कौशाम्बी18जून24*महाराणा प्रताप के त्याग को भुलाया नही जा सकता.–पूर्व आईएएस बीके सिंह*
*कौशाम्बी में हल्दीघाटी विजय दिवस पर क्षत्रियों का उमड़ा जन सैलाब*
*शहीद विजय सिंह स्मारक डिग्री कालेज पूरामुफ्ती में अखिल क्षत्रिय महासभा का सम्मेलन हुआ सम्पन्न*
*कौशाम्बी* अखिल क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में हल्दी घाटी विजय स्मृति दिवस का आयोजन 18 जून को शहीद कैप्टन विजय प्रताप सिंह स्मारक डिग्री कॉलेज जुनैद पुर सैयद सरावा में किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश स्तर के प्रख्यात विद्वान वर्तमान व पूर्व जन प्रतिनिधि एवं समाज के विभिन्न क्षेत्र में कार्य करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
गौरतलब हो कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के लगभग 25 जनपदों से पदाधिकरी और कार्यकर्ता शामिल हुए।अखिल क्षत्रिय महासभा के संरक्षक पूर्व आईएस अधिकारी बी के सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में क्षत्रियों ने त्याग और समर्पण के बल पर अपना स्थान बनाया है बस जरूरत है कि आने वाली नई पीढ़ियों को अपने इतिहास के साथ उच्च आदर्श व संस्कारों की भी शिक्षा दिया जाए जिससे हमारे समाज का गौरवशाली इतिहास कायम रह सके बीके सिंह ने मंगलवार को पूरामुफ्ती में अखिल क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में आयोजित हल्दी घाटी विजय स्मृति दिवस के सम्मेलन मे बतौर मुख्य अतिथि कहा उन्होंने कहा कि समाज जब अपने गौरवशाली इतिहास को देखता है तो लगता है कि आने वाली पीढी को और संघर्ष करना होगा ।यह संघर्ष देश के हर क्षेत्र में करने की जरूरत है । महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रीति कुमार सिंह ने क्षत्रियों के मनोबल को बढ़ाते हुए कहा कि आज हमारे समाज के लोग हर क्षेत्र में तरक्की कर रहे है लेकिन एक जुटता का आभाव है। एकजूटता के अभाव में समाज को इसका फायदा नही मिल पा रहा है । सरकार से मांग किया कि सेवा में योग्यता के आधार पर चयन किया जाए जिससे देश की तरक्की और तेजी से हो सके
प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह टेवा ने मुगलों व राणा प्रताप के बीच हुए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि जब अकबर ने महाराणा प्रताप के हाथी राम प्रसाद को पकड़वा लिया उसे मनपसंद चीजें दी गई लेकिन हाथी ने उसे नही खाया बाल्कि उसने अपने प्राण त्याग दिए । तो अकबर ने राणा प्रताप की तरीफ करते हुए कहा कि जिसके हाथी इतने वफावाद है उसे हरा पाना मुश्किल काम है। इसलिए क्षत्रिय अपने स्वाभिमान के लिए जाना जाता है।उन्होने कहा की भारतीय इतिहास में साहस और वीरता का प्रतीक: हल्दीघाटी का युद्ध भारतीय इतिहास में साहस और वीरता का एक प्रतीक बन गया है।महाराणा प्रताप की वीरता और उनके युद्ध कौशल के किस्से आज भी लोकप्रिय हैं। वह भारतीय इतिहास में एक ऐसे नायक के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया कार्यक्रम का संचालन महासभा के महामंत्री देवेन्द्र सिंह मनोज ने किया। बैठक में डॉक्टर कमलाकर सिंह रत्नेश सिंह प्रिंस विजय सिंह राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह राघवेंद्र सिंह, राज अरविंद सिंह बघेल ,आरपी सिंह सूर्यवंशी राजकुमार सिंह,रामानुज सिंह, विजय सिंह, भानु प्रताप सिंह,दिलीप सिंह ,भारत सिंह,दीपक सिंह, महेंद्र सिंह रामसागर सिंह अकबर सिंह राजेश्वर सिंह शिव नरेश सिंह विवेक सिंह बसंत सिंह निखिल सिंह राज बेटा गब्बर सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
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