December 23, 2024

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पंजाब11अक्टूबर*बेटियां बेटों से कम नहीं है: तरसेम मंगला

पंजाब11अक्टूबर*बेटियां बेटों से कम नहीं है: तरसेम मंगला

पंजाब11अक्टूबर*बेटियां बेटों से कम नहीं है: तरसेम मंगला
अंर्तराष्ट्रीय बालिका दिवस पर गोपीचंद आर्य महिला कालेज में जागरूकता सेमिनार आयोजित
अबोहर, 11 अक्तूबर (शर्मा): पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट जस्टिस के निर्देशों पर पंजाब हरियाणा में बालिका दिवस मनाने के निर्देश जारी किये। जिला फाजिल्का के सीनियर सैशन जज तरसेम मंगला, पजाब कानूनी सेवाएं अथारिटी के दिशा निर्देशों पर जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी द्वारा सोमवार को अंर्तराष्ट्रीय बालिका दिवस पर स्थानीय गोपीचंद आर्य महिला कालेज में कानूनी जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य मेहमान जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के चेयरमैन कम सीनियर सैशन जज फाजिल्का श्री तरसेम मंगला थे। विशेष मेहमान अथारिटी के सचिव कम सीजेएम अमनदीप सिंह, अबोहर सबडीविजनल कानूनी सेवाएं अथारिटी के सदस्य व सेवानिवृत्त एसडीएम श्री बीएल सिक्का, पैनल एडवोकेट देसराज कंबोज थे। सेमिनार की अध्यक्षता कालेज की प्रिंसिपल डा. रेखा सूद हांडा ने की। श्री तरसेम मंगला ने कहा कि बेटियां बेटों से कम नहीं है। बेटियां हर क्षेत्र में अपने मां-बाप का नाम रोशन कर रही हैं। कल्पना चावला, किरण बेदी जैसी बेटियां देश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटियों को पढ़ाना चाहिए। न्याय क्षेत्र में भी बेटियां जज के पद तक पहुंची। लड़कियां सेना में भी हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी बालिका पर किसी प्रकार का अत्याचार होता और पुलिस सुनवाई नहीं कर रही तो लीगल सर्विस अथॉरिटी के माध्यम से केस दायर कर सकता है। केस की फीस सरकार भरेगी। श्री मंगला ने कहा कि बच्चों के मूल अधिकारों में जीवन, विकास, सुरक्षा, सहभागिता, सेहत के अधिकार शामिल हैं। बेटियों के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। उन्होंने कहा कि मां बाप की सेवा में सबसे ज्यादा योगदान देती हैं। बच्चों को मुफ्त व जरूरी शिक्षा के अधिकार भी मुहैया करवाए गए हैं। अदालतों द्वारा बच्चों की सुनवाई के लिए किशोर न्याय कानून 2015 के तहत किशोर न्याय अदालत सुनवाई करती है। बच्चों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कानून 2012 में भी प्रावधान स्थापित किए गए हैं। सीजेएम अमनदीप सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने का उद्देश्य बालिकाओं को जागरूक करना है। अपने अधिकारों के लिए, अपनी सुरक्षा और बराबरी के लिए जिससे वो आने वाली सभी चुनौतियों और परेशानियों का डटकर मुकाबला कर पाएं। बीएल सिक्का ने कहा कि भारत सरकार ने भी बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए काफी योजनाओं को लागू किया है जिसके तहत बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं, एक उल्लेखनीय योजना है। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार भी अन्य महत्वपूर्ण योजनायें शुरू कर रही है। प्रिंसिपल डा. रेखा सूद हांडा ने कहा कि स्कूलों में लीगल स्टडी एक आवश्यक विषय के रूप में बच्चों को जरूर पढ़ाया जाना चाहिए, जिससे एक ओर एक स्तर तक आने से पहले लोग इनका इस्तेमाल करना सीख जाएं। साथ ही बचपन से ही सही और गलत का ज्ञान सभी बालक-बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा व शारीरिक शिक्षा का ज्ञान देना अनिवार्य कर देना चाहिए जिससे बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए किसी पर निर्भर न होना पड़े। सेमिनार को सफल बनाने में जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के कार्यालय क्लर्क नितीश गांधी, अबोहर कोर्ट के नाजर कमलकांत, कालेज की एनसीसी इंचार्ज अनिता राज, स्टाफ का विशेष योगदान रहा। अंत में कालेज की ओर से मुख्य मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। न्यायाधीशों द्वारा कालेज की मेधावी छात्राओं को सम्मानित किया गया। सेमिनार से पूर्व कालेज प्रांगण में न्यायाधीशों ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ाव देने के लिए पोधा रोपण भी किया। मंच संचालन मैडम अमनदीप कौर ने किया ।
फोटो:1, गोपीचंद कॉलेज में उपस्थिति को सम्बोधित करते न्यायाधीश।

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