July 1, 2025

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कानपुर देहात30जून25यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कानपुर देहात की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरे..

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कानपुर देहात30जून25यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कानपुर देहात की कुछ महत्वपूर्ण ख़बरे..

*प्रभारी मंत्री ने की विकास कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा, दिये निर्देश*

*कृषि विभागान्तर्गत संचालित योजनाओं का करें व्यापक प्रचार-प्रसार।*

*जनता की समस्याओं/शिकायतों का करायें समयान्तर्गत गुणवत्तापूर्ण निस्तारण।*

 

*बैनर न्यूज़ ब्यूरो ओउम जी पाठक “अकिंचन”*

कानपुर देहात

मंत्री, मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश/जनपद प्रभारी मंत्री, डा0 संजय कुमार निषाद जी की अध्यक्षता में कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा बैठक तहसील भोगनीपुर सभागार में मा0 जिलाध्यक्ष भाजपा रेणुका सचान, पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्र, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार की उपस्थिति में समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ की गयी। बैठक मेंमंत्री जी द्वारा नगर निकाय के अधिशासी अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि नगर निकाय के अंतर्गत सभी स्थलों, सार्वजनिक शौचालय में साफ-सफाई तथा अभियान चलाकर मलिन बस्तियों में साफ सफाई कराई जाए। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को जनपद के समस्त विद्यालयों, सार्वजनिक स्थलों, तथा सड़कों के किनारे स्थित झाड़ी का कटाई कार्य सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान चलाकर समस्त सार्वजनिक शौचायलयों का संचालन सुचारु रूप से सुनिश्चित किया जाए तथा केयरटेकर की उपलब्धता को नियमित साफ सफाई भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने समस्त अधिकारियों को अपने-अपने विभाग से संबंधित योजनाओं का प्रचार प्रसार ग्रामीण क्षेत्र में कराए जाने की दृष्टिगत ग्राम पंचायत में विभागों द्वारा संचालित योजना के पोस्टर चस्पा किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होनें विद्युत विभाग को उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित संज्ञान लेकर निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाये तथा तय समय में विद्युत से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान कराया जाये।उन्होनें स्पष्ट किया कि बिना शटडाउन लिए लाइनमैन से कार्य न लिया जाए तथा मा0 जनप्रतिनिधियों को भी शटडाउन व क्षेत्र में संचालित विद्युत कार्यों का ब्यौरा व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कृषि विभाग को विभागान्तर्गत संचालित योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार कर, किसानों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि समस्त तहसील दिवस में कृषि विभाग केसीसी, फसल बीमा आदि के कैंप आयोजित करें जिससे कृषकों को सुलभता रहे। उन्होनें स्वास्थ्य विभाग को आयुष्मान भारत योजनान्तर्गत मछुआ समुदाय के लोगों को मिलने वाले लाभ के सम्बन्ध में सम्बन्धित अस्पताल के बाहर बोर्ड पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सूचना पट्ट पर पात्रता की शर्ते व योजना के बारे में अंकन किया जाये। उन्होंने पंचायतीराज विभाग को सार्वजनिक स्थलों, गॉव की साफ-सफाई कराने, एन्टीलार्वा छिड़काव कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एडीओ पंचायत नियमित मानीटरिंग करें तथा गांवों में साफ-सफाई व्यवस्था दुरूस्त रखे। उन्होंने मत्स्य विभाग व एलडीएम को अधिक से अधिक मत्स्य लाभार्थियों का क्रेडिट कार्ड बनाने व मत्स्य विभाग अन्तर्गत संचालित योजनाओं से आच्छादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को स्कूलों की नियमित निरीक्षण करने व विद्यालयों में सभी संबंधित ग्राम प्रधान से संपर्क कर विद्यालयों में ग्राम में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की संख्या शत प्रतिशत सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मंत्री जी ने कहा कि निर्माण कार्यो को समयान्तर्गत पूरा किया जाये। कार्यो में मानक, गुणवत्ता का पालन किया जाये। उन्होंने टॉस्क फोर्स बनाकर परियोजनाओं का समय-समय पर निरीक्षण कराने के भी निर्देश दिये। मंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप कानून व्यवस्था स्थापित की जाये। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि जनपद में जातीय मतभेद पैदा करने की कोशिश करने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अंत में मंत्री जी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों से समन्वय करते हुए विकास कार्यों को कराया जाए, अधिकारी नियमानुसार कार्य करें, पात्र को योजनाओं से जोड़े तथा सरकार द्वारा चलायीं जा रहीं योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाये। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश आगे बढ़ रहा है अधिकारी इसमें अपना सहयोग दें। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि मा0 मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों का समयान्तर्गत सभी अधिकारी अनुपालन सुनिश्चित करायेंगे।
इसकी पूर्व माननीय मंत्री जी द्वारा लोगों की समस्याओं को सुना गया तथा संबंधित अधिकारियों को समय से समस्याओं के निस्तारण हेतु निर्देश दिए गए। तदप्रान्त मा0 मंत्री जी द्वारा तीन मत्स्य पालक लाभार्थियों को मत्स्य जीवी सहकारी समिति देवराहट हेतु संजय कुमार , दौलतपुर हेतु कुँवरलाल निषाद व करियापुर चौरा हेतु महेंद्र सिंह निषाद को निबंधन प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। उन्होंने राजस्व विभाग के की भी समीक्षा की जिसमें तहसील दिवस में प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए कि शिकायतों का निस्तारण टीम गठित कर कराएं, तथा लेखपालों को चेतावनी भी स्पष्ट रूप में दे दी जाए कि पुनः रिपोर्ट गलत मिलने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में सीएमओ डा0 एके सिंह, डीएफओ एके द्विवेदी, परियोजना निदेशक वीरेन्द्र सिंह, उप जिलाधिकारी भोगनीपुर तथा सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *गरीब बच्चों की शिक्षा के अधिकार पर खुलेआम सरकार डाल रही है डाका*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात। भारत में प्रारंभिक शिक्षा (6-14 वर्ष) पाना सभी बच्चों का मौलिक अधिकार है। इसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कानूनी रूप से मान्यता दी गई है लेकिन सरकार गरीब बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से वंचित करने का प्रयास कर रही है। सरकार छात्र संख्या के नाम पर स्कूलों को मर्ज करके उनकी प्रारंभिक शिक्षा पर डाका डाल रही है। जिस देश में हर मोड़ पर टैक्स वसूला जाता है, जहाँ रोटी खरीदने से लेकर अंतिम सांस तक जीएसटी की जंजीरें लपेट दी गई हैं वहाँ ये कहना कि स्कूल चलाना भारी पड़ रहा है सीधा-सीधा झूठ बोला जा रहा है। सड़कों पर टोल देने के बाद भी गड्ढे जनता के हिस्से आते हैं, पेट्रोल पर टैक्स देने के बाद भी सफर महँगा होता जाता है और देश की जनता को शिक्षा के नाम पर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता। दरअसल ये कोई आर्थिक संकट नहीं है ये सुनियोजित हमला है वह भी सीधे बुद्धि पर। सरकार को पढ़ा-लिखा नागरिक नहीं चाहिए उसे ऐसा इंसान चाहिए जो मशीन की तरह टैक्स दे, टोल दे, जुर्माने दे, मगर सवाल न पूछे कि स्कूल क्यों बंद कर रहे हैं, शिक्षक भर्ती क्यों नहीं कर रहे हैं और बच्चों का भविष्य आखिर किसकी जेब में गिरवी रखने जा रहे हैं। हर चौराहे पर कैमरा लगाकर चालान वसूले जाते हैं मगर स्कूलों तक रास्तों पर ध्यान देने वाला कोई नहीं। हर बार अर्थव्यवस्था के संकट का रोना रोया जाता है लेकिन बड़े पूँजीपतियों के कर्ज माफ कर दिए जाते हैं। ऐसे में अगर स्कूल नहीं चल पा रहे तो समझ लेना चाहिए कि उन्हें अक्षर से नहीं, नागरिक चेतना से नफरत है। एक तरफ टोल टैक्स और जुर्माने का सघन जाल है जहाँ जनता का लगातार दोहन किया जा रहा है और दूसरी तरफ स्कूलों को बंद करने की बेहयाई है। ये कैसा गणराज्य है जहाँ टैक्स तो हर नागरिक से वसूला जाता है लेकिन शिक्षा उसी को दी जाती है जो किसी निजी संस्थान की महंगी फीस भर सकता है। शिक्षा को बोझ मानने वाली सत्ता दरअसल जानती है कि पढ़ा-लिखा बच्चा बड़ा होकर टोल टैक्स, अन्य टैक्स और चालान की इस पूरी व्यवस्था से सवाल करेगा इसलिए उसे शुरू में ही निरक्षर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है ताकि वह सिस्टम के हर अन्याय को अपना भाग्य मानकर झुक जाए। ये स्कूल बंद करने की नीति नहीं जनविरोधी सत्ता का असली चेहरा है। जिसे डर है कि अगर बच्चे पढ़ गए तो इनके महल कागज की तरह उड़ जाएँगे। यही कारण है कि स्कूलों के मर्जर की प्रक्रिया के कई फायदे गिनाकर उन्हें बंद किया जा रहा है ताकि जनता को पता ही न चले कि उनका भविष्य किसी बड़ी साजिश के तहत रद्दी की टोकरी में डाला जा रहा है और लोग इसे समझ नहीं पा रहे हैं। अगर ऐसे ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं होगा जब शिक्षा का अधिकार सिर्फ कहावत बनकर रह जाएगा।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *आर.टी.ई का मखौल बनाने वालों को सबक सिखाना जरूरी*

