October 17, 2025

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औरैया 23 अक्टूबर *यमुना तट पर यमुना मैया की आरती के उपरांत हुआ दीपोत्सव कार्यक्रम*

औरैया 23 अक्टूबर *यमुना तट पर यमुना मैया की आरती के उपरांत हुआ दीपोत्सव कार्यक्रम*

औरैया 23 अक्टूबर *यमुना तट पर यमुना मैया की आरती के उपरांत हुआ दीपोत्सव कार्यक्रम।

*औरैया।* एक विचित्र पहल सेवा समिति रजि. औरैया द्वारा दीपावली (प्रकाश पर्व) के पावन अवसर पर आज दिनांक 23 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को सायं 5 बजे यमुना तट पर स्थित अंत्येष्टि स्थलों पर दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसके अंतर्गत समिति के सदस्यों द्वारा अपने परिवार के अमन चैन व सुख-समृद्धि के लिए करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र परम तेजस्वी सूर्यपुत्री यमुना मैया की पूजा-अर्चना के उपरांत आरती तथा अपनी धार्मिक आस्था व श्रद्धा का एक-एक दीपक प्रज्वलित कर यमुना मैया के चरणों में समर्पित किया।
समिति के संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट ने कहा कि लोग दीपावली पर अपने-अपने घरों को रोशनी के दियों से रोशन कर खुशी का उत्सव मना रहे हैं, जबकि समिति के सदस्यों द्वारा सत्य के अनूठे पावन स्थल को अपनी आस्था के दीपों द्वारा प्रकाश मय किया गया, उसके उपरांत यमुना तट पर स्थित अंत्येष्टि स्थलों की प्रतिदिन सफाई करने वाले सफाई कर्मी रज्जन बाल्मीकि को दीपावली के पावन अवसर पर अंग वस्त्र, मिष्ठान व धनराशि भेंट की गई। दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रमुख रुप से सभासद छैया त्रिपाठी, ज्ञान सक्सेना, विनोद यादव (कल्लू), भीमसेन सक्सेना, सतीश पोरवाल, देवेंद्र गुप्ता, अरविंद यादव, देवाशीष नायक, शिवम सक्सेना, वैभव मिश्रा, जलज भार्गव, श्याम जी सेंगर, विपुल राय सक्सेना, भूप सिंह आदि सदस्य मौजूद रहे।
*पटाखों से करें तौबा* एक विचित्र पहल सेवा समिति, औरैया के संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि पराली व पटाखों का धुआं पर्यावरण को बराबर नुकसान पहुंचा रहा है, दीपावली आदि खुशी के अवसरों पर चंद्र सेकंडो में तेज रोशनी व धमाकों के साथ चलाई जाने वाली आतिशबाजी से निकलने वाले जहरीले धुएं में मौजूद खतरनाक रसायनिक तत्व पर्यावरण प्रदूषित कर मानव शरीर को नुकसान पहुंचा रहे हैं, धुएं में मौजूद कैडमियम फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा को कम करता है, जबकि सल्फर, कॉपर, बेरियम, लेड, अल्मुनियम व कार्बन डाइऑक्साइड आदि सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं, कोरोना काल में प्रदूषित वातावरण ने सांस की तकलीफ वालों को ज्यादा प्रभावित किया था, इसलिए पटाखों का धुआं स्वसन तंत्र को संक्रमित कर बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है, पर्यावरण प्रदूषण के चलते उन्होंने लोगों से जनहित में पटाखे न चलाने की अपील की हैं।