October 14, 2024

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कानपुर नगर1अक्टूबर24*राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया।

कानपुर नगर1अक्टूबर24*राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया।

कानपुर नगर1अक्टूबर24*राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया।

कानपुर नगर से शिल्पिता चक्रवर्ती की रिपोर्ट यूपीआजतक

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में हिंदी पखवाड़ा 14 सितंबर, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक मनाया गया। इस अवधि में संस्थान में हिंदी में कामकाज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये विविध प्रतियोगिताओं यथा-सामान्य ज्ञान, हिंदी निबंध, हिंदी टंकण, टिप्पण आलेखन एवं श्रुतलेख आदि का आयोजन किया गया, जिसमें अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बड़े उत्साह से बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
संस्थान में आयोजित विविध प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल की पांच सदस्यीय टीम का गठन प्रो.सीमा परोहा, निदेशक द्वारा किया गया, जिसमें डॉ.अशोक कुमार, सहा.आचार्य कृषि रसायन-अध्यक्ष तथा श्री अखिलेश कुमार पांडेय, मुख्य अभिकल्पक, श्रीमती मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (राजभाषा), श्री दया शंकर मिश्र, आशुलिपिक ग्रेड-1 और श्री संतोष कुमार त्रिपाठी, प्रवर श्रेणी लिपिक चार सदस्य रहे। चयन समिति से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर संस्थान में वर्ष भर हिंदी में अच्छा कार्य करने हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नकद पुरस्कार से प्रोत्साहित किया गया।
अधिकारी वर्ग में हिंदी डिक्टेशन में हिंदी भाषी वर्ग से श्री वीरेन्द्र कुमार, वरि.यंत्र अभियंता व अहिंदी भाषी वर्ग से डॉ.अनंत लक्ष्मी रंगराजन, सहा.आचार्य जैव रसायन को पुरस्कृत किया गया। हिंदी टिप्पण आलेखन में श्री शैलेन्द्र कुमार त्रिवेदी, सहा.आचार्य शर्करा प्रौद्योगिकी व श्री विनय कुमार, सहा.आचार्य शर्करा अभियांत्रिकी को प्रथम, श्री महेन्द्र कुमार यादव, कनि.तकनीकी अधिकारी, डॉ.सुधांशु मोहन कनि.वैज्ञानिक अधिकारी व कर्मचारी वर्ग से श्री राजेन्द्र कुमार, कार्यालय अधीक्षक को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। पांच तृतीय पुरस्कार में श्री अंबरीष कुमार अस्थाना, कनि.तकनीकी अधिकारी, श्री आशीष कुमार शुक्ला, कनि.तकनीकी अधिकारी श्री होराम, सहा.अभियंता (विद्युत), श्री एम.पी. सिंह व श्री तेजपाल वर्मा दोनों वरि.तकनीकी सहायक को पुरस्कृत किया गया।
अधिकारियों के लिये आयोजित हिंदी श्रुतलेख प्रतियोगिता में श्री वीरेन्द्र कुमार, वरिष्ठ यंत्र अभियंता को प्रथम, श्री सुनीत कपूर, लेखा सह भंडार अधिकारी, द्वितीय तथा श्री अंबरीष कुमार अस्थाना, कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी, तृतीय पुरस्कार मिला। डॉ.अनंतलक्ष्मी रंगराजन, सहायक आचार्य जैव रसायन एवं श्री विवेक प्रताप सिंह, कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
कर्मचारियों के लिये आयोजित प्रतियोगिताओं में हिंदी निबंध में श्री अखिलेश कुमार वर्मा-प्रथम, श्री रंजन कुमार-द्वितीय तथा श्री विकास ठुकराल-तृतीय स्थान पर रहे। श्री वैभव सिंह एवं श्री शिवम कुमार को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। टिप्पण आलेखन प्रतियोगिता में श्री अचिन श्रीवास्तव-प्रथम, श्री अंकित सिंह-द्वितीय व श्री रमाकांत-तृतीय रहे। सांत्वना पुरस्कार श्री उमाशंकर एवं श्री शिवम कुमार को प्रदान किया गया। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में श्री अचिन श्रीवास्तव-प्रथम, श्री विनय कुमार गुप्ता-द्वितीय व श्री सुरेन्द्र कश्यप-तृतीय स्थान पर रहे। सांत्वना पुरस्कार श्री रमाकांत एवं श्री उदय कुमार को दिया गया। हिंदी टंकण प्रतियोगिता में श्री सुभाष पटेल-प्रथम, सुश्री रश्मि यादव-द्वितीय व श्री उमाशंकर-तृतीय रहे। सांत्वना पुरस्कार श्री अरुण कुमार एवं श्री रंजन कुमार को मिला।