*नियम विरुद्ध तरीके से सरकार स्कूलों को कर रही है मर्ज*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात। जब शिक्षा को मौलिक अधिकार घोषित किया गया और आरटीई अधिनियम 2009 के तहत हर गांव में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय खोलने की बात की गई तब यह सिर्फ एक सांख्यिकीय लक्ष्य नहीं था बल्कि एक संवैधानिक संकल्प था हर बच्चे को समान, सुलभ और सशक्त शिक्षा का अवसर देने का लेकिन आज जब शिक्षा तंत्र की प्राथमिक जिम्मेदारी हर स्कूल में पर्याप्त शिक्षक, हर कक्षा में एक शिक्षक और शिक्षकों को शिक्षण में समर्पित रखने की होनी चाहिए थी तो हम एक चौंकाने वाले मोड़ पर आ खड़े हुए हैं। स्कूलों को मर्ज करने, पेयर करने और एकीकृत करने की प्रशासनिक कवायद चल रही है। यह फैसला दरअसल असफलताओं का एक परोक्ष स्वीकृति-पत्र है जिसे न स्वीकारा गया, न सुधारा गया। जो प्रशासन आरटीई एक्ट लागू होने के डेढ़ दशक से भी अधिक समय में हर स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नहीं दे सका, जो हर शिक्षक को चुनाव, जनगणना, राशन कार्ड, टीकाकरण, पोषण सर्वेक्षण और दर्जनों अन्य गैर-शिक्षण कार्यों से मुक्त नहीं कर सका, वह अब यह कह रहा है कि स्कूल तो बहुत हैं लेकिन शिक्षक कम हैं इसलिए स्कूलों को एकीकृत किया जा रहा है। यह किसी समस्या का समाधान नहीं बल्कि समस्या को ही बच्चों से छिपा देने की चाल है। स्कूल मर्जर का सीधा मतलब यह है कि कुछ स्कूल दिखाई’ तो देंगे लेकिन वहाँ ताले लटकेंगे और जहाँ बच्चे अभी पैदल, 500 मीटर या 1 किलोमीटर में स्कूल पहुँच पा रहे हैं अब उन्हें 3–4 किलोमीटर दूर, ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होकर एक तथाकथित बेहतर स्कूल तक जाना होगा। यह विशेषकर प्राथमिक स्तर के बच्चों और बालिकाओं के लिए गहरी चिंता की बात है। यह सुविधा नहीं, शिक्षा से विमुखता की शुरुआत है। शिक्षाशास्त्र कहता है कि विद्यालय न केवल सीखने का स्थल है बल्कि वह समाज का सबसे निकटतम विश्वास केंद्र होता है। जब बच्चे अपने गांव में स्कूल के आँगन में सीखते हैं, तो शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं रहती, वह स्थानीयता, संस्कृति, भाषा और समुदाय से जुड़कर जीवंत बनती है। मर्जर इस जुड़ाव को तोड़ देता है। हम यह क्यों नहीं पूछते कि अगर शिक्षक कम हैं तो क्यों नहीं हर गांव के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने, स्थायी नियुक्तियां देने और सेवा शर्तें बेहतर करने पर जोर दिया जाए। हम यह क्यों नहीं पूछते कि क्यों न पहले शिक्षकों को शिक्षणेत्तर कार्यों से मुक्त किया जाए ताकि वे अपने मूल कार्य पढ़ाने में पूरा समय दे सकें। सच्चाई यही है कि जो जिम्मेदार स्कूलों को शिक्षक देने में विफल रहे वही अब स्कूल ही छीनने पर आमादा हैं। यह नीति नहीं, पलायन है। यह सुधार नहीं संविधान से छल है। बच्चों से यह दूरी न सिर्फ शिक्षा को दूर करती है बल्कि लोकतंत्र से उनका पहला रिश्ता स्थानीय स्कूल भी तोड़ देती है। अब वक्त आ गया है कि समाज, अभिभावक, शिक्षक और जागरूक नागरिक इस नीति के विरोध में खड़े हों और स्पष्ट कहें। अपनी नाकामी की कीमत बच्चों की सुलभ शिक्षा से मत चुकाओ। सरकार को स्कूल बंद करने की बजाए शिक्षकों की तैनाती करनी चाहिए। इससे जहां छात्रों की संख्या बढ़ेगी वहीं स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियों को बेहतर माहौल भी मिल सकेगा।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *स्कूल मर्जर के बाद अब प्रधानाध्यापकों पर लटकी तलवार*

