अतीक की करैली में रहने वाली बहन परवीन वकील के साथ राजरूपपुर स्थित बाल संरक्षण गृह पहुंची।उससे पहले बाल गृह के संरक्षक को सुपुर्दगी का आदेश मिल चुका था।
बाल सुधार गृह संचालक ने कहा कि 2 मार्च को इन्हें यहां भेजा गया था।तब ये बच्चे लावारिस की तरह थे, लिहाजा उन्हें यहां लाया गया है।संचालक ने कहा कि आज बाल कल्याण समिति के आदेश पर उन्हें रिहा किया गया है।उनकी बुआ परवीन अहमद को उन दोनों बेटों को सुपुर्द किया गया है। इसके लिए पूरी विभागीय लिखा पढ़ी कराई गई है।परवीन अहमद कड़ी सुरक्षा के बीच कार में बैठाकर इन बच्चों को साथ ले गईं।
प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज पुलिस ने तमाम जगहों पर छापेमारी की थी। कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसका भाई माफिया अशरफ के इशारे पर उमेश की हत्या कराई गई थी।इस हत्याकांड में अतीक का बेटा असद भी शामिल था।अतीक के दो नाबालिग बेटे भी पुलिस के हत्थे चढ़े थे, लेकिन नाबालिग होने के कारण उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया था।अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन बेटों की कस्टडी हासिल करने के लिए उच्च अदालत तक गई थी, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। बल्कि वो खुद पुलिस का दबाव बढ़ते ही फरार हो गई।सात महीने बाद भी वो पुलिस के हाथ नहीं लगी है।हत्याकांड में शामिल बमबाज गुड्डू मुस्लिम का भी कोई सुराग नहीं लगा है।
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