पूर्णिया बिहार 13 जनवरी 25* जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित 02 बच्चों को निःशुल्क इलाज के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजा गया अहमदाबाद
मोहम्मद इरफान कामिल यूपी आज तक पूर्णिया बिहार की रिपोर्ट।
पूर्णिया बिहार। विभिन्न गंभीर बीमारियों से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है। उन्हीं योजनाओं में से एक है राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल तक के बच्चों की नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान है। जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग लोगों को हर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल हृदय योजना द्वारा जिले में जन्म के बाद से ही हृदय में छेद, कटे होंठ व तालु, क्लब फुट जैसे बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान करते हुए उन्होंने निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि संबंधित बच्चा स्वास्थ और सुरक्षित रह सके।
हृदय में छेद से ग्रसित 02 बच्चों को निःशुल्क उपचार के लिए भेजा गया सत्य साईं हृदय अस्पताल अहमदाबाद :
आरबीएसके कटिहार के जिला समन्यवक मनीष कुमार ने बताया कि योजना के तहत बच्चों में होने वाले कुल 38 तरह के रोगों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है। इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं। योजना के माध्यम से हृदय में जन्मजात छेद सहित अन्य हृदय संबंधी रोगों का इलाज बेहद आसान हो चुका है। रविवार को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल हृदय योजना के द्वारा हृदय में छेद से ग्रसित 02 बच्चों को निःशुल्क इलाज के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा एम्बुलेंस के माध्यम से पटना भेजा गया है। पटना से दोनों बच्चों को राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा हवाई जहाज के माध्यम से अहमदाबाद गुजरात भेजा जाएगा। अहमदाबाद के सत्य श्री साईं हृदय संस्थान में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बच्चों का ऑपरेशन करते हुए हृदय में होने वाले छेद का उपचार किया जाएगा। ऑपरेशन के बाद कुछ दिन बच्चों को चिकित्सकों द्वारा अस्पताल में निगरानी में रखा जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य होने के बाद बच्चों को वापस घर भेजा जाएगा। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा दोनों बच्चों को उनके परिजनों के साथ उपचार के लिए अहमदाबाद भेजा गया है। बच्चों के साथ साथ दोनों परिजनों के आवागमन और बच्चों के सम्पूर्ण उपचार का खर्च बिहार सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इलाज के बाद दोनों बच्चों को राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अहमदाबाद से वापस पटना हवाई जहाज द्वारा और पटना से उनके घर कटिहार तक एम्बुलेंस द्वारा भेजा जाएगा।
योजना के तहत बच्चों के नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान :
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। इसे लेकर आरबीएसके की टीम द्वारा बीमार बच्चों को पहले चिह्नित किया जाता है। चिह्नित बच्चों की सूची वरीय संस्थान को भेजा जाता है। वहां काउंसिलिंग के बाद बीमार बच्चों को जरूरी इलाज के लिये बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजा जाता है। इलाज पर आने वाले सारे खर्च के साथ आने-जाने में होने वाला परिवहन खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यहां तक की जरूरी जांच व अन्य किसी कारणों से दोबारा बुलाये जाने पर आने वाला खर्च भी सरकार देती है।
बाल हृदय योजना से मिल रहा लोगों को लाभ :
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि बाल हृदय योजना से गरीब परिवारो के साथ-साथ जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को नई जिंदगी मिल रही है। क्योंकि बच्चों के हृदय का ऑपरेशन करने के लिए 5 से 6 लाख की आवश्यकता होती है। ऑपरेशन के लिए यह पैसा सरकार द्वारा दिए जाने के बाद गरीबों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। इसके लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी केंदो के साथ साथ सरकारी विद्यालयों में स्क्रीनिंग कर हृदय में छेद वाले बच्चों की पहचान कर आगे की स्क्रीनिंग के लिए पटना आईजीआईसी में भेजा जाता है जहां एक्सपर्ट की टीम द्वारा जांच की जाती है। जांच के दौरान ऑपरेशन के जरूरत वाले बच्चों को रेफर कर दिया जाता है। ऑपरेशन वाले बच्चों को एक अभिभावक के साथ हवाई जहाज के माध्यम से अहमदाबाद भेजा जाता है जहां उनका निःशुल्क ऑपरेशन होता है। ऑपरेशन के बाद सभी बच्चों को उनके घर तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा वापस पहुँचाया जाता है। इसमें बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलने के साथ साथ परिजनों को किसी तरह का आर्थिक खर्च नहीं होता है और बच्चे स्वास्थ हो जाते हैं। सिविल सर्जन डॉ सिंह ने बताया कि कटिहार जिले से अहमदाबाद भेजे गए दोनों बच्चों की जांच आरबीएसके टीम द्वारा आईजीआईसी पटना में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा पूर्व में करवाया गया है। जांच के बाद दोनों बच्चों को बेहतर उपचार के लिए चिकित्सकों द्वारा अहमदाबाद रेफर करना सुनिश्चित किया गया था। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा सत्य साई अस्पताल अहमदाबाद से चिकित्सकों द्वारा प्राप्त निर्देश पर बच्चों को 12 जनवरी को अहमदाबाद रेफर किया गया है जहां बच्चों को निःशुल्क उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सिविल सर्जन डॉ सिंह ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कटिहार जिले के 01 और बच्चे को हृदय रोग से ग्रसित पाया गया है जिनका आईजीआईसी पटना में चिकित्सकों द्वारा जांच किया गया है। उस बच्चों का विशेष इलाज आईजीआईसी पटना में ही चिकित्सकों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए संबंधित बच्चे को जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिजनों के साथ 30 जनवरी को आईजीआईसी पटना भेजा जाएगा जहां बच्चे का सम्पूर्ण इलाज उपलब्ध हो सकेगा।
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