*आर टी ई एक्ट के तहत मानक पूर्ण न करने वाले प्रधानाध्यापक होंगे बाहर*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात। परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक बनने की इच्छा रखने वाले शिक्षकों को अब यह पद आसानी से नहीं मिल सकेगा क्योंकि इन पदों पर जो शिक्षक पहले से तैनात हैं उनकी गर्दन पर भी तलवार लटक गई है। यदि विद्यालय में छात्र संख्या आरटीई एक्ट के मानकों के अनुरूप नहीं मिली तो शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद से हाथ धोना पड़ेगा। अब शिक्षकों को पदोन्नति मिलना दूर संबंधित विद्यालय में यह पद ही समाप्त कर दिया जायेगा। जनपद में हजारों विद्यालय मर्ज हो जाएंगे जिनके भी प्रधानाध्यापक दर-दर की ठोंकरे खाने को मजबूर होंगे। जनपद में संचालित जितने भी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट स्कूल हैं उनमें से बमुश्किल 10 प्रतिशत ऐसे विद्यालय होंगे जिसमें छात्र संख्या 100 या 150 होगी और यह विद्यालय कस्बों और नगर क्षेत्र से जुड़े हैं जबकि इंटीरियर क्षेत्रों में किसी-किसी विद्यालय में तो 10 से 15 छात्र तक पंजीकृत नहीं हैं। ऐसे में शासन का यह फरमान है कि जिन प्राइमरी विद्यालयों में छात्र संख्या 150 होगी और जिन जूनियर अथवा कंपोजिट स्कूलों में 100 छात्र संख्या होगी केवल उन्हीं स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद सुरक्षित रह सकेंगे अन्यथा की स्थिति में यह पद ही समाप्त कर दिया जायेगा। कहा तो यह भी जा रहा है यह प्रक्रिया अगले सत्र में लागू हो जायेगी। इस सत्र में सरप्लस प्रधानाध्यापकों को स्वेच्छा से जनपद के अंदर अपना तबादला करवाने के लिए एक मौका दिया गया है इसके बाद प्रधानाध्यापकों की जहां आवश्यकता होगी वहां उन्हें जबरन भेजा जाएगा। यदि इस नए फरमान पर रोक नहीं लगी तो इस बार निश्चित ही प्रधानाध्यापक बनने की लाइन में लगे शिक्षकों को भी मन मसोसना पड़ सकता है क्योंकि स्कूल मर्जर प्रक्रिया से पहले से ही हजारों प्रधानाध्यापक प्रतीक्षा सूची में आ गए हैं। विभाग द्वारा जारी सरप्लस प्रधानाध्यापकों की सूची ने भी तहलका मचा रखा है अब इन्हें अपनी नौकरी बचाने के भी लाले पड़े हैं।
सरकार का फैसला गलत-
कुछ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह सरकार का गलत फैसला है। एक ओर बीएसए दफ्तर से अंधाधुंध मान्यताएं दी जाती हैं जिससे अधिकतर बच्चे वहीं पढ़ने जाते हैं। दूसरी ओर सरकार जनसंख्या वृद्धि रोकने की बात करती है। ऐसे में कहां से इतने बच्चे भविष्य में हो सकेंगे। दिन प्रतिदिन स्कूलों में छात्र संख्या और कम होगी। सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से एक प्रधानाध्यापक की तैनाती होनी चाहिए।
अभी शासनादेश स्पष्ट नहीं-
बीएसए अजय कुमार मिश्रा का कहना है कि अभी शासनादेश में कुछ भी स्पष्ट नहीं है, आरटीई एक्ट के तहत प्रधानाध्यापकों और सहायक अध्यापकों को सरप्लस सूची में डाला गया है उसी के अनुसार स्वेच्छा से जनपद के अंदर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। जैसे ही स्पष्ट स्थिति वाला शासनादेश प्राप्त होगा वह उसी के अनुरूप कार्यवाही करेंगे।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *क्या?मामा कहलवाने के लिए ही बना है राइट टू एजुकेशन*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात। जब 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू हुआ, तब उसके क्रियान्वयन की आधारभूमि तैयार करने में अनेक गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) की भूमिका उल्लेखनीय थी। बाल अधिकार, समावेशी शिक्षा, शत-प्रतिशत नामांकन, समुदाय आधारित निगरानी इन सब पहलुओं को लेकर इन संगठनों ने सरकार पर दबाव बनाया, शोध प्रस्तुत किए और नीतिगत बदलावों की मांग की लेकिन आज जब उसी आरटीई की मूल भावना के विरुद्ध उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में पेयरिंग, मर्जर और स्कूल विलय के नाम पर स्कूलों को पुनर्गठित करने की प्रक्रिया जोर पकड़ रही है तो इन संगठनों की चुप्पी गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या इन एनजीओ ने मामा कहलवाने के लिए ही राइट टू एजुकेशन नियम को लागू करने के लिए प्रस्तावना प्रेषित की थी। शिक्षाशास्त्रीय दृष्टि से गांव का स्कूल केवल एक भवन या प्रशासनिक इकाई नहीं होता वह ग्रामीण समाज की साक्षरता, चेतना और सामाजिक गतिशीलता का केंद्र होता है। ऐसे में स्कूल को भौगोलिक या संख्यात्मक औचित्य के आधार पर बंद या विलीन करना आरटीई के उस उद्देश्य के विरुद्ध जाता है जो कहता है कि हर बच्चे को निकटतम और सुविधाजनक विद्यालय मिलना चाहिए। यह अपेक्षा की जाती थी कि वही संस्थाएं जो कभी आरटीई के पक्ष में सड़क से संसद तक सक्रिय थीं वे आज इन निर्णयों की आलोचनात्मक समीक्षा करेंगी, बाल हित में सरकार से बात करेंगी और जरूरत पड़ने पर चेतावनी देंगी लेकिन आज वे लगभग मौन हैं। क्या यह मौन केवल परिस्थितिजन्य है या यह दर्शाता है कि बहुत-सी स्वयंसेवी संस्थाएं अब शिक्षा को बाल अधिकार से अधिक प्रोजेक्ट और पार्टनरशिप के चश्मे से देखने लगी हैं? क्या अब शिक्षा सुधार का मतलब केवल डेटा बेस्ड एविडेंस और पॉलिसी ब्रीफ बन गया है, जिनका उद्देश्य नीति नियंताओं को सहूलियत देना भर है?
एक शिक्षाशास्त्रीय समाज में यदि आलोचना, संवाद और प्रतिप्रश्न गायब हो जाएं तो नीति निर्माण एकांगी हो जाता है। यदि शिक्षा / शिक्षकों के तथाकथित हितैषी संगठन आज चुप रहेंगे, तो कल जब कुछ गांवों से स्कूल गायब हो जाएंगे तो फिर उनका डेटा, शोध और अनुभव केवल एक निष्क्रिय प्रलेख बनकर रह जाएगा। अब समय है कि ये संस्थाएं पुनः अपने बुनियादी दायित्व की ओर लौटें बच्चों के लिए बोलें न कि केवल परियोजनाओं के अनुरूप मौन रहें। अब समय आ गया है जब वे अपने मामा रूपी रिश्ते को निभाएं और स्कूलों को मर्जर होने से बचाएं।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *मंत्री जी ने सिकंदरा, नगर पंचायत में संचालित पाइप पेयजल योजना के अंतर्गत नवनिर्माणाधीन पानी की टंकी के निर्माण कार्य का किया औचक निरीक्षण ।*

