July 27, 2024

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कौशाम्बी26फरवरी24*मिलेट रेसीपी प्रतियोगिता का सीडीओ ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारम्भ*

कौशाम्बी26फरवरी24*मिलेट रेसीपी प्रतियोगिता का सीडीओ ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारम्भ*

कौशाम्बी26फरवरी24*मिलेट रेसीपी प्रतियोगिता का सीडीओ ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया शुभारम्भ*

*कौशाम्बी।* मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 रवि किशोर त्रिवेदी ने डायट मैदान में उ0प्र0 मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम वर्ष 2023-24 के अन्तर्गत आयोजित मिलेट्स (श्रीअन्न) रेसीपी एवं उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ तथा विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का अवलोकन किया।

मुख्य विकास अधिकारी ने रेसीपी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले-फ्लेवर स्वीट्स हाउस के प्रतिनिधि श्री अहमद को मोमेण्टों एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। इसी प्रकार द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले केसरवानी स्वीट्स हाउस धर्मेन्द्र कुमार केसरवानी तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले आईफा एफ0पी0ओ0 के प्रतिनिधि को मोमेण्टों एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही मिलेट्स से सम्बन्धित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली उच्च प्राथमिक विद्यालय, समदा की छात्रा अंजली निर्मल, सुमित्रा देवी एवं विमल कुमार को मोमेण्टों एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया तथा उद्यान विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बेसिक शिक्षा, पशु पालन, महिला कल्याण एवं बाल विकास व पुष्टाहार विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाये गये स्टॉलों के प्रतिनिधियों को मोमेण्टों एवं प्रशस्ति-पत्र देकर उत्साहवर्धन किया।

वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ0 मीनाक्षी ने मोटे अनाज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपने भोजन में मोटे अनाज को शामिल करना चाहिए। मोटे अनाज यथा-मक्का, रागी, ज्वार, बाजरा, जौ, कांदो, सावां आदि हैं। इन अनाजों में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते है। मोटे अनाज बढ़ती उम्र वाले बच्चों, ज्यादा शारीरिक मेहनत करने वाले श्रमिकों तथा वृद्धजनों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज को पैदा करने के लिए कम मेहनत और कम पानी की जरूरत होती है। ज्वार मुख्यतः बच्चों के भोजन में इस्तेमाल किया जाने वाला अनाज है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लौह तत्व मुख्य रूप से पाये जाते हैं। यह अनाज पाचन में हल्का होता है। पोषक तत्वों से भरपूर इस अनाज को देहाती भोजन में रोटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने किसानों से मोटे अनाजों का अधिकाधिक उत्पादन करने का आवाह्न करते हुए कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन में लागत कम आती है, जिससे आय में भी वृद्धि होगी इस अवसर पर उप कृषि निदेशक सतेन्द्र कुमार तिवारी एवं जिला उद्यान अधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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