औरैया 18 मार्च *अहंकार व्यक्ति के पतन का कारण – आचार्य केशवम*

औरैया 18 मार्च *अहंकार व्यक्ति के पतन का कारण – आचार्य केशवम*
*औरैया.* श्री राम कथा में गुरूवार को आचार्य केशवम अवस्थी जी ने कहा की भगवान् शिव ने भी अपने विवाह में गणेश जी का पूजन किया इससे हमें ये समझना चाहिए की देवता अनादि है और गणेश जी सदैव से ही प्रथम पूज्य है इसके बाद महाराज जी ने बताया कि माता पार्वती के पूछने पर भगवन शिव ने माता को राम कथा सुनाई नारद मोह की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि अपने गुरु जी का कभी संदेह नहीं करना चाहिए क्यों की माता पार्वती ने भी अपने गुरु नारद जी पर संदेह नहीं किया , नारद जी के चरित्र सुनाते हुए महाराज जी ने कहा कि अहंकार व्यक्ति के पतन का कारण बन जाता है। किसी को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए , और हमेशा अपने गुरु जी की बात माननी चाहिए , नारद जी ने शकर जी की बात नहीं मानी , इसी लिए उनको और भी अहंकार हो गया. महाराज जी ने कहा कि माया का मनो राज्य सौ योजन का होता है , और जो महापुरुष इस माया राज्य को पार कर जाता है उसे भक्ति मिल जाती है। इसी लिए हनुमान जी सौ योजन सागर को पार करके सीता माँ के पास पहुच गये , और नारद जी इस माया जाल में फस गये , तो उन्हें फिर भगवान् ने इससे निकाला। इसके बाद महाराज जी ने मनु शतरूपा के चरित्र को सुनाया और कहा कि जब कोई अपने सभी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाये तो तो अपना सारा समय भगवान् को देना चाहिए और इसके बाद महाराज जी ने भगवन राम जी के जन्म की कथा सुनाई, और सभी भक्तो ने राम जी के जन्मोत्सव का आनंद लाभ लिया। इस अवसर पर पुत्तन मिश्र, अमित दुबे, डब्लू गुप्ता सहित सैकड़ों भक्तजन मौजूद रहे।