December 11, 2024

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कौशाम्बी07जून24*पांचवे दिन की कथा में भगवान श्रीराम केवट संवाद सुनकर कथा श्रोता हुए प्रभावित*

कौशाम्बी07जून24*पांचवे दिन की कथा में भगवान श्रीराम केवट संवाद सुनकर कथा श्रोता हुए प्रभावित*

कौशाम्बी07जून24*पांचवे दिन की कथा में भगवान श्रीराम केवट संवाद सुनकर कथा श्रोता हुए प्रभावित*

*कौशाम्बी* सिराथू ब्लॉक के रामपुर धमावा स्थित त्यागी बाबा कुटी मे सोमवार 3 जून से चल रही साप्ताहिक श्रीरामकथा के पांचवे दिन भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक से लेकर चित्रकूट आगमन तक की कथा प्रसंग का कथावाचक सुधीरानंद जी महाराज ने वर्णन किया।

सीता स्वयंवर और सीता राम विवाह के बाद भगवान श्रीराम जनकपुर से अयोध्या आए। इसके कुछ दिन बाद उनके राज्याभिषेक के लिए राजा दशरथ ने कुलगुरु वशिष्ठ जी महाराज से मंत्रणा की। भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक की सूचना जैसे ही मंथरा को हुई, उसने रानी कैकेयी को उनके पुत्र भरत को अयोध्या का राजा बनाए जाने की राजा दशरथ से मांग करने को कहा। राजा दशरथ से कैकेई ने दो वरदान मांगे जिसमे पहला वरदान भरत को अयोध्या का राजा और भगवान राम को 14 साल का वनवास मांगा।

इसके पश्चात भगवान श्रीराम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के लिए वन गमन किया। रास्ते में श्रृंगवेरपुर के पास गंगा नदी के किनारे केवट से भेंट हुई। भगवान ने केवट से गंगा पार लगाने को कहा जिस पर केवट ने भगवान श्रीराम से पहले पांव धुलाने को कहा। पांव धोने के बाद केवट ने भगवान श्रीराम, माता सीता एवं लक्ष्मण को गंगा नदी पर किया। श्रीराम केवट संवाद सुनकर कथा श्रोता काफी प्रभावित हुए।

गंगा नदी पार करने के बाद भगवान श्रीराम माता सीता और लक्ष्मण जी चित्रकूट पहुंचे जहां उन्होंने अपना वास्तब्य किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य अजय सोनी, प्रशांत केसरी, सीताराम केसरी, भानू प्रताप सिंह, सचिन केसरवानी, राजेश केसरवानी, कराची सिंह, रवि सिंह, दिलीप शंकर लाल समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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