*मंत्री जी ने कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण कराने के दिए निर्देश*

*मंत्री जी ने सिकंदरा सभागार कक्ष में जनता दर्शन कर लोगों की सुनीं समस्यायें व उनके गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु दिये निर्देश*

 

*बैनर न्यूज़ ब्यूरो ओउम जी पाठक “अकिंचन”*

कानपुर देहात

मत्स्य/ प्रभारी मंत्री डॉ० संजय कुमार निषाद ने आज सिकंदरा, नगर पंचायत में संचालित पाइप पेयजल योजना के अंतर्गत नवनिर्माणाधीन पानी की टंकी के निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मा० मंत्री जी ने कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्था को दिए। उन्होंने विशेष रूप से पाइप लाइन में लीकेज की समस्या को शून्य करने पर बल देते हुए कहा कि निर्माण कार्य में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाए। इस संबंध में जल निगम की कार्यदायी संस्था द्वारा इलेक्ट्रो फ्यूजन विधि से पाइप जोड़ने की प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण किया गया। संस्था ने जानकारी दी कि यह तकनीक पाइप में लीकेज की संभावना को न्यूनतम करने में सहायक है और इसे कार्य में लागू किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था ने अवगत कराया कि कार्य तेजी से प्रगति पर है एवं एच0डी0डी0 पाइप के माध्यम से सभी घरों में पेयजल कनेक्शन दिए जा रहे हैं। यह योजना जुलाई 2025 के अंत तक पूर्ण कर ली जाएगी। कार्य पूर्ण होने के पश्चात समस्त फिटिंग की परीक्षण प्रक्रिया (टेस्टिंग) भी सुनिश्चित की जाएगी।
मंत्री जी ने कार्यस्थल पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आमजन को सुगम व स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कार्य को पूर्ण गुणवत्ता के साथ समयबद्ध ढंग से निष्पादित किया जाए।
तदोपरान्त मंत्री जी द्वारा तहसील सिकंदरा सभागार कक्ष में जनता दर्शन कर उनकी समस्यायें सुनीं व उनके गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्र, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एके सिंह, संबंधित संस्था के अधिकारी गण आदि उपस्थित रहे
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *मंत्री, मत्स्य विभाग,/ जनपद प्रभारी मंत्री ने किया जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर का औचक निरीक्षण।*

*अस्पताल में साफ सफाई, चिकित्सकों के समय से उपस्थित व मरीजों को अस्पताल से दवा उपलब्ध कराने हेतु दिये निर्देश*

