July 27, 2024

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अनूपपुर07जून24*जल का संरक्षण एवं संवर्धन कर भावी पीढ़ी को दे विशेष उपहार- दिलीप जायसवाल (कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री)*

अनूपपुर07जून24*जल का संरक्षण एवं संवर्धन कर भावी पीढ़ी को दे विशेष उपहार- दिलीप जायसवाल (कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री)*

अनूपपुर07जून24*जल का संरक्षण एवं संवर्धन कर भावी पीढ़ी को दे विशेष उपहार- दिलीप जायसवाल (कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री)*

*पेड़ और मनुष्य एक दूसरे के पूरक- मंत्री दिलीप जायसवाल*

*जल-स्त्रोतों के आस-पास पौधो का किया जाएं रोपण- कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री*

*कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री ने कोतमा में “जल-गंगा संवर्धन” अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम को किया संबोधित*

*अनुपपुर( ब्यूरो राजेश शिवहरे)7 जून 2024-* मध्यप्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा है कि जल, पृथ्वी, पर्वत, नदी, पेड़-पौधों में जीवंतता है और वे हमारे लिए पूज्यनीय हैं। “जल गंगा संवर्धन” अभियान के अंतर्गत सभी लोग एकजुट होकर जल का संरक्षण एवं संवर्धन करके भावी पीढ़ी को विशेष उपहार दें, जिससे हमारी भावी पीढ़ी को जल का संकट महसूस ना हो। उन्होंने कहा कि पेड़ और मनुष्य एक दूसरे के पूरक हैं। पेड़ों के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं तथा बदले में हम उन्हें कार्बनड्राई ऑक्साइड गैस देते हैं, जो पेड़-पौधे गृहण करते हैं। हम सभी के जीवन में पेड़-पौधों का भी विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि शहडोल संभाग “जल गंगा संवर्धन अभियान” में जल-स्रोतों के संरक्षण और साफ-सफाई के साथ-साथ इन स्थानों पर पौधरोपण को प्रोत्साहित किया जाए। मध्यप्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए चलाये जा रहे जल-गंगा संवर्धन अभियान में अनूपपुर जिले के नगर पालिका क्षेत्र कोतमा के वार्ड नंबर-7 स्थित पुरनिहा तालाब की स्वच्छता के लिए श्रमदान करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।

*पेड़ पौधे, नदी, तालाब प्रकृति और पूर्वजों का आशीर्वाद*

मध्यप्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि पेड़ पौधे, नदी, तालाब यह सब हमारे प्रकृति और पूर्वजों का आशीर्वाद है। इसे सहेजना एवं संरक्षित करना हम सब का परम दायित्व है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसी उद्देश्य से “जल-गंगा संवर्धन” अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान तभी पूरा होगा जब शहडोल संभाग के सभी नागरिक एकजुट होकर यह विशेष अभियान में अपनी सहभागिता निभाएंगे तथा जल को संरक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस भीषण गर्मी को देखते हुए अब सतर्क होने का समय आ गया है, हम सभी अपने आसपास के जलस्रोत, नदी, तालाब का संरक्षण एवं संवर्धन करें।

*जल है, तो जीवन है*

मध्यप्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि जल है तो जीवन है। हमारे दैनिक दिनचर्या में जल का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि शासन तो प्रयास कर सकती है, परंतु नागरिकों के सहयोग के बिना यह अभियान संभव नहीं है। नागरिको को भी आगे आना होगा तथा जल के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु उन्हें भी प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि जल का दोहन तो बहुत हो गया, अब जल को संरक्षित एवं संवर्धित करने का समय है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि “जल गंगा संवर्धन” अभियान के अंतर्गत सभी लोग जल के संरक्षण के साथ-साथ पीपल, नीम, बरगद, आम जैसे महत्वपूर्ण वृक्षों का भी रोपण अवश्य करें। जिससे हमारा पर्यावरण एवं प्रकृति का भी संरक्षण एवं संवर्धन हो सके।

*जल प्रकृति का वरदान है, इसे संरक्षित करना हमारा कर्तव्य- कमिश्नर*

कमिश्नर शहडोल संभाग बी.एस. जामोद ने कहा है कि जल प्रकृति का दिया हुआ अद्भुत वरदान है, इसे संरक्षित करना हम सभी का परम कर्तव्य है। हम सभी जानते हैं कि जल है तो कल है, हम सभी का जीवन जल के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि “जल-गंगा संवर्धन” अभियान का संदेश सभी के समन्वित प्रयास से धरातल में उतारे तथा शहडोल संभाग के सभी नदी, तालाब, कुआं एवं अन्य जल स्रोतों की पवित्रता एवं दिव्यता बनाए रखें। उन्होंने कहा कि पुराने जमाने में एक कुएं से कई परिवारों की जल की आवश्यकता पूरी होती थी, परंतु हमारे द्वारा जल का इतना दोहन किया गया कि अब वही कुएं का पानी एक परिवार के लिए भी पूरा नहीं पड़ता। अब सतर्क होने का समय आ गया है, हम सभी को मिलकर जल संरक्षण एवं संवर्धन करना होगा। जिससे आने वाले भविष्य में पानी की समस्या ना हो।

बीएस जामोद कमिश्नर शहडोल संभाग ने कहा कि जल संवर्धन कार्य को जन-जन तक पहुंचाया जाए। अभियान के अंतर्गत सभी लोगों को जोड़ा जाए‌ सभी को जल एवं पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आगे लाया जाए। जो इस अभियान का विशेष उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि जल और जंगल पर सभी का अधिकार है, पर इनको संरक्षित एवं संवर्धित करना भी हमारा दायित्व है। इस दौरान कमिश्नर ने जल एवं पर्यावरण संबंधी विशेष बिंदुओं की जानकारी नागरिकों को प्रदान दी।

*जल स्रोतों का संरक्षण मानव जीवन के लिए आवश्यक- एडीजीपी*

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शहडोल जोन डी.सी. सागर ने कहा कि जल स्रोतों का संरक्षण मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम सभी जल स्त्रोतों को सहेजने उनकी साफ-सफाई और उनके आस-पास वृक्षारोपण जैसी गतिविधियां जनभागीदारी से सुनिश्चित करें। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने सड़क नियमों के संबंध में नागरिकों को बताते हुए कहा कि सभी नागरिक दो पहिया गाड़ी चलाते समय हेलमेट अवश्य पहनें, उन्होंने यह भी बताया कि लोगों के एक गलती के कारण कितने घरों की चिराग बुझ जाते हैं और परिवार दुख में डूब जाता है, इसको ध्यान में रखते हुए सभी सतर्कता एवं जागरूकता के साथ वाहन चलाएं। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों का पालन करें। जल का संरक्षण एवं संवर्धन तथा वृक्षारोपण करें।

कार्यक्रम में अपर कलेक्टर अनूपपुर अमन वैष्णव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर तन्मय वशिष्ठ शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष कोतमा अजय सराफ, नगर पालिका उपाध्यक्ष कोतमा वैशाली ताम्रकार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोतमा अजीत तिर्की सहित जल गंगा संवर्धन अभियान से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारियों, जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ नागरिक तथा मीडिया कर्मी उपस्थित थे।

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