26 मई*जनचर्चा है कि बुरहानपुर के वर्तमान कलेक्टर का हो गया है ट्रांसफर*
बुरहानपुर इन दिनों नगर के नुक्कड़,गलियों, चौपालों और चौराहों पर बुरहानपुर के वर्तमान में पदस्थ दबंग एवं इमानदार कलेक्टर के प्रमोशन/ ट्रांसफर की अफवाह से नगर में सनसनी फैली हुई है। मुंह दर मुंह चर्चा है कि एक ईमानदार और दबंग अधिकारी का ट्रांसफर क्यों कर हो रहा है। मुस्लिम समाजजन इस प्रतिनिधि सहित आला अधिकारियों को फोन/मोबाइल करके इस वायरल की सच्चाई जानने का प्रयास कर रहे हैं। अधिकारीयों और प्रतिनिधि द्वारा उन्हें बताया जा रहा है कि बुरहानपुर के वर्तमान कलेक्टर का ट्रांसफर नहीं हुआ है। यह केवल अफवाह मात्र है, इस में कोई सच्चाई नहीं है,बावजूद इसके जनमानस के द्वारा मीडिया प्रतिनिधि से अनेक प्रश्न किए जा रहे हैं तर्क वितर्क किया जा रहा है। वैसे यह बात निर्विवाद सत्य है कि महाराष्ट्र राज्य की सीमाओं से सटे होने के बावजूद भी बुरहानपुर में कोरोना को नियंत्रित करने में बुरहानपुर के वर्तमान कलेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और उनके दृढ़ निश्चय और नवाचार के कारण ही कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सका है। जिसकी तारीफ समय-समय पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने की है और उनके कार्य को मध्यप्रदेश के लिए भी और रोल मॉडल बताकर उसका अनुसरण करने की सलाह दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कलेक्टर बुरहानपुर की तारीफ की जाने के कारण कलेक्टर बुरहानपुर जहां उनके नूरे नजर बने हुए हैं,वही बुरहानपुर के नेताओं के भी नूरे नजर हैं। जहां तक उनके ट्रांसफर की बात है फिलहाल तो ऐसी कोई बात नहीं है किंतु कुछ महीनों पहले मध्य प्रदेश के सागर जिले में ट्रांसफर होने की बात सामने आई थी लेकिन होली की बोम तीन दिन तक की कहावत के मुताबिक यह बात रफा-दफा हो गई। वैसे आई ए एस रैंक के अधिकारियों का ट्रांसफर भी विचित्र होता है, कहा जाता है कि इनका बोरिया बिस्तर हमेशा तैयार रहता है और यह आई ए एस अधिकारी दिन का सूरज डूबने के बाद अगले दिन का सूरज निकलने से पहले शहर को अलविदा कह देते हैं और घड़ी के कांटे की तरह आगे बढ़कर अपनी अगली मंजिल को पहुंच जाते हैं। पीछे की तरफ मुड़कर नहीं देखते और यही इनके सफलता का रहस्य है। बुरहानपुर वासी नहीं चाहते कि वर्तमान कलेक्टर बुरहानपुर का ट्रांसफर हो, लेकिन सर्विस के बंधन के कारण ऐसा संभव नहीं प्रतीत होता है ट्रांसफर एक सामान्य प्रक्रिया है और शासन जब चाहे ट्रांसफर करने के लिए स्वतंत्र है और हमारे जनप्रतिनिधि अगर चाहे तो उसे रुकवा भी सकते हैं।
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