* *मंत्री जी ने मेडिकल कॉलेज कानपुर देहात के जनरल वार्ड में उपस्थित मरीजों से मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में ली जानकारी*

*मंत्री जी ने पुलिस लाइन में नव निर्मित हॉस्टल बैरक एवं विवेचना कक्ष में प्रशिक्षु महिला कांस्टेबल व पुरुष कॉन्स्टेबल से भी वार्ता कर की हौसलाफजाई, कहा कि “आज की मेहनत और पसीना, कल की सुरक्षा है।”*

 

*बैनर न्यूज़ ब्यूरो ओउम जी पाठक “अकिंचन”*

कानपुर देहात दिनांक 29 जून 2025

मा० मत्स्य/ प्रभारी मंत्री डॉ० संजय कुमार निषाद द्वारा आज जिला अस्पताल, स्थित ट्रॉमा सेंटर का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था में गंभीर कमियाँ पाई गईं। मौके पर ट्रॉमा प्रभारी अनुपस्थित पाए गए। निरीक्षण में मात्र आउटसोर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी पाई गई, जबकि नियमित चिकित्सक अनुपस्थित थे। इस पर मा० मंत्री जी ने गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया कि रोस्टर के अनुसार चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। साथ ही जो कर्मचारी इस दिन अनुपस्थित पाए गए, उनके एक माह के वेतन रोके जाने के निर्देश भी दिए गए। निरीक्षण के दौरान ट्रॉमा सेंटर परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था अत्यंत अव्यवस्थित एवं असंतोषजनक पाई गई। इस पर मंत्री जी ने कड़ी नाराजगी जताई और संबंधित सफाई एजेंसी तथा प्रभारी अधिकारियों को चेतावनी दी कि स्वच्छता मानकों में तत्काल सुधार लाया जाए तथा इसकी नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त, मौके पर उपस्थिति पंजिका भी उपलब्ध नहीं कराई गई तथा रोस्टर के अनुसार चिकित्सकों की उपस्थिति के भी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये गए। उन्होंने निर्देश दिए कि उपस्थिति पंजिका की नियमित प्रविष्टि सुनिश्चित की जाए तथा सभी प्रकार की अनियमितताओं को समयबद्ध रूप से दूर किया जाए।
मा० मंत्री जी ने स्पष्ट किया कि शासन द्वारा चिकित्सा सेवाओं एवं स्वच्छता व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भविष्य में ऐसी स्थिति पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने जिला अस्पताल के बाहर नेडा विभाग द्वारा बनाये गए सामुदायिक शौचालय एवं स्नानागार बायोगैस संयंत्र की जर्जर अवस्था को देख कर आपत्ति जताई तथा इसको शीघ्र दुरुस्त कराए जाने के निर्देश दिए।
तत्पश्चात उन्होंने मेडिकल कालेज का भी औचक निरीक्षण किया जिसमें उन्होंने जनरल वार्ड में उपस्थित मरीजों से मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी ली, जिसमें मरीजों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं की स्थिति सही बताई। इसके पश्चात मा0 मंत्री जी द्वारा पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्र के साथ पुलिस लाइन में नव निर्मित हॉस्टल बैरक एवं विवेचना कक्ष में प्रशिक्षु महिला कांस्टेबल व पुरुष कॉन्स्टेबल से भी वार्ता कर हौसलाफजाई करते हुए कहा कि “आज की मेहनत और पसीना, कल की सुरक्षा है।”
इस मौके पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक राजेश पाण्डेय,, सीएमएस वंदना सिंह, तहसीलदार अकबरपुर आदि उपस्थित रहे।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *रविवार को आयोजित प्रोजेक्ट नई किरण में पांच मामलों का हुआ निस्तारण*

 

*प्रोजेक्ट नई किरण का प्रत्येक सप्ताह रविवार को पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्रा की अध्यक्षता में पुलिस लाइन के सभागार में संपन्न होता है आयोजन*

*प्रोजेक्ट नई किरण के माध्यम से बिखरे हुए परिवारों को एक सूत्र में बांधने का किया जाता है प्रयास*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

 

कानपुर देहात… रविवार को स्थानीय पुलिस लाइन स्थित सभागार कक्ष में प्रोजेक्ट नई किरण की शुरुआत पुलिस अधीक्षक अरविन्द मिश्र की अध्यक्षता में की गई। नई किरण में 45 मामले आये, जिनमें नई किरण के सभी सदस्यों द्वारा समझाने के बाद *05 परिवारों* में आपसी सहमति के आधार पर समझौता कराया गया। पति-पत्नी खुशी-खुशी साथ रहने को तैयार हो गये, शेष प्रार्थना पत्रों में आगे की तिथि दी गयी। प्रोजेक्ट नई किरण के तहत बिखरे परिवारों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास है।
इस कार्यक्रम में महिला थानाध्यक्ष श्रीमती सुषमा, म0हे0का0 305 राममूर्ति, म0का0, हे0कां0 605 रजनीश कुमार, म0का0 1170 मीनाक्षी, म0का0 1259 रंजना सोनकर, म0का0 1282 आरती, म0हे0का0 111 ज्योति शिखा (महिला सहायता प्रकोष्ठ) तथा नई किरण प्रोजेक्ट के सदस्यगण रामप्रकाश व श्रीमती कंजन मिश्रा आदि मौजूद रहे तथा सबका विशेष सहयोग रहा ।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *विद्यालय मर्जर के विरोध में शिक्षक हुए लामबंद, हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की हुई तैयारी*

 

