November 14, 2025

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

पूर्णिया14अप्रैल25*पूर्णिया में बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती अदब

पूर्णिया14अप्रैल25*पूर्णिया में बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती अदब

पूर्णिया14अप्रैल25*पूर्णिया में बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती अदब व एहत राम  के साथ मनाया गया

मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक न्यूज़ चैनल पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।

पूर्णियाबिहार। पूर्णिया शहर में बाबा भीमराव अंबेडकर की योगमें पैदाइश बड़े ही अदब वह एतराम के साथ मनाया गया जगह-जगह भीमराव अंबेडकर का मुजशशमा लगाकर उन्हें राज्य अकिलात पेश किया गोर‌ तलब है कि डॉ भीमराव अंबेडकर का जयंती हर साल 14 अप्रैल को मनाई जाती है, और आज ही उनका जन्मदिन है। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में हुआ था। वह एक महान समाज सुधारक, विधि विशेषज्ञ और भारतीय संविधान के निर्माता थे। अंबेडकर जी ने अपना जीवन समाज में पिछड़े वर्ग के उत्थान में समर्पित कर दिया और भारतीय संविधान की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उनका जन्म एक दलित परिवार में हुआ था, और उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई सकपाल था उन्होंने एलफिंस्टन हाई स्कूल और बॉम्बे विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की, और बाद में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
वह एक समाज सुधारक, विधि विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, प्रोफेसर और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने दलितों के सामाजिक न्याय और अधिकारों के लिए जीवनभर लड़ाइयां लड़ीं उन्हें 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
उन्होंने भारतीय संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संविधान के निर्माण में अपना योगदान दिया।
भीमराव अंबेडकर का जीवन और कार्य आज भी प्रेरणा का स्रोत है, और उनकी जयंती पर हम उनके योगदान को याद करते हैं और उनके आदर्शों को अपनाने का प्रयास करते हैं ¹।
बाबा भीमराव अंबेडकर एक महान समाज सुधारक, विधि विशेषज्ञ और भारतीय संविधान के निर्माता थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में हुआ था। वह एक दलित परिवार से ताल्लुक रखते थे और उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और शिक्षा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया।- उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री प्राप्त की- कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एमएससी और बार-एट-लॉ की डिग्री प्राप्त की वह 64 विषयों में मास्टर थे और 9 भाषाओं के जानकार थे
उर्न्होंने दलितों के सामाजिक न्याय और अधिकारों के लिए जीवनभर लड़ाइयां लड़ीं- उन्होंने भारतीय संविधान की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उन्होंने छुआछूत की प्रथा के खिलाफ संघर्ष किया और दलितों को सार्वजनिक जलस्रोतों से पानी लेने के अधिकार के लिए सत्याग्रह का नेतृत्व किया- उन्होंने कहा था जहां मेरे व्यक्तिगत हित और देश के हित में टकराव होगा, वहां मैं देश के हित को प्राथमिकता दूंगा। लेकिन जहां दलित जातियों के हित और देश के हित में टकराव होगा, वहां मैं दलित जातियों को प्राथमिकता दूंगा। उन्होंने गांधी और कांग्रेस की नीतियों पर गंभीर प्रश्न उठाए और दलितों के अधिकारों की उपेक्षा की आलोचना की- उन्हें 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गय
पूर्णिया टैक्सी स्टैंड अम्बेडकर सेवा सदन में आयोजित संविधान शिल्पी, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० अंबेडकर की 135 वीं जयंती पर विधायक विजय खेमका ने बाबा साहेब को नमन करते हुए कहा यह केवल एक जयंती नहीं बल्कि संविधान, समानता और सामाजिक न्याय के प्रतीक को स्मरण करने का पावन अवसर है | बाबा साहेब ने हमें अधिकार दिए, हमें आवाज दी और एक ऐसा संविधान रचा जो हर भारतीय को समानता और सम्मान देता है | विधायक ने कहा लेकिन यह भी सच्चाई है कि कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दल ने वर्षों तक बाबा साहेब के योगदान को दबाया, उनके विचारों को भुलाया और उन्हें राजनितिक हाशिये पर रखा | सम्मान देना तो दूर, उनको एवं भारत के संविधान को सदैव अपमानित करने का काम किया | विधायक ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने बाबा साहेब को सच्चा सम्मान दिया, चाहे वह पंचतीर्थ का निर्माण हो, संविधान निर्माता के रूप में उन्हें वैश्विक मंचों पर सम्मानित करना हो या फिर सामाजिक न्याय की योजनाओं को जमीन तक पहुँचाना | मोदी जी ने बाबा साहेब को केवल किताबों तक सिमित नहीं रखा बल्कि उनके विचारों को घर घर तक पहुंचाया | केंद्र एवं राज्य की एनडीए सरकार की योजनाओं से आज SC/ST समाज के करोड़ों परिवार लाभान्वित हो रहे है | विधायक ने कहा पूर्णिया में राजा सलहेश एवं सरहुल पर्व को बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग द्वारा प्रतिवर्ष राजकीय महोत्सव के रूप में मनाया जाता है | आज हम सब यह संकल्प लें कि बाबा साहेब के विचारों पर चलेंगे, जाति धर्म से ऊपर उठकर समाज में समानता, शिक्षा और स्वाभिमान की मशाल जलाएंगे और ऐसे भारत के निर्माण में सहयोग करेंगे जिसका सपना बाबा साहेब ने देखा था | विधायक श्री खेमका ने इस अवसर पर सेवा सदन के जीनत राम, शम्भू प्रसाद दास, सुरेन्द्र राम, अजय राम, चन्दन पासवान सहित उपस्थित नागरिकों का आभार व्यक्त किया |
बाबू वीर कुंवर सिंह स्मारक संघ, पूर्णियां के तत्वावधान में आज भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की 135वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर उनके तैल चित्र पर संघ के सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
इस अवसर पर संघ के वरिष्ठ सदस्य माधव सिंह ने कहा कि बाबा साहेब सिर्फ दलितों के ही नहीं, बल्कि सभी वर्गों के गरीबों, शोषितों के मसीहा थे। हम बाबा साहेब को दलितों का मसीहा बता कर अन्याय करते हैं। उन्हें सीमित न करें। वे हर वर्ग के शोषित , दबे- कुचले के आवाज थे। संघ के सदस्य एस.के विमल ने कहा कि बाबा साहेब को सीमाओं में न बांधें। उन्हें विश्व मानवता के रूप में देखें। दुनिया मार्टिन लुचर किंग को जिस तरह से देखती है उसी तरह बाबा साहेब हमारे लिए हैं।
शिक्षक- कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि डॉ भीमराव अम्बेडकर एक कुशल सामाज सुधारक के साथ साथ कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। इन्होंने समाज में पले छूआ-छूत , भेद-भाव के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया है।
बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा था कि भारत का एक एक बच्चा शिक्षित होगा उसी दिन भारत सबल होगा और छुआछूत खत्म होगा।
मौके पर सर्व श्री डॉ. मनोज, दिनकर स्नेही, रंजन सिंह, अवधेश सिंह, अनिल सिंह, अर्जुन तिवारी, महेश पासवान, अमित सिंह एवं संघ के दर्जनों सदस्यों ने भाग लिया।