कासगंज23अगस्त2021*सहावर थाने पर कबरेज करते समय पत्रकार पर हुआ जान लेवा हमला।
मोबाइल छीना और गले की चैन तोड़ी।
सहावर थाने की पुलिस ने आकर पत्रकार को गुंडों से बचाया।
बाबजूद इसके पुलिस ने नहीं किया पीड़ित पत्रकार का मुकद्दमा दर्ज।
जनपद कासगंज के सहावर थाने के सामने का मामला है। जहां दो पक्षों में हो रही मारपीट की खबर कबरेज कर रहे पत्रकार पर कुछ बौखलाए गुंडों ने जान लेवा हमला कर दिया।
गुंडे पत्रकार का मोबाइल छीन ले गए और गले की चैन तोड़ ली और मारपीट करने लगे ।
अचानक थाना सहावर की पुलिस घटना स्थल पर आ गई और जैसे तैसे पत्रकार को गुंडों से बचाया।
पत्रकार ने बताया कि जिन गुंडों ने हमला किया वो पहले से ही 307 के वांछित अपराधी हैं।
पीड़ित पत्रकार विकास बाबू निवासी परतापुर थाना सहावर जनपद कासगंज स्वदेश न्यूज चैनल का पत्रकार है।
जब पीड़ित पत्रकार थाने तहरीर लेकर पहुंचा तो पुलिस ने तहरीर लेकर टालमटोल कर कहा सुबह आना।
जब पीड़ित पत्रकार सुबह थाने पहुंचा तो फटकार दिया और कहा कि कोई तहरीर नहीं है कोई मुकद्दमा नहीं लिख जाएगा।
रक्षक ही भक्षक बन जाये तो बेचारा पीड़ित कहाँ जाए । आज ये सिद्ध कर दिया पुलिस ने।
योगी सरकार में क्यों उखाड़ा जा रहा है चौथा स्तंभ।
आखिर किसके इशारे पर पुलिस काम कर रही है।किसका दवाव है पुलिस पर जो पीड़ित और पीड़ित बनाया जा रहा है और गुंडों को सह दी जा रही है।
अब देखना ये है कि योगी सरकार में गुंडों से कब तक मुक्ति मिल पाएगी इस चौथे स्तंभ को या ऐसे ही करती रहेगी पुलिस अपनी मनमानी।
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