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों के मर्जर (विलय) को लेकर शिक्षा विभाग के खिलाफ अब खुद शिक्षक ही मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं। विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में स्कूल मर्जर की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। पूरे प्रदेश में करीब 27000 स्कूलों के मर्ज होने का अनुमान लगाया जा रहा है। सरकार के इस फैसले को न्यायालय में चुनौती देने की तैयारी कर ली गई है। शिक्षकों द्वारा 30 जून यानी आज इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा रही है। शिक्षा विभाग का तर्क है कि जिन विद्यालयों में छात्र संख्या 50 से कम है उन्हें आसपास के विद्यालयों में मर्ज कर दिया जाएगा ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके लेकिन शिक्षक और अभिभावक इस फैसले से असहमत हैं। उनका कहना है कि एक-दूसरे के विद्यालयों की दूरी अधिक होने के कारण छोटे बच्चों को आने-जाने में कठिनाई होगी जिससे न केवल बच्चों की उपस्थिति पर असर पड़ेगा बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी और बच्चे शिक्षा से भी वंचित होंगे। जानकारी के अनुसार शिक्षक हिमांशू राणा 30 जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। उन्होंने बताया कि यह फैसला न केवल शिक्षकों और छात्रों के हितों के खिलाफ है बल्कि ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को भी कमजोर करेगा। उनका कहना है कि जब तक इस व्यवस्था पर पुनर्विचार नहीं होता तब तक वे विरोध जारी रखेंगे। अब देखना यह होगा कि हाईकोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाता है और क्या मर्जर नीति पर रोक लगाई जा सकेगी या सरकार अपने मंसूबे में कामयाब हो जाएगी।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *रनिया पुलिस ने पांच आरोपियों को चोरी के माल के साथ गिरफ्तार करके चोरी की घटना का किया सफल अनावरण*

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात…थाना रनियाँ पर पंजीकृत मु0अ0सं0 112/25 धारा 305/317(2) बीएनएस का अनावरण करते हुये रनिया पुलिस ने 05 नफर अभियुक्तगणो को चोरी किये गये माल के साथ गिरफ्तार कर लिया…
मालूम हो कि अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर जोन, कानपुर, आलोक सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक कानपुर रेन्ज, कानपुर, हरीश चन्दर के कुशल मार्गदर्शन में व पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात अरविन्द मिश्र के निर्देशन में जनपद कानपुर देहात में अपराध नियन्त्रण व चोरी की घटनाओं की रोकथाम/खुलासे हेतु चलाये जा रहे विशेष अभियान के क्रम में, दिनांक 17.06.2025 को थाना रनियाँ में पंजीकृत मु0अ0सं0 112/2025 धारा 305/317(2) बीएनएस बनाम 03 नफर नामजद अभियुक्तगण के पंजीकृत किया गया था। मुकदमा उपरोक्त में थाना रनियाँ पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए वांछित अभियुक्तगणो मे राकेश कटियार पुत्र स्व0 कुंजीलाल कटियार निवासी म0नं0 6/67 पनकी पावर हाउस कालोनी थाना पनकी जनपद कानपुर नगर व संजीत कुमार कश्यप पुत्र स्व0 वन्शरोपन प्रसाद निवासी 193 बी ब्लॉक पनकी थाना पनकी जनपद कानपुर नगर को मुखबिर खास की सूचना पर थाना रनियाँ क्षेत्रांतर्गत राजेन्द्रा पुल से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारशुदा अभियुक्तों की निशानदेही पर प्रकाश में आये 03 नफर अभियुक्तगणो मे विनोद कुमार पाण्डेय पुत्र राज नरायण पाण्डेय निवासी 163 जी ब्लॉक गंगागंज पनकी थाना पनकी कानपुर नगर, रोहित शर्मा पुत्र उर्फ रंजीत शर्मा पुत्र श्री रामकुमार शर्मा निवासी ग्राम भिटौली पो0 मोहम्मदीपुर थाना मोरावा जनपद उन्नाव हाल पता A 2/13 अरावली भवन थाना पनकी जनपद कानपुर नगर व रामनरेश कटियार पुत्र स्व0 जगत नरायण कटियार निवासी बारा सिरोही थाना आईआईटी कल्याणपुर जनपद कानपुर नगर को दिनांक 29.06.2025 को समय करीब 12.30 बजे थाना रनियाँ क्षेत्रांतर्गत जिओ पेट्रोल पम्प के सामने एनएच 19 रोड से नीचे खाली पड़े खेत से चोरी के माल के साथ रनिया पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तारशुदा अभियुक्तगण को माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। पुलिस ने बताया है कि गिरफ्तार अभियुक्त गणों के कब्जे से20 कमानी सेट लोहा YORK कम्पनी की, 04 टायर नये मय रिम CEAT कम्पनी के 02 बैलडिंग मशीन एवं उनके उपकरण बरामद किए गए हैं
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *पुलिस परिवार के बच्चों की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से एक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं योगाभ्यास कार्यक्रम का संपन्न हुआ आयोजन*

 

*इस आयोजन में वामा सारथी की अध्यक्षा डॉक्टर मेनका मिश्रा ने अपने श्रीमुख से भजन का गायन करके संस्कार शाला द्वारा बच्चों में नैतिक शिक्षा के संदर्भ में शुरू किए गए कार्य की हुई सराहना*

*इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्रा, के अलावा अन्य गणमान्य विभूतियां रही मौजूद*

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

कानपुर देहात.. रविवार को जनपद कानपुर देहात की वामा सारथी अध्यक्षा डॉ मेनका मिश्रा के तत्वाधान में रिजर्व पुलिस लाइन हॉल में पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात अरविन्द मिश्र की गरिमामयी उपस्थिति में पुलिस परिवार के बच्चों की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से एक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं योगाभ्यास का आयोजन कराया गया।
इस कार्यक्रम में पुलिस परिवार के बच्चों एवं विशाल संकल्प संस्था द्वारा संचालित संस्कारशाला के बच्चों द्वारा प्रतिभाग कर भारतीय संस्कृति एवं योगाभ्यास को अपने नित्य जीवन में ढालने का संकल्प लिया गया।
संस्कारशाला के बच्चों ने श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया एवं मंत्र उच्चारित करते हुए सूर्य नमस्कार का अभ्यास किया। डॉ मेनका मिश्रा ने अपने श्रीमुख से भजन का गायन कर संस्कारशाला द्वारा बच्चों में नैतिक शिक्षा के सन्दर्भ में जो कार्य शुरू किया गया है, बहुत ही सराहनीय बताया।
इस अवसर पर सेवानिवृत प्रधानाचार्या श्रीमती ऊषा केसरी व विशाल संकल्प संस्था की संचालिका डॉ अंजलि केसरी के साथ अन्य गणमान्य विभूतियॉ उपस्थित रही।
[6/30, 6:06 AM] pathakomji8: *वर्ष 2021 में तत्कालीन प्रोग्राम प्रबंधक, के आर .एम बनते ही अपने लक्ष्य से भटकनी शुरू हो गई थी एंबुलेंस सेवा*