विद्यार्थी वर्ग में हिंदी निबंध प्रतियोगिता में श्री तरूण कुमार-प्रथम, श्री तुषार बालियान-द्वितीय, श्री पुनीत निषाद-तृतीय स्थान पर रहे। श्री रवियांशु कुमार एवं सुश्री पलक साहू को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि ये पांचों प्रतिभागी शर्करा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम के हैं। सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में श्री गजानन श्रीवास्तव-प्रथम, सुश्री सुवर्णा साहू-द्वितीय, श्री दीपक सिंह-तृतीय रहे। ये तीनों छात्र अल्कोहल प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम के हैं। सांत्वना पुरस्कार श्री रमन अवस्थी एवं श्री शिवांशु पांडेय दोनों शर्करा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम को दिया गया। आशुभाषण में श्री तरूण कुमार-प्रथम, श्री शिवांशु पांडेय-द्वितीय, श्री रवियांशु कुमार-तृतीय तीनों शर्करा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम के व श्री अश्वनी मिश्रा-एस.बी.सी.सी. तथा श्री पुनीत निषाद-शर्करा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
विजेता प्रतिभागियों का हिंदी के प्रति रूझान देखते हुये निदेशक, प्रो.सीमा परोहा हर्ष से अभिभूत हो गईं। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्रों में ज्ञान की कमी नहीं है, उसको कलम और अभिव्यक्ति के माध्यम से हिंदी भाषा में उतारना होगा। छात्रों के रूप में जो अनगढ़े हीरे हमारे संस्थान में आये हैं उनको हमारे आचार्यगण तराशकर बेशकीमती बना देंगें, जिनकी प्रतिभा का लोहा देश एवं विदेश में स्थित शर्करा एवं संबद्ध उद्योगों के अधिकारी मानेंगें। प्रो.परोहा ने कहा कि हिंदी अब राजभाषा की सीमाओं को लाघकर विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है। इस बात को विश्व के कई मंचों से स्वीकारा भी गया है। हिंदी संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यालय में भी स्वीकार कर ली गई है। हमको अपने घर में बच्चों से हिंदी में बात करने में हीनता का बोध नहीं होना चाहिये। माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में 13-14 सितंबर, 2024 को राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित चतुर्थ अखिल भारतीय हिंदी सम्मेलन के महाकुंभ में देश के विभिन्न भागों से जुटी लगभग 12000 से अधिक हिंदी प्रेमियों की भीड़ ने यह सिद्ध कर दिया कि हिंदी में विश्व की संपर्क भाषा बनने की अद्वितीय क्षमता है।
इसके उपरांत संस्थान में निजी सचिव के पद पर कार्यरत श्री जॉन ई.कार्नेलियस को सेवानिवृत्ति के अवसर पर भावभीनी विदाई दी गई।
हिंदी पखवाड़ा समापन समारोह में लखनऊ से पधारे श्री पंकज प्रसून, कानपुर के कविता के सशक्त हस्ताक्षर श्री अंसार कंबरी व नीरू श्रीवास्तव आदि ने अपनी कविताओं के माध्यम से सभागार में उपस्थित जन समुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोग काफी देर तक काव्य सरिता में डुबकी लगाते रहे और कवियों की पंक्तियों को गुनगुनाते रहे।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने करते हुये आमंत्रित कवियों का आभार प्रकट करते हुये कहा कि आप सबकी एक साथ उपस्थिति मणि कांचन संयोग है।

तूने प्रीत ए कैसी लगाई पंक्तियां सुनाकर कवित्री नीरू श्रीवास्तव ने लोगो को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया श्रोताओं ने भी तालियां बजाकर हौसला अफजाई में कोई कसर नहीं छोड़ी
वहीं लखनऊ से आए कवि पंकज प्रसून ने,
बहुत याद आते है शर्मा तिवारी ,

कानपुर के कवि अंसार कंबारी
हिंदी मेरी जान है हिंदी मेरी शान
,अरे हिंदी भाषा बोलिए ये है हिंदुस्तान
हिंदी की है देश में अब तो ए तकलीफ जकड़ चुकी है अब आगे की जंजीर ,

कानपुर के कवि अंसार कंबारी
हिंदी मेरी जान है हिंदी मेरी शान
,अरे हिंदी भाषा बोलिए ये है हिंदुस्तान
हिंदी की है देश में अब तो ए तकलीफ जकड़ चुकी है अब आगे की जंजीर ,

कवि श्रवण कुमार ने श्रवण कुमार के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए आज के बच्चो को श्रवण जैसा बनने की पंक्तियों के द्वारा

 

( अखिलेश कुमार पाण्डेय)
मुख्य अभिकल्पक
मो. 9984364957

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