December 22, 2024

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कौशाम्बी10सितम्बर24*प्रदेश में एन0आर0एल0एम0 योजना के तहत गठित समूहों के माध्यम से लाखों परिवारों के आर्थिक स्तर में हुआ सुधार*

कौशाम्बी10सितम्बर24*प्रदेश में एन0आर0एल0एम0 योजना के तहत गठित समूहों के माध्यम से लाखों परिवारों के आर्थिक स्तर में हुआ सुधार*कौशाम्बी10सितम्बर24*प्रदेश में एन0आर0एल0एम0 योजना के तहत गठित समूहों के माध्यम से लाखों परिवारों के आर्थिक स्तर में हुआ सुधार*

*कौशाम्बी* दीन दयाल अन्त्योदय योजना-एन0आर0एल00एम0 भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है एन0आर0एल0एम0 का प्रारम्भ पूर्व में संचालित स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना की कमियों जैसे कि ग्रामीण परिवारों का असामान्य गठन, सदस्यों का अनुपयुक्त क्षमताबर्धन, बैंक द्वारा पर्याप्त ऋण-वितरण का अभाव एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन करने के लिए सक्षम-प्रोफेशनल्स का अभाव इत्यादि को दुरूस्त करते हुये किया गया। उक्त जानकारी जिला सूचना अधिकारी कार्यालय द्वारा दी गई है

एन0आर0एल0एम0 भारत सरकार द्वारा संचालित बड़े पैमाने पर गहन रूप से समुदाय द्वारा संचालित गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम है।

उत्तर प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की स्थापना ग्राम्य विकास विभाग के संरक्षण में एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गयी जिसका पंजीकरण सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट-1860 के अन्तर्गत किया गया है। यह योजना उ0प्र0 सरकार के ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उ0प्र0 राज्य में रह रहें ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्था के माध्यम से संगठित कर उन्हें स्वावलम्बी बनाना है। विविध आजीविका कार्यकलापों को ध्यान में रखते हुये मिशन 03 आधारों पर कार्य करता हैः- गरीबों के लिये विद्यमान आजीविका विकल्पों में वृद्धि करना, बाहरी क्षेत्रों में रोजगार के अनुसार उनका कौशल विकास करना और स्वरोजगार एवं उद्यमशीलता (लघु उद्यमों के लिये) को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अन्तर्गत उŸार प्रदेश के एक करोड़ चार लाख ग्रामीण गरीब परिवारों के दस लाख स्वयं सहायता समूह, एक लाख ग्राम संगठन एवं तीन हजार संकुल स्तरीय संगठनों में संगठित करना है। मिशन अन्तर्गत बजट व्यवस्था भारत सरकार द्वारा 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार का 40 प्रतिशत के अनुपात में की जाती है।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य है कि ग्रामीण गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूह एवं समूहों को ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संघ के रूप में संगठित करना, गठित स्वयं सहायता समूहों एवं उनके संगठनों का प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन करना, ग्रामीण गरीब परिवारों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास कर जीवन-यापन का बेहतर अवसर प्रदान करना, समूहों एवं उनके संगठनों की आवश्यकताओं एवं जीविकोपार्जन हेतु मिशन की तरफ से रिवाल्विंग फण्ड एवं सामुदायिक निवेश निधि प्रदान करना, मिशन के अन्तर्गत गठित स्वंय सहायता समूहों को बैंक से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाना प्रमुख है।

उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का क्रियान्वयन इन्टेन्सिव रणनीति के अन्तर्ग्रत राज्य के 75 जनपदों के 826 विकास ,खण्डों में किया जा रहा है। वर्तमान में मिशन के अंतर्गत 95 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के परिवार की महिलाओं को कुल 8,55,479 स्वयं सहायता समूहों, 53,685 ग्राम संगठनों एवं 2,945 संकुल स्तरीय संघों से आच्छादित किया गया है। वर्ष 2023-24 में संतृप्तीकरण के अंतर्गत 23 लाख से अधिक परिवारों को समूहों से जोड़ा गया है।

आजीविका संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री भारत सरकार की प्रेरणा एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सतत् विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में मिशन निरन्तर प्रगति की तरफ अग्रसर है, मिशन के अंतर्गत अभी तक कुल 6,67,501 स्वयं सहायता समूहों को रिवालिवंग फण्ड 5,02,615 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के माध्यम से आच्छादित किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिशन के अन्तर्गत 18,539 स्वयं सहायता समूहों के 1.95 लाख से अधिक परिवारों को 38.88 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि अवमुक्त की गयी एवं 21546 स्वंय सहायता समूहों के 2.26 लाख से अधिक परिवारों को 242.71 करोड़ रूपये से अधिक की से0आई0एफ0 की धनराशि अवमुक्त की गयी है।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्राम्य स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय समावेशन के माध्यम से विविधीकृत आजीविका संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न बैंकों से समन्वय स्थापित करते हुए समूह स्तर पर कम ब्याज पर त्वरित, आवश्यकता अनुसार मांग के अनुरूप समयबद्ध ़ऋण की उपलब्धता सुनिश्ति कराई जा रही है। अभी तक मिशन के अंतर्गत 5.62 लाख स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को सतत आजीविका की दिशा में ऋण रूपये 5691 करोड़ उपलब्ध कराया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिशन के अन्तर्गत 1.7 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के 11 लाख से अधिक परिवारों को 881.95 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि कम ऋण पर स्वीकृत कराई गयी है।

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