 

*जनपद फतेहपुर से वर्ष 2019 में यहां 108 102 एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक के पद पर स्थानांतरित होकर के आए अमित मिश्रा ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ कड़ी मेहनत करके उपरोक्त एंबुलेंस सेवा को आम जनमानस के बीच सिद्ध कर दिया था जीवनदयिनी एंबुलेंस सेवा*

*वर्तमान समय में भी उपरोक्त एंबुलेंस सेवा अपने लक्ष्य से भटकी, स्थानीय जिम्मेदार अपने अपने वर्चस्व के लिए आंतरिक रूप से गुटबाजी में उलझे*

बैनर न्यूज़ ब्यूरो

 

कानपुर देहात,,, वर्ष 2021 में प्रोन्नति होने के कारण जनपद कानपुर देहात से 102 /108 एंबुलेंस सेवा के तत्कालीन प्रोग्राम प्रबंधक अमित कुमार मिश्रा के जनपद से जाने के बाद जनपद में संचालित उपरोक्त एंबुलेंस सेवा की संचालन व्यवस्था में ग्रहण लग गया…. वर्ष 2019 में फतेहपुर जनपद से स्थानांतरित होकर जनपद कानपुर देहात की उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक के पद का दायित्व संभालने के बाद अपने बेहतरीन अनुभवों के बल पर अमित मिश्रा ने कड़ा परिश्रम करके एवं अपनी बेहतरीन टीम तैयार करने के बाद उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का संचालन शासन के मंशा के अनुरूप कराना शुरू कर दिया और इस दौरान वास्तव में हर जरूरतमंद व्यक्ति को उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का समय से लाभ मिला,,,, उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के तत्कालीन प्रोग्राम प्रबंधक अमित कुमारमिश्रा के नेतृत्व में एवं तत्कालीन एमरजैंसी मैनेजमेंट एजुकेटिव आदित्य सक्सेना, राहुल यादव एवं अभिषेक तिवारी के द्वारा कड़ा परिश्रम करके जनपद के प्रत्येक लोकेशनों पर मौजूद रहने वाले एंबुलेंस वाहनो के चालको एवं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियनों को सेवा ही धर्म का पाठ पढ़ाकर उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन की गुणवत्ता में सुघार ही नहीं किया बल्कि उपरोक्त एंबुलेंस सेवा कोविड काल के दौरान जनपद वासियों के लिए वरदान सिद्ध हुई और इस दौरान हर जनपद वासी उपरोक्त एंबुलेंस सेवा को जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा जैसे शब्दों से संबोधित करने के लिए मजबूर हो गया,,, वहीं बीते वर्षों पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास कानपुर झांसी रेलवे मार्ग पर हुए ट्रेन हादसे के दौरान भी उपरोक्त एंबुलेंस सेवा ट्रेन हादसे में शिकार मुसाफिरों के लिए भी जीवन दायिनी सिद्ध हुई,,, वर्ष 2021 में उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के तत्कालीन प्रोग्राम प्रबंधक कानपुर देहात अमित कुमार मिश्रा की बेहतरीन सेवाओं से प्रसन्न उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जीवीके कंपनी के द्वारा आर,एम पद पर प्रमोशन करके उन्हें शाहजहांपुर जनपद में नियुक्ति दे दी गई,,, इसके बाद से जनपद कानपुर देहात की उपरोक्त एंबुलेंस सेवा को पूरी तरीके से अव्यवस्थाओं का ग्रहण लग गया और उपरोक्त एंबुलेंस सेवा अपने लक्ष्य से भटक गई,,,, मालूम हो कि वर्ष 2019 में उक्त एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जीवीके कंपनी के द्वारा सीतापुर जनपद के मूल निवासी स्वभाव से मृदभाषी अमित कुमार मिश्रा को फतेहपुर जनपद से स्थानांतरित करके उक्त एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक कानपुर देहात की पद का दायित्व दिया गया था उपरोक्त पद का दायित्व संभालने के बाद अमित कुमार मिश्रा ने अपने पुराने अनुभवों के बलबूते पर सबसे पहले अपने टीम के सदस्यों में एंबुलेंस वाहनों की चालकों एवं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियनो को सेवा को ही धर्म का पाठ पढ़ा करके उन्हें उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया एवं स्वयं श्री मिश्र ने उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का शासन की मनसा के अनुरूप संचालन करने के लिए जिला अस्पताल परिसर में खड़ी एक जामुन के पेड़ के नीचे अपना कार्यालय बनाया,,, और स्वयं एंबुलेंस कर्मियों के साथ मैदान में रहकर उनका हौसला बढ़ाकर उपरोक्त एंबुलेंस सेवा की गुणवत्ता को बेहतरीन बनाकर जनपद वासियों को आपातकालीन स्थिति में उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का लाभ दिलाया श्री मिश्र एवं उनके टीम के सदस्यों की कड़ी मेहनत जनपद में कोविडकाल के दौरान जनपद वासियों के लिए वरदान सिद्ध हुई और इस आपात स्थिति में यह एंबुलेंस सेवा जनपद वासियों के लिए जीवन दायिनी सिद्ध हुई,,, वर्ष 2021 में श्री मिश्रा का एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जीवीके कंपनी के द्वारा रीजनल मैनेजर के पद पर प्रमोशन कर दिया गया और उन्हें जनपद कानपुर देहात से शाहजहांपुर जनपद के लिए भेज दिया गया 2021 में श्री मिश्र के जनपद से जाने के बाद वहीं उनके टीम के सदस्यों में आदित्य सक्सेना एवं राहुल यादव के भी यहां से जाने के बाद जनपद कानपुर देहात की उपरोक्त एंबुलेंस सेवा अपने लक्ष्य से भटक गई और अव्यवस्थाओं का शिकार हो गई,,,, वहीं श्री मिश्र के स्थानांतरण के बाद उनके द्वारा तैयार की गई टीम के सदस्यों का भी मनोबल टूट गया,,, हालांकि जीवीके कंपनी के द्वारा श्री मिश्रा के प्रमोशन होने के कारण रिक्त हुए प्रोग्राम प्रबंधक के पद पर नियुक्ति की गई लेकिन वर्ष 2021 में कंपनी द्वारा भेजे गए प्रोग्राम प्रबंधक ने अपने पद के दायित्व के प्रति पूरी लापरवाही की जिसके फल स्वरुप उपरोक्त एंबुलेंस सेवा पूरी तरीके से अव्यवस्थित होने की स्थिति में आ गई,,, तत्पश्चाप जीवीके कंपनी को श्री मिश्र के स्थान पर भेजे गए प्रोग्राम प्रबंधक ने अपने पद से त्यागपत्र सौंप दिया तत्पश्चात उपरोक्त का प्रभार एमरजैंसी मैनेजमेंट एजुकेटिव अभिषेक तिवारी ने संभाला, श्री तिवारी ने भी अपने पुराने अनुभवों एवं अपनी मजबूत टीम के सहयोग से बलबूते पर उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का संचालन का कार्य देखना शुरू किया तथा इस दौरान उन्होंने अव्यवस्थित होती जा रही उपरोक्त एंबुलेंस सेवा की व्यवस्थाओं को सुधारने के प्रयास शुरू किये,,, लेकिन वह अकेले होने के कारण अपने लक्ष्य पर सफल नहीं हो सके,,, वर्तमान समय में जनपद की उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक का दायित्व जनपद इटावा के भरथना कस्बा निवासी सुनील कुमार यादव निभा रहे हैं… हालांकि वर्तमान प्रोग्राम प्रबंधक उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन में पूरी तरीके से हावी अव्यवस्थाओं को व्यवस्थाओं में तब्दील करने के प्रयास करने में जुटे हैं लेकिन प्रोग्राम प्रबंधक के तमाम प्रयासों के बाद भी उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है,,, वही उपरोक्त संबंध में स्थानीय लोगों ने भी उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक के पद का वर्ष 2019 से 2021 तक जिम्मेदारी निभाने वाले अमित कुमार मिश्रा की बेहतरीन कार्य प्रणाली की प्रशंसाकरते हुएकथन किया है कि श्री मिश्र निरंतर आम जनमानस के करीब रहते थे और उन्होंनेजिला अस्पताल परिसर में खड़े हुए जामुन के पेड़ के नीचे अपना कार्यालय बना रखा था तथा जिला अस्पताल के वार्डों में घूम कर वह मरीजों तथा तीमारदारों को उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का लाभ लेने के लिए प्रेरित करते रहते थे,,,, श्री मिश्र का सूचना तंत्र इतना मजबूत था कि किसी भी एंबुलेंस कर्मी के द्वारा कहीं भी की गई कोई छोटी से छोटी गलती की भी जानकारी उनके पास आ जाती थी और वह उसे बड़ी ही शालीनता की भाषा में समझ कर उससे दोबारा गलती न करने की हिदायत देकर अपने पद के कर्तव्यों के प्रति पूरी सजगता से काम करने की शपथ दिला देते थे,,,, श्री मिश्र को अपनी टीम के सदस्यों से काम लेने का एक अच्छा तजुर्बा था वह कभी अपने कर्मचारियों को गुस्से में नहीं डांटते बल्कि उसे मुस्कुरा करके इतना शर्मिंदा कर देते थे कि वह दोबारा गलती करने के लिए सोचता था,,,, स्थानीय लोगों ने आगे कथन किया है कि जनपद कानपुर देहात से अमित मिश्रा के जाने के बाद से उपरोक्त एंबुलेंस सेवा की गुणवत्ता दिनों दिन खराब होती चली गई और उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संचालन के प्रबंधन एवं रखरखाव की व्यवस्था दिनों दिन चौपट होती चली गई वर्तमान समय में जनपद कानपुर देहात में उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का संचालन का कार्य देखने के लिए भेजे गए जिम्मेदारों के बीचआंतरिक गुटबाजी पूरी तरीके से हावी होने के कारण यहां की एंबुलेंस संचालन व्यवस्था प्रभावित है जबकि शासन के द्वारा उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का संचालन करने के लिए प्रतिमाह करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं,,, वहीं स्थानीय लोगों ने यह भी कथन किया है कि उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संबंध में आम जनमानस के बीच पर्याप्त प्रचार प्रसार न किए जाने के कारण आज भी जनपद के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों में से कुछ लोग उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के बारे में पूरी तरीके से अनजान है जो अज्ञानता के चलते आपातकालीन स्थिति में उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं,,, स्थानीय लोगों ने उपरोक्त संबंध में जनपद कानपुर देहात के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार सिंह से जनहित में जनपद के ग्रामीण अंचलों में स्थित गांवों में रहने वाले लोगों के बीच एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम प्रबंधक एवं एमरजैंसी मैनेजमेंट एजुकेशन स्तर के अधिकारियों के द्वारा चौपाल लगाकर आम जनमानस के बीच उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के माध्यम से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में प्रचार प्रसार कराए जाने का आग्रह करते हुए कहा है कि जब जनपद के सभी ग्रामीणों को उपरोक्त एंबुलेंस सेवा के संबंध में जानकारी होगी तभी जनपद का हर नागरिक आपातकालीन स्थिति में उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का लाभ ले सकेगा और शासन के द्वारा संचालित की जा रही उपरोक्त एंबुलेंस सेवा का लक्ष्य वास्तव में सार्थक सिद्ध होगा,